एक्शन फाॅर हप्पीनेस आनन्द को बाहर नहीं भीतर खोजे-स्वामी चिदानन्द
लन्दन-दलाई लामा के सम्मान में परमार्थ निकेेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती, जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती , लंदन के लाॅर्ड रिचर्ड लेर्ड, लाॅर्ड एंड्रयू स्टोन, लार्ड क्लाइव ब्रुक एवं हैदर मेसन की भेट हुई तथा ’योग इन सोसाइटी’ और हैप्पीनेस के विषय में विशद चर्चा हुई। दलाई लामा ’एक्शन फाॅर हैप्पीनेस’ के संरक्षक है।चिदानन्द सरस्वती ने दलाई लामा को जन्मदिन की बधाई दी तथा कहा कि पूरे विश्व में ’एक्शन फाॅर हेप्पीनेस’ हर दिल में प्रत्येक घर में, परिवार में, समूह में और पूरी दुनिया में खुशियों की बरसात हो; जीवन खुशमय बने; खुशहाल बने; प्रसन्न बने और सुखमय बने इसलिये यह फाउण्डेशन
बेहतरीन कार्य कर रहा है।चर्चा के दौरान स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने आन्तरिक और बाहरी प्रसन्नता के मध्य गहरा सम्बंध, प्रसन्न्ता के सूचकांक, आय या भौतिक संपदा के आधार पर खुशी और कल्याण के मापदंड निर्धारित न करने, शेल्फ भरना ( अलमारियों के खाने भरना) लेकिन शेल्फ भरते-भरते सेल्फ को, खुद को खाली रखना बूद्धिमत्ता का सूचक नही है पर अपने विचार व्यक्त किये। स्वामी ने कहा की शेल्फ ( अलमारी) और सेल्फ ( स्वंय ) को भरते हुये जीवन को आगे बढ़ाये। उन्होने कहा कि शेल्फ भरे व बटोरे, लेकिन बाँटने के लिये यह उससे भी ज्यादा जरूरी है क्योंकि ’’बटोरना जीवन में विशद पैदा करता है और बाँटना प्रसाद पैदा करता है’’ इसलिये शेल्फ और सेल्फ में बेलैंस बनाये रखना बहुत जरूरी है।
अप्रैल 2018 को आॅल पार्टी पार्लियामेंट ग्रुप (एमएपीपीजी) में ’’योग इन सोसाइटी’’ स्वामी चिदानन्द सरस्वती और साध्वी भगवती सरस्वती के बारे में जानकारी ली। इसका उद्देश्य पार्लियामेन्ट और पब्लिक के मध्य दीर्घकालिन फायदेमंद प्रभाव लाने, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य, कार्य स्थल पर सभी के कल्याण और टीमवर्क के विषय में, आपराधिक न्याय प्रणाली (अपराधियों और पुलिस) तथा शिक्षा के क्षेत्र में छात्र और शिक्षकों के सम्बन्धों के विषय में विशद चर्चा हुई।वेलबींग के निदेशक लाॅर्ड रिचर्ड लेई, सेंटर फाॅर इकोनाॅमिक परफॅार्मेस और एमरिटस प्रोफेसर आॅफ इकोनाॅमिक एलएसइ, एक्शन फाॅर हैप्पीनेस के बारे में अपने विचार साझा किये जो एक वैश्विक समृद्धि से युक्त आन्दोलन है।इस आन्दोलन के संरक्षक पूज्य दलाई लामा है उनकी संरक्षण में ही वर्ष 2015 में एक्सप्लोरिंग व्हाट मैटर्स कोर्स लाॅन्च किया गया था। इस आठ सप्ताह के कार्यक्रम में हजारों लोगों ने सहभाग किया था जिससे उनके मानसिक कल्याण में 20 प्रतिशत और सामाजिक विश्वास में 17 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि हुयी थी।