रिस्पना नदी को इंतजार अपने असली स्वरूप ...
देहरादून-- भारतीय जनता पार्टी की उत्तराखंड त्रिवेंद्र सरकार को 1 साल पूरे हो चुके हैं और इन 1 सालों में रिस्पना नदी को अपने पुराने स्वरूप में लाने की जद्दोजहद जारी है हर बार बैठके होती हैं लेकिन रिस्पना को नदी बनाने की कशमकश चल रही है मगर जो रिस्पना नदी का आज का वर्तमान स्वरूप नाले के रूप में हो चुका है त्रिवेंद्र रावत ने आज से लगभग 5 साल पहले भी रिस्पना नदी की सफाई अभियान चलाया था जिसमें आचार्य बालकृष्ण ने भी प्रतिभाग किया था और इस बना की सफाई के कार्य में सहयोग किया था लेकिन उसके बाद भी रिस्पना मैं आज भी उतना ही कूड़ा जमा है, सरकार विज्ञापनों के द्वारा इसका प्रचार प्रसार कर रही है लेकिन धरातल में अभी तक जस का तस है मैक्स गाड़ियों का अड्डा कूड़े का ढेर नदी के दोनों तरफ 10- 10 फीट जगह पर लोगों का कब्जा क्या यह हटा पाएंगे मुख्यमंत्री यही सोचनीय है ? मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास स्थित कैम्प कार्यालय में रिस्पना नदी के पुनरोद्धार के सम्बन्ध में अधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि रिस्पना से ऋषिपर्णा बनाने का कार्य मिशन मोड़ में होना चाहिए। यह कार्य जन सहयोग से पूरा किया जायेगा। रिस्पना के उद्गम से संगम तक ट्रेंचेंज का कार्य एक दिन में पूर्ण किया जायेगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि इसकी लिए शीघ्र तिथि निर्धारित की जाये। रिस्पना नदी पर वृक्षारोपण एवं सफाई का कार्य भी जन सहयोग से जुलाई माह के द्वितीय सप्ताह में एक ही दिन में पूर्ण हो सके यह भी सुनिश्चित किया जाय।मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि रिस्पना के पुनर्जीवीकरण के लिए जनसहयोग लिया जायेगा। विभिन्न संस्थाओं से भी आर्थिक सहयोग लिया जायेगा। उन्होंने इसके लिए एक ट्रस्ट बनाने के लिए कहा। मिशन ऋषिपर्णा के लिए सबको तन, मन एवं धन से सहयोग करना होगा। इस मिशन में विभिन्न संस्थाओं एवं शिक्