जरूरतमंद को पेंशन न मिलने पर डीएम कार्यालय में प्रदर्शन
देहरादून-कांग्रेस नेत्री आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन ड़ीएम कार्यालय में उनके वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी विनोद कुमार को सौपां व फैक्स माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा है जिसमें उन्होने प्रदेश के जरुरतमंद लाभार्थीयों को मिलने वाली धनराशि को यथाशीर्घ अवमुक्त कराने के लिए आग्रह किया है। उन्होने अपने ज्ञापन में कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बेटी बचाव बेटी पढ़ाओं का नारा दिया है और दूसरी तरफ प्रदेश में समाज कल्याण के अधिकारी बेटियों को उनके हक से वंचित कर रहे है प्रदेश में अधिकत्तम जिलों में अधिकारी पूर्व सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को व बेटी बचाव बेटी बढ़ाओं के नारे को रौंदने में लगे हुए है पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा प्रदेश हित व जनहित की कई परियोजनाओं जिनमें मुख्यतः गौरादेवी कन्याधन योजना,
आन्दोलनकारियों की पेशंन, धर्माचार्यो की पेंशन, विकलांग पेशंन व निराश्रित विधवाओं की बेटीयों की शादी के लिये लाखों रुपये के अनुदान व अन्य पेशंन व योजनाओं के अर्न्तगत जिस धनराशि का वितरण होना चाहिए था सम्बन्धित महकमों की लापरवाही की वजह से वो बैंको तक ही सीमित रह गया तथा जरुरतमंद व इस मद में मिलने वाले धन के लाभार्थीयों अपने इस लाभ से वंचित रह गए, ऊपर से सोने पे सुहागा यह कि जिलों में बगैर शासन व वित्त अनुभाग कि अनुमति के नियमाविरुद्ध बैंकों में कई-कई खाते खोल दिये गए जिनमें लगभग 45 करोड़ रुपयों से अधिक की धनराशि जो कि उपयोग में लाई जानी चाहिए थी वह खातों तक ही सीमित रह गई और गरीबी रेखा से नीचें जीवन यापन करने वाले 600 से अधिक बालिकाओं को निराश्रित विधवाओं की पुत्रियों की शादीयों के लिए एंव पूर्व सरकार द्वारा लाभ जो दिये गये थे उनका लाभार्थीयों तक न पहुॅच पाना दुर्भाग्यपूर्ण है एवं महिला अपराधों पर भी अंकुश न लगा पाने में सरकार असफल रही है। इस अवसर पर आईशा, रेखा डिंगरा, हिमांशु लोधी, पायल बहन, कोकिला, आशा, माला, रुपा, अलिशा, शमां, सन्नों, नगमा, रेहाना, ममता, रीना पासवान, ललिता देवी आदि उपस्थित थे।
आन्दोलनकारियों की पेशंन, धर्माचार्यो की पेंशन, विकलांग पेशंन व निराश्रित विधवाओं की बेटीयों की शादी के लिये लाखों रुपये के अनुदान व अन्य पेशंन व योजनाओं के अर्न्तगत जिस धनराशि का वितरण होना चाहिए था सम्बन्धित महकमों की लापरवाही की वजह से वो बैंको तक ही सीमित रह गया तथा जरुरतमंद व इस मद में मिलने वाले धन के लाभार्थीयों अपने इस लाभ से वंचित रह गए, ऊपर से सोने पे सुहागा यह कि जिलों में बगैर शासन व वित्त अनुभाग कि अनुमति के नियमाविरुद्ध बैंकों में कई-कई खाते खोल दिये गए जिनमें लगभग 45 करोड़ रुपयों से अधिक की धनराशि जो कि उपयोग में लाई जानी चाहिए थी वह खातों तक ही सीमित रह गई और गरीबी रेखा से नीचें जीवन यापन करने वाले 600 से अधिक बालिकाओं को निराश्रित विधवाओं की पुत्रियों की शादीयों के लिए एंव पूर्व सरकार द्वारा लाभ जो दिये गये थे उनका लाभार्थीयों तक न पहुॅच पाना दुर्भाग्यपूर्ण है एवं महिला अपराधों पर भी अंकुश न लगा पाने में सरकार असफल रही है। इस अवसर पर आईशा, रेखा डिंगरा, हिमांशु लोधी, पायल बहन, कोकिला, आशा, माला, रुपा, अलिशा, शमां, सन्नों, नगमा, रेहाना, ममता, रीना पासवान, ललिता देवी आदि उपस्थित थे।
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