मानद उपाधि से सम्मानित हुई साध्वी भगवती सरस्वती
नई दिल्ली- जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव एवं डिवाइन शक्ति फाउण्डेशन की अध्यक्ष साध्वी भगवती सरस्वती को राय विश्वविद्यालय, झारखण्ड द्वारा डाॅक्टर आॅफ फिलाॅसफी की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। साध्वी को यह विशेष पुरस्कार आध्यात्मिकता एवं महिला सशक्तिकरण, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिये प्रदान किया गया।स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, अमेरिका से स्नातक साध्वी भगवती सरस्वती हमेशा से आध्यात्मिक खोज में थी उन्होने भारत की आध्यात्मिक नगरी ऋषिकेश के
परमार्थ निकेतन आश्रम में आकर स्वामी चिदानन्द सरस्वती के मार्गदर्शन में दीक्षा ग्रहण की। साध्वी ने 22 से अधिक वर्षों से परमार्थ निकेतन में रहकर आध्यात्मिक कार्य एवं मानवता की सेवा के लिये समर्पित है। वे एक वक्ता, दार्शनिक है जो गीता, मानव जीवन, विश्व शान्ति, दर्शन और विविध विषयों पर प्रभावकारी व्याख्यान देती है। उन्होने संयुक्त राष्ट्र, विश्व धर्म संसद, महिला आर्थिक मंचाें, कई अन्य अंतर्राष्ट्रीय शिखर सम्मेलनों और वैश्विक सभाओं को सम्बोधित किया है। साध्वी भगवती सरस्वती , महाग्रन्थ ’’हिन्दू धर्म विश्वकोश’’ जो विश्व में पहली बार प्रकाशित हुआ, उस महाग्रन्थ की वे प्रबंध सम्पादक भी रही है उन्होने अनेक विद्वानों एवं विशेषज्ञों के साथ अनेक वर्षों तक अथक परिश्रम किया जिसका परिणाम आज यह महाग्रन्थ विश्व के अनेक विश्व विद्यालयों में छात्रों एवं शोधार्थियों का ज्ञानवर्धन और मार्गदर्शन कर रहा है।
साध्वी ने कई धर्मार्थ और मानवीय परियोजनाओं के माध्यम से सामाजिक सशक्तिकरण के कार्यो के लिये गहराई से प्रतिबद्ध है, साध्वी परमार्थ निकेतन में प्रतिवर्ष होने वाले अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव की निदेशक हैं जिसमें विश्व के अनेक देशों के हजारों लोग भाग लेते है। राय यूनिवर्सिटी के निदेशक डाॅ हरबीन अरोड़ा, राय यूनिवर्सिटी झारखण्ड की चांसलर, महिला आर्थिक मंच की अध्यक्ष सविता सेंगर ने साध्वी भगवती सरस्वती को सम्मानित किया।इस अवसर
राय विश्वविद्यालय द्वारा प्रसिद्ध बाॅलीवुड अभिनेत्री पूनम ढिल्लों को महिलाओं को सशक्त बनाने में योगदान देने के साथ कई धर्मार्थ परियोजनाओं में मानवता के प्रति सेवा के लिये योगदान देने हेतु पुरस्कृत किया गया।
साध्वी भगवती सरस्वती और पूनम ढिल्लों ने वर्ष 2004 में दक्षिण भारत में आयी सुनामी में दोनों से सेवा कार्य किया था। उसके पश्चात अनेक अवसरों पर पूनम ढिल्लों ने परमार्थ निकेतन आश्रम की यात्रा की। पूनम ढिल्लों ने स्वामी चिदानन्द सरस्वती और परमार्थ निकेतन से उनके संबंधों के विषय में साध्वी से चर्चा की।यू एन फेथ वल्र्ड कान्फ्रेन्स फाॅर विमेन को वर्ष 2022 में भारत में सम्पन्न कराने तथा सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में महिलाओं की भूमिका एवं समस्त प्राणियों के लिये स्वच्छ एवं हरित ग्रह बनाने के सम्बंध में जीन ने साध्वी भगवती से चर्चा की।इस अवसर पर ओ बोचामाई, टयूनीशिया की नोबल पुरस्कार विजेता 2015, प्रो रिचर्ड अवेनी, अमेरिका, अनुराग बत्रा अध्यक्ष एवं सम्पादक इन चीफ बी डब्ल्यू बिजनेस वल्र्ड एवं अन्य विशिष्ट हस्तियों को सम्मानित किया गया।
