महाराष्ट्र के पत्रकार उत्तराखण्ड का उदाहरण देते हैं-मानकर
देहरादून- स्टडी टूर पर आए महाराष्ट्र सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग के अधिकारियों के दल ने उत्तराखण्ड के सूचना विभाग के अधिकारियों ने अपने-अपने अनुभवों को साझा किया। राज्य सरकार की जन-कल्याणकारी योजनाओं, कार्यक्रमों की जानकारी किस प्रकार प्रभावकारी तरीके से लोगों तक पहुंचाई जा सकती है, इस पर दोनों राज्यों के अधिकारियों ने गहन विचार विमर्श किया। प्रिन्ट, इलेक्ट्रोनिक, सोशल मीडिया को समय पर सूचना का सम्प्रेषण व उनसे फीडबैक पर भी चर्चा की गई। कई राज्यों का दौरा करने के बाद उत्तराखण्ड आए महाराष्ट्र सूचना विभाग के निदेशक शिवाजी मानकर ने कहा कि उत्तराखण्ड एक नवोदित व छोटा राज्य है। यहां के सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग द्वारा सीमित संसाधनों के होते हुए भी जिस प्रकार पत्रकारों के कल्याणार्थ पत्रकार पेंशन, पत्रकारों को ईलाज के लिए
सहायता व पत्रकार कल्याण कोष का प्राविधान किया गया है वह दूसरे प्रदेशों के लिए भी अनुकरणीय है। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र में भी पत्रकार उत्तराखण्ड का उदाहरण देते हैं। इसी प्रकार सोशल मीडिया नियमावली बनाने में उत्तराखण्ड का सूचना विभाग अग्रणी है। उन्होंने सांस्कृतिक दलों के माध्यम से सरकारी व जनहितकारी योजनाओं के प्रचार प्रसार की भी सराहना की।महाराष्ट्र के अधिकारियों द्वारा अपने राज्य में सूचना विभाग की कार्यप्रणाली व नवोन्मेषी कार्यों का प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने बताया कि उनके यहां जय महाराष्ट्र के नाम से चर्चा आधारित कार्यक्रम नियमित तौर पर दूरदर्शन पर प्रसारित होता है। लोक राज्य नामक सशुल्क पत्रिका का प्रकाशन होता है जिसकी अच्छी पाठक संख्या है। पिछले कुछ समय से महाराष्ट्र में सोशल मीडिया पर विशेष तौर पर ध्यान दिया जा रहा है।उत्तराखण्ड सूचना विभाग के अपर निदेशक डॉ.अनिल चंदोला ने कहा कि महाराष्ट्र सूचना विभाग द्वारा प्रचार प्रसार के लिए अनेक अच्छे प्रयास किए गए हैं। इन्हें यहां भी अपनाए जाने का प्रयास किया जाएगा।इस अवसर पर उत्तराखण्ड सूचना विभाग के संयुक्त निदेशक राजेश कुमार, आशीष त्रिपाठी, उपनिदेशक के.एस.चौहान, सहायक निदेशक रवि बिजारनियां, महाराष्ट्र सूचना विभाग के वरिष्ठ सहायक निदेशक किशोर गांगुर्डे, श्रीमती वर्षा आंधले, इर्शाद बागवान मौजूद थे।
सहायता व पत्रकार कल्याण कोष का प्राविधान किया गया है वह दूसरे प्रदेशों के लिए भी अनुकरणीय है। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र में भी पत्रकार उत्तराखण्ड का उदाहरण देते हैं। इसी प्रकार सोशल मीडिया नियमावली बनाने में उत्तराखण्ड का सूचना विभाग अग्रणी है। उन्होंने सांस्कृतिक दलों के माध्यम से सरकारी व जनहितकारी योजनाओं के प्रचार प्रसार की भी सराहना की।महाराष्ट्र के अधिकारियों द्वारा अपने राज्य में सूचना विभाग की कार्यप्रणाली व नवोन्मेषी कार्यों का प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने बताया कि उनके यहां जय महाराष्ट्र के नाम से चर्चा आधारित कार्यक्रम नियमित तौर पर दूरदर्शन पर प्रसारित होता है। लोक राज्य नामक सशुल्क पत्रिका का प्रकाशन होता है जिसकी अच्छी पाठक संख्या है। पिछले कुछ समय से महाराष्ट्र में सोशल मीडिया पर विशेष तौर पर ध्यान दिया जा रहा है।उत्तराखण्ड सूचना विभाग के अपर निदेशक डॉ.अनिल चंदोला ने कहा कि महाराष्ट्र सूचना विभाग द्वारा प्रचार प्रसार के लिए अनेक अच्छे प्रयास किए गए हैं। इन्हें यहां भी अपनाए जाने का प्रयास किया जाएगा।इस अवसर पर उत्तराखण्ड सूचना विभाग के संयुक्त निदेशक राजेश कुमार, आशीष त्रिपाठी, उपनिदेशक के.एस.चौहान, सहायक निदेशक रवि बिजारनियां, महाराष्ट्र सूचना विभाग के वरिष्ठ सहायक निदेशक किशोर गांगुर्डे, श्रीमती वर्षा आंधले, इर्शाद बागवान मौजूद थे।
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