स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि ’’प्रसन्नता आन्तरिक तत्व है और इसके लिये किसी कारण की आवश्यकता नहीं होती। मनुष्य को छोड़कर नियंता की बनायी हर कृति प्रसन्न है। पेड, फूल, नदियां, झरने सब का अपना संगीत है, उनके पास अमीर बनने या बड़े बड़े स्वप्न नहीं है परन्तु फिर भी सदा प्रसन्न रहते है। जिस दिन मनुष्य बिना किसी कारण के प्रसन्न होना सीख जायेगा उस दिन सारी सृष्टि आनन्द से आच्छादित हो जायेगी। उन्होने कहा कि आनन्द को बाहर नहीं भीतर खोजे।’’
एक्शन फाॅर हैप्पीनेस आन्दोलन के सदस्यों एवं लाॅर्ड से चर्चा करते हुये स्वामी चिदानन्द सरस्वती कहा कि धार्मिक, राजनीतिक या वाणिज्यिक सम्बद्धताओं के साथ या उनके बिना सभी लोगों, सभी धर्मो, समाज के सभी हिस्सों के लोगो को खुश करने का पूरा प्रयास करेे।बैठक के पश्चात स्वामी चिदानन्द सरस्वती और साध्वी भगवती सरस्वती ने हाउस आॅफ लाॅर्ड्स के प्रथम सत्र में सहभाग किया।
एक्शन फाॅर हेप्पीनेस के सह-संस्थापक लाॅर्ड रिचर्ड लेर्ड ने कहा, हमें जीवन को मौलिक तरीके से अलग तरीके से देखना चाहते है-जहां लोग खुद के लिये और दूसरों की खुशी के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते है। उन्होने कहा कि हमने एक अन्वेषण किया है जहां लोग यह आंकलन कर सकते है कि वास्तव में जीवन में क्या मायने रखता है और समान विचारधारा वाले व्यक्ति किस कारण आपस में जुड़ते है।लाॅड एंड्रयू स्टोन जो कला और विज्ञान, मस्तिष्क और आध्यात्मिकता में गहरी रूचि रखते है उन्होने कहा कि अब मैं आश्वस्त हूँ कि इस सत्र से विज्ञान और आध्यात्मिकता के बीच सम्बंध स्थापित होगा जिससे मस्तिष्क में अनजान लोगों के प्रति भी करूणा उत्पन्न करने का अभ्यास किया जा सकता है।लाॅर्ड रिचर्ड लेर्ड, लाॅर्ड एंड्रयू स्टोन, लार्ड क्लाइव ब्रुक ने मिलकर स्वामी चिदानन्द सरस्वती से निवेदन किया कि अगली बार जब आप आये तो हमें ज्यादा समय अवश्य दे, हम पार्लियामेण्ट के अधिकतर लाॅर्ड और सदस्यों के साथ गोष्ठी रखे जिससे और लोगों को भी उनके माध्यम से लाभ हो सकता है।
बेहतरीन कार्य कर रहा है।चर्चा के दौरान स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने आन्तरिक और बाहरी प्रसन्नता के मध्य गहरा सम्बंध, प्रसन्न्ता के सूचकांक, आय या भौतिक संपदा के आधार पर खुशी और कल्याण के मापदंड निर्धारित न करने, शेल्फ भरना ( अलमारियों के खाने भरना) लेकिन शेल्फ भरते-भरते सेल्फ को, खुद को खाली रखना बूद्धिमत्ता का सूचक नही है पर अपने विचार व्यक्त किये। स्वामी ने कहा की शेल्फ ( अलमारी) और सेल्फ ( स्वंय ) को भरते हुये जीवन को आगे बढ़ाये। उन्होने कहा कि शेल्फ भरे व बटोरे, लेकिन बाँटने के लिये यह उससे भी ज्यादा जरूरी है क्योंकि ’’बटोरना जीवन में विशद पैदा करता है और बाँटना प्रसाद पैदा करता है’’ इसलिये शेल्फ और सेल्फ में बेलैंस बनाये रखना बहुत जरूरी है।
