देहरादून वासी कला प्रदर्शनी का लुप्त उठाएंगे
देहरादून - अंतारा सीनियर लिविंग कलाकार राधिका चांद द्वारा बनाए गए चित्रों की एक कला प्रदर्शनी का आयोजन कर रहा है। भारत की प्रसिद्ध कलाकार अंजोली इला मेनन ने अंतारा देहरादून की द गैलरी में कला प्रदर्शनी का उद्धाटन किया। आर्ट प्रदर्शनी देखने आये कई कला प्रेमियों ने राधिका के काम की प्रशंसा की। यह प्रदर्शनी देहरादूनवासियों के लिए 27 सितंबर से 31 अक्टूबर 2018 तक खुली रहेगी, जहां प्रतिदिन सुबह 10 बजे से रात 8 बजे तक कला प्रदर्शनी का लुप्त उठाया जा सकता है। पद्मश्री विजेता कलाकार अंजोली इला मेनन ने कहा, “चांद का काम भारतीय कलाकृति का बेहतरीन नमूना है। उनका काम पूरी तरह से अद्वितीय और वास्तविक है, जो पहले से मान्यता प्राप्त शैली से संबंधित नहीं है। इन जीवंत कल्पनाओं को स्वतंत्रता और जोश के साथ निष्पादित किया गया है, जो उनके कार्य की भावना में पोलक मछली की तरह दिखाई देता है। कुछ हद तक उनका काम ऑस्ट्रेलियाई आदिवासियों के डॉट पेंटिंग्स की याद दिलाता है।
”पद्मश्री और पद्म भूषण से सम्मानित कलाकार कृष्ण खन्ना ने कहा, “इस तरह के प्रभावशाली कार्य में अंतर्निहित ऊर्जा अपने आप में उल्लेखनीय है।... पेंटिंग्स वास्तव में जुनूनी हैं और उनका दोहरा चरित्र मंत्र के जाप की तरह है।राधिका दिल्ली, कोलकाता, हांगकांग और सिडनी समेत दुनिया के विभिन्न हिस्सों में रही हैं और अध्ययन किया है। उनकी यात्रा का प्रभाव उनके काम में बहुत झलकता है। उनका पहला एकल शो 1992 में दिल्ली में आयोजित किया गया था। तब से, उन्होंने अपने काम के कई एकल शो आयोजित किए और भारत एवं विदेशों में ग्रुप शो में भाग लिया। राधिका को 1997 में ‘यामागता फेलो’ चुना गया-वॉशिंगटन डीसी में कॉर्कोरन गैलरी में एक गहन कला कार्यशाला में भाग लेने के लिए अंतरराष्ट्रीय जूरी द्वारा चुने गए 12 कलाकारों में से एक। वेरी स्पेशल आर्ट्स इंटरनेशनल ने उनके काम को वॉशिंगटन डीसी में अपनी गैलरी, न्यूयॉर्क में यूएन मुख्यालय, जापान के नागानो में सांस्कृतिक पैरालाम्पियाड और टेनेसी, यूएसए में क्लार्कविले मोंटगोमेरी काउंटी म्यूजियम में प्रदर्शित किया है। उनके काम को कार्टराइट हॉल आर्ट गैलेरी, ब्रेडफोर्ड, इंग्लैंड के संग्रह में शामिल है और भारत, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, फनिलैंड और संयुक्त राज्य अमेरिका के कई प्राइवेट म्यूजियम में इन्हें रखा गया है।
”पद्मश्री और पद्म भूषण से सम्मानित कलाकार कृष्ण खन्ना ने कहा, “इस तरह के प्रभावशाली कार्य में अंतर्निहित ऊर्जा अपने आप में उल्लेखनीय है।... पेंटिंग्स वास्तव में जुनूनी हैं और उनका दोहरा चरित्र मंत्र के जाप की तरह है।राधिका दिल्ली, कोलकाता, हांगकांग और सिडनी समेत दुनिया के विभिन्न हिस्सों में रही हैं और अध्ययन किया है। उनकी यात्रा का प्रभाव उनके काम में बहुत झलकता है। उनका पहला एकल शो 1992 में दिल्ली में आयोजित किया गया था। तब से, उन्होंने अपने काम के कई एकल शो आयोजित किए और भारत एवं विदेशों में ग्रुप शो में भाग लिया। राधिका को 1997 में ‘यामागता फेलो’ चुना गया-वॉशिंगटन डीसी में कॉर्कोरन गैलरी में एक गहन कला कार्यशाला में भाग लेने के लिए अंतरराष्ट्रीय जूरी द्वारा चुने गए 12 कलाकारों में से एक। वेरी स्पेशल आर्ट्स इंटरनेशनल ने उनके काम को वॉशिंगटन डीसी में अपनी गैलरी, न्यूयॉर्क में यूएन मुख्यालय, जापान के नागानो में सांस्कृतिक पैरालाम्पियाड और टेनेसी, यूएसए में क्लार्कविले मोंटगोमेरी काउंटी म्यूजियम में प्रदर्शित किया है। उनके काम को कार्टराइट हॉल आर्ट गैलेरी, ब्रेडफोर्ड, इंग्लैंड के संग्रह में शामिल है और भारत, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, फनिलैंड और संयुक्त राज्य अमेरिका के कई प्राइवेट म्यूजियम में इन्हें रखा गया है।
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