दून सिनेफ़ाइल्स की ओर से 'रशोमन' फ़ि‍ल्‍म पर चर्चा

देहरादून-'दून सिनेफ़ाइल्स' की ओर से फ़िल्म प्रदर्शन और बातचीत में इस बार 'रशोमन' विश्‍व सिनेमा की सबसे बेहतरीन फ़ि‍ल्‍मों में से एक है। 1950 में बनी इस फ़ि‍ल्‍म से ही महान जापानी फ़ि‍ल्‍मकार अकिरा कुरोसावा को सबसे पहले विश्‍व स्‍तर पर ख्‍याति मिली।  फ़ि‍ल्‍म की कहानी मध्‍यकालीन जापान की है जिसमें एक समुराई योद्धा की मृत्‍यु और उसकी पत्‍नी के बलात्‍कार की घटना का विवरण चार अलग-अलग किरदार अलग-अलग ढंग से देते हैं।
समुराई योद्धा और उसकी पत्‍नी के अलावा विवरण देने वाले दो अन्‍य किरदारों में एक डाकू है और दूसरा लकड़हारा। चारों विवरण इतने अलग और अन्‍तरविरोधी होते हैं कि फ़ि‍ल्‍म के अन्‍त तक यह सस्‍पेन्‍स बना रहता है कि आखिर वास्‍तव में हुआ क्‍या था। यह फ़ि‍ल्‍म दुनिया भर में इतनी मशहूर हो गई कि इसके नाम पर विभिन्‍न व्‍यक्तियों द्वारा एक ही घटना की अलग-अलग और अन्‍तरविरोधी व्‍याख्‍याएँ देने की परिघटना को 'रशोमन प्रभाव' के नाम से जाना जाने लगा। फ़ि‍ल्‍म की सिनेमैटोग्राफ़ी भी लाजवाब है और उसमें फ्लैशबैक का बेहतरीन इस्‍तेमाल किया गया है।फ़ि‍ल्‍म स्‍क्रीनिंग के बाद फिल्‍म की कहानी और उसके तमाम कलात्‍मक पक्ष पर बातचीत एवं चर्चा हैं!


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