पर्यटन योजनाओं के एमओयू पर हस्ताक्षर
देहरादून-सचिवालय में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत एवं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की उपस्थिति में विभिन्न पर्यटन योजनाओं से संबंधित लगभग 3600 करोड़ की निवेश योजनाओं के एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये। राज्य सरकार की ओर से एम.ओ.यू. पर पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर द्वारा हस्ताक्षर किये गये। इस अवसर पर जिन योजनाओं पर एम.ओ.यू. हस्ताक्षर किये गये उनमें रोपवे एवं हाॅस्पिटैलिटी के क्षेत्र में, के.के. लाॅजिस्टिक द्वारा 1885 करोड़, होटल व्यवसाय हेतु लेजर रिट्रीट प्रा.लि. द्वारा 513 करोड़, रोपवे के क्षेत्र में अनन्तराज द्वारा 275 करोड़ तथा हल्दीराम द्वारा 200 करोड़ की योजना प्रमुख रूप से शामिल है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि पर्यटन राज्य की आर्थिकी का महत्वपूर्ण साधन है। इस क्षेत्र में अधिक से अधिक निवेश से पर्यटन क्षेत्र की अवस्थापना सुविधाओं का विकास होगा। इससे पर्यटकों को सुविधा होने के साथ ही स्थानीय लोगों तथा युवाओं को रोजगार व स्वरोजगार के अधिक से अधिक
अवसर भी उपलब्ध हो सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन के विभिन्न क्षेत्र में उद्यमियों द्वारा की जा रही पहल राज्य के पर्यटन के लिये शुभ संकेत है। मुख्यमंत्री ने निवेशकों का स्वागत करते हुए राज्य सरकार की ओर से आवश्यक सहयोग का आश्वासन दिया। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखण्ड में पर्यटन के क्षेत्र में निवेश की अपार संभावनाएं है। हमारा प्रयास राज्य के अनछुये पर्यटन स्थलों को देश व दुनिया के समक्ष प्रस्तुत करने का है। इसके लिये विभिन्न योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है तथा निवेश के अनुकूल पर्यटन नीति बनायी गयी है।
स्चिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने बताया कि राज्य में आगामी 07 एवं 08 अक्टूबर को होने वाले डेस्टिनेशन इन्वेस्टमेंट समिट 2018 में राज्य में अवस्थापना विकास कार्य तथा प्रबंधन हेतु अधिक से अधिक निवेशकों को आकर्षित करने के लिए पर्यटन विभाग द्वारा व्यापक प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटन से संबंधित विभिन्न परियोजनाओं पर अब तक 13328 करोड़ रूपये के एमओयू पर हस्ताक्षर हो चुके हैं, इसके अतिरिक्त लगभग 3600 करोड़ रूपये के एमओयू पर गुरूवार को हस्ताक्षर हुए हैं।
स्चिव पर्यटन ने बताया कि एमओयू किये गये मुख्य परियोजनाओं में होटल प्रोजेक्ट्स, टैंट सिटी, रोपवे पर्यटन अवसंरचना विकास, अवशिष्ट प्रबंधन तथा हाॅस्पिटैलिटी क्षेत्र के विभिन्न प्रोजेेक्ट शामिल है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिए जाने के बाद पर्यटन परियोजनाओं की ओर निवेशकों का आकर्षण बढ़ा है। सिंगल विंडो सिस्टम , इज आॅफ डूइंग बिजनेस के साथ तमाम प्रोत्साहनों को सम्मिलित कर लिए जाने से पर्यटन क्षेत्र की परियोजनाएं निवेशकों के बीच एक आकर्षक पैकेज बनकर उभर रही है। पर्यटन विभाग की योजना है कि राज्य के अधिक ऊंचाई पर स्थित पर्यटक गंतव्य को रोपवे से जोडा जाए ताकि हिल स्टेशन की यात्रा को और अधिक आसान और रोमांचक बनाया जा सके। इसके लिए निवेशकों को रोपवे प्रोजेक्ट की ओर आकर्षित किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त हाॅस्पिटैलिटी तथा वैलनेस के क्षेत्र में निवेशकों को आमंत्रित करने की योजना है। उन्होंने कहा कि टिहरी बांध पर्यटकों के पसंदीदा गंतव्य के रूप में उभर रहा है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि पर्यटन राज्य की आर्थिकी का महत्वपूर्ण साधन है। इस क्षेत्र में अधिक से अधिक निवेश से पर्यटन क्षेत्र की अवस्थापना सुविधाओं का विकास होगा। इससे पर्यटकों को सुविधा होने के साथ ही स्थानीय लोगों तथा युवाओं को रोजगार व स्वरोजगार के अधिक से अधिक
अवसर भी उपलब्ध हो सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन के विभिन्न क्षेत्र में उद्यमियों द्वारा की जा रही पहल राज्य के पर्यटन के लिये शुभ संकेत है। मुख्यमंत्री ने निवेशकों का स्वागत करते हुए राज्य सरकार की ओर से आवश्यक सहयोग का आश्वासन दिया। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखण्ड में पर्यटन के क्षेत्र में निवेश की अपार संभावनाएं है। हमारा प्रयास राज्य के अनछुये पर्यटन स्थलों को देश व दुनिया के समक्ष प्रस्तुत करने का है। इसके लिये विभिन्न योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है तथा निवेश के अनुकूल पर्यटन नीति बनायी गयी है।
स्चिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने बताया कि राज्य में आगामी 07 एवं 08 अक्टूबर को होने वाले डेस्टिनेशन इन्वेस्टमेंट समिट 2018 में राज्य में अवस्थापना विकास कार्य तथा प्रबंधन हेतु अधिक से अधिक निवेशकों को आकर्षित करने के लिए पर्यटन विभाग द्वारा व्यापक प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटन से संबंधित विभिन्न परियोजनाओं पर अब तक 13328 करोड़ रूपये के एमओयू पर हस्ताक्षर हो चुके हैं, इसके अतिरिक्त लगभग 3600 करोड़ रूपये के एमओयू पर गुरूवार को हस्ताक्षर हुए हैं।
स्चिव पर्यटन ने बताया कि एमओयू किये गये मुख्य परियोजनाओं में होटल प्रोजेक्ट्स, टैंट सिटी, रोपवे पर्यटन अवसंरचना विकास, अवशिष्ट प्रबंधन तथा हाॅस्पिटैलिटी क्षेत्र के विभिन्न प्रोजेेक्ट शामिल है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिए जाने के बाद पर्यटन परियोजनाओं की ओर निवेशकों का आकर्षण बढ़ा है। सिंगल विंडो सिस्टम , इज आॅफ डूइंग बिजनेस के साथ तमाम प्रोत्साहनों को सम्मिलित कर लिए जाने से पर्यटन क्षेत्र की परियोजनाएं निवेशकों के बीच एक आकर्षक पैकेज बनकर उभर रही है। पर्यटन विभाग की योजना है कि राज्य के अधिक ऊंचाई पर स्थित पर्यटक गंतव्य को रोपवे से जोडा जाए ताकि हिल स्टेशन की यात्रा को और अधिक आसान और रोमांचक बनाया जा सके। इसके लिए निवेशकों को रोपवे प्रोजेक्ट की ओर आकर्षित किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त हाॅस्पिटैलिटी तथा वैलनेस के क्षेत्र में निवेशकों को आमंत्रित करने की योजना है। उन्होंने कहा कि टिहरी बांध पर्यटकों के पसंदीदा गंतव्य के रूप में उभर रहा है।
Comments
Post a Comment