अप्रैल 2018 को आॅल पार्टी पार्लियामेंट ग्रुप (एमएपीपीजी) में ’’योग इन सोसाइटी’’ स्वामी चिदानन्द सरस्वती और साध्वी भगवती सरस्वती के बारे में जानकारी ली। इसका उद्देश्य पार्लियामेन्ट और पब्लिक के मध्य दीर्घकालिन फायदेमंद प्रभाव लाने, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य, कार्य स्थल पर सभी के कल्याण और टीमवर्क के विषय में, आपराधिक न्याय प्रणाली (अपराधियों और पुलिस) तथा शिक्षा के क्षेत्र में छात्र और शिक्षकों के सम्बन्धों के विषय में विशद चर्चा हुई।वेलबींग के निदेशक लाॅर्ड रिचर्ड लेई, सेंटर फाॅर इकोनाॅमिक परफॅार्मेस और एमरिटस प्रोफेसर आॅफ इकोनाॅमिक एलएसइ, एक्शन फाॅर हैप्पीनेस के बारे में अपने विचार साझा किये जो एक वैश्विक समृद्धि से युक्त आन्दोलन है।इस आन्दोलन के संरक्षक पूज्य दलाई लामा है उनकी संरक्षण में ही वर्ष 2015 में एक्सप्लोरिंग व्हाट मैटर्स कोर्स लाॅन्च किया गया था। इस आठ सप्ताह के कार्यक्रम में हजारों लोगों ने सहभाग किया था जिससे उनके मानसिक कल्याण में 20 प्रतिशत और सामाजिक विश्वास में 17 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि हुयी थी।स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि ’’प्रसन्नता आन्तरिक तत्व है और इसके लिये किसी कारण की आवश्यकता नहीं होती। मनुष्य को छोड़कर नियंता की बनायी हर कृति प्रसन्न है। पेड, फूल, नदियां, झरने सब का अपना संगीत है, उनके पास अमीर बनने या बड़े बड़े स्वप्न नहीं है परन्तु फिर भी सदा प्रसन्न रहते है। जिस दिन मनुष्य बिना किसी कारण के प्रसन्न होना सीख जायेगा उस दिन सारी सृष्टि आनन्द से आच्छादित हो जायेगी। उन्होने कहा कि आनन्द को बाहर नहीं भीतर खोजे।’’
एक्शन फाॅर हेप्पीनेस के सह-संस्थापक लाॅर्ड रिचर्ड लेर्ड ने कहा, हमें जीवन को मौलिक तरीके से अलग तरीके से देखना चाहते है-जहां लोग खुद के लिये और दूसरों की खुशी के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते है। उन्होने कहा कि हमने एक अन्वेषण किया है जहां लोग यह आंकलन कर सकते है कि वास्तव में जीवन में क्या मायने रखता है और समान विचारधारा वाले व्यक्ति किस कारण आपस में जुड़ते है।लाॅड एंड्रयू स्टोन जो कला और विज्ञान, मस्तिष्क और आध्यात्मिकता में गहरी रूचि रखते है उन्होने कहा कि अब मैं आश्वस्त हूँ कि इस सत्र से विज्ञान और आध्यात्मिकता के बीच सम्बंध स्थापित होगा जिससे मस्तिष्क में अनजान लोगों के प्रति भी करूणा उत्पन्न करने का अभ्यास किया जा सकता है।लाॅर्ड रिचर्ड लेर्ड, लाॅर्ड एंड्रयू स्टोन, लार्ड क्लाइव ब्रुक ने मिलकर स्वामी चिदानन्द सरस्वती से निवेदन किया कि अगली बार जब आप आये तो हमें ज्यादा समय अवश्य दे, हम पार्लियामेण्ट के अधिकतर लाॅर्ड और सदस्यों के साथ गोष्ठी रखे जिससे और लोगों को भी उनके माध्यम से लाभ हो सकता है।
Comments
Post a Comment