हमें अपनी अंग्रेजी मानसिकता को छोड़ना होगा
देहरादून– वन अनुसंधान संस्थान में हिन्दी पखवाड़े का समापन समारोह में प्रभारी अधिकारी द्वारा सभी का स्वागत किया गया। कुलसचिव, नीलिमा शाह द्वारा पुष्पगुच्छ देकर एवं प्रमुख, वन संवर्धन एवं प्रबंधन प्रभाग आरती चौधरी ने स्मृति चिन्ह देकर समारोह के मुख्य अतिथि डा0 सविता, निदेशक, वन अनुसंधान संस्थान का स्वागत किया गया। तत्पश्चात संस्थान की कुलसचिव नीलिमा शाह ने गृह मंत्री, राजनाथ सिंह का संदेश पढ़कर सुनाया। संस्थान में हिंदी पखवाड़े के दौरान विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।समापन समारोह के अवसर पर स्वरचित काव्य पाठ प्रतियोगिता का आयोजन हुआ जिसमें संस्थान कर्मियों ने अपनी-अपनी रचनाएं पढ़ी। इसके बाद विजेताओं को मुख्य अतिथि द्वारा पुरस्कृत किया गया। प्रतियोगिता में हिन्दी टंकण में प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं प्रोत्साहन पुरस्कार विजेता क्रमशः शशांक शुक्ला, परियोजना सहायक, सुधीर सिंह बिष्ट, अवर श्रेणी लिपिक, अरविंद कुमार, अवर श्रेणी लिपिक, सुशील भट्टाराई, तकनीशियन। हिन्दी टिप्पण व प्रारूप लेखन में
प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं प्रोत्साहन पुरस्कार विजेता क्रमशः छत्रपाल सैनी, सहायक, वी.के. भट्ट, मुख्य भण्डारपाल, संजीव खुगशाल, अनुभाग अधिकारी, आशीष कुमार, एम.टी.एस. । निबंध प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं प्रोत्साहन पुरस्कार क्रमशः अरविंद कुमार, अवर श्रेणी लिपिक, भूपेन्द्र जायसी, एम.टी.एस., विनोद कुमार , कार्यालय परिचारक, छत्रपाल सिंह सैनी, सहायक को प्रदान किए गए। स्वरचित काव्य पाठ में प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं प्रोत्साहन पुरस्कार क्रमशः सुबोध बाजपेई, सचिन कुमार, गौरव पाण्डेय और अकांक्षा शुक्ला को दिये गये।इस अवसर पर समारोह के मुख्य अतिथि संस्थान निदेशक डा0 सविता ने अपने सम्बोधन में कहा कि हम सब का दायित्व है कि हम संविधान की भावना के अनुरूप अपना अधिक से अधिक कार्य राजभाषा हिन्दी में करें। हिन्दी सरल व सुबोध होने के साथ-साथ देश को एकसूत्र में पिरोने का कार्य करती है। हमें अपनी अंग्रेजी मानसिकता को छोड़ना होगा तभी हम हिन्दी का विकास कर सकेंगे। उन्होंने इस अवसर पर सभी लोगों को संकल्प दिलाया कि सभी अधिकारी व कर्मचारी संविधान के प्रति आस्था रखते हुए राजभाषा हिन्दी के विकास और उत्थान में अपना-अपना योगदान दें।संस्थान के कुलसचिव नीलिमा शाह के कुशल मार्गदर्शन में रामबीर सिंह, वैज्ञानिक-डी/प्रभारी अधिकारी हिंदी अनुभाग, शंकर शर्मा, हिंदी अधिकारी,दिनेेेश कुमार, अनुवादक एवं रमेश सिंह, सहायक द्वारा सम्पूर्ण कार्यक्रम का कुशलतापूर्वक संयोजन किया गया।
प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं प्रोत्साहन पुरस्कार विजेता क्रमशः छत्रपाल सैनी, सहायक, वी.के. भट्ट, मुख्य भण्डारपाल, संजीव खुगशाल, अनुभाग अधिकारी, आशीष कुमार, एम.टी.एस. । निबंध प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं प्रोत्साहन पुरस्कार क्रमशः अरविंद कुमार, अवर श्रेणी लिपिक, भूपेन्द्र जायसी, एम.टी.एस., विनोद कुमार , कार्यालय परिचारक, छत्रपाल सिंह सैनी, सहायक को प्रदान किए गए। स्वरचित काव्य पाठ में प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं प्रोत्साहन पुरस्कार क्रमशः सुबोध बाजपेई, सचिन कुमार, गौरव पाण्डेय और अकांक्षा शुक्ला को दिये गये।इस अवसर पर समारोह के मुख्य अतिथि संस्थान निदेशक डा0 सविता ने अपने सम्बोधन में कहा कि हम सब का दायित्व है कि हम संविधान की भावना के अनुरूप अपना अधिक से अधिक कार्य राजभाषा हिन्दी में करें। हिन्दी सरल व सुबोध होने के साथ-साथ देश को एकसूत्र में पिरोने का कार्य करती है। हमें अपनी अंग्रेजी मानसिकता को छोड़ना होगा तभी हम हिन्दी का विकास कर सकेंगे। उन्होंने इस अवसर पर सभी लोगों को संकल्प दिलाया कि सभी अधिकारी व कर्मचारी संविधान के प्रति आस्था रखते हुए राजभाषा हिन्दी के विकास और उत्थान में अपना-अपना योगदान दें।संस्थान के कुलसचिव नीलिमा शाह के कुशल मार्गदर्शन में रामबीर सिंह, वैज्ञानिक-डी/प्रभारी अधिकारी हिंदी अनुभाग, शंकर शर्मा, हिंदी अधिकारी,दिनेेेश कुमार, अनुवादक एवं रमेश सिंह, सहायक द्वारा सम्पूर्ण कार्यक्रम का कुशलतापूर्वक संयोजन किया गया।
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