परमार्थ निकेतन आश्रम में आकर स्वामी चिदानन्द सरस्वती के मार्गदर्शन में दीक्षा ग्रहण की। साध्वी ने 22 से अधिक वर्षों से परमार्थ निकेतन में रहकर आध्यात्मिक कार्य एवं मानवता की सेवा के लिये समर्पित है। वे एक वक्ता, दार्शनिक है जो गीता, मानव जीवन, विश्व शान्ति, दर्शन और विविध विषयों पर प्रभावकारी व्याख्यान देती है। उन्होने संयुक्त राष्ट्र, विश्व धर्म संसद, महिला आर्थिक मंचाें, कई अन्य अंतर्राष्ट्रीय शिखर सम्मेलनों और वैश्विक सभाओं को सम्बोधित किया है। साध्वी भगवती सरस्वती , महाग्रन्थ ’’हिन्दू धर्म विश्वकोश’’ जो विश्व में पहली बार प्रकाशित हुआ, उस महाग्रन्थ की वे प्रबंध सम्पादक भी रही है उन्होने अनेक विद्वानों एवं विशेषज्ञों के साथ अनेक वर्षों तक अथक परिश्रम किया जिसका परिणाम आज यह महाग्रन्थ विश्व के अनेक विश्व विद्यालयों में छात्रों एवं शोधार्थियों का ज्ञानवर्धन और मार्गदर्शन कर रहा है।
साध्वी ने कई धर्मार्थ और मानवीय परियोजनाओं के माध्यम से सामाजिक सशक्तिकरण के कार्यो के लिये गहराई से प्रतिबद्ध है, साध्वी परमार्थ निकेतन में प्रतिवर्ष होने वाले अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव की निदेशक हैं जिसमें विश्व के अनेक देशों के हजारों लोग भाग लेते है। राय यूनिवर्सिटी के निदेशक डाॅ हरबीन अरोड़ा, राय यूनिवर्सिटी झारखण्ड की चांसलर, महिला आर्थिक मंच की अध्यक्ष सविता सेंगर ने साध्वी भगवती सरस्वती को सम्मानित किया।इस अवसर
राय विश्वविद्यालय द्वारा प्रसिद्ध बाॅलीवुड अभिनेत्री पूनम ढिल्लों को महिलाओं को सशक्त बनाने में योगदान देने के साथ कई धर्मार्थ परियोजनाओं में मानवता के प्रति सेवा के लिये योगदान देने हेतु पुरस्कृत किया गया।
साध्वी भगवती सरस्वती और पूनम ढिल्लों ने वर्ष 2004 में दक्षिण भारत में आयी सुनामी में दोनों से सेवा कार्य किया था। उसके पश्चात अनेक अवसरों पर पूनम ढिल्लों ने परमार्थ निकेतन आश्रम की यात्रा की। पूनम ढिल्लों ने स्वामी चिदानन्द सरस्वती और परमार्थ निकेतन से उनके संबंधों के विषय में साध्वी से चर्चा की।यू एन फेथ वल्र्ड कान्फ्रेन्स फाॅर विमेन को वर्ष 2022 में भारत में सम्पन्न कराने तथा सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में महिलाओं की भूमिका एवं समस्त प्राणियों के लिये स्वच्छ एवं हरित ग्रह बनाने के सम्बंध में जीन ने साध्वी भगवती से चर्चा की।इस अवसर पर ओ बोचामाई, टयूनीशिया की नोबल पुरस्कार विजेता 2015, प्रो रिचर्ड अवेनी, अमेरिका, अनुराग बत्रा अध्यक्ष एवं सम्पादक इन चीफ बी डब्ल्यू बिजनेस वल्र्ड एवं अन्य विशिष्ट हस्तियों को सम्मानित किया गया।
Comments
Post a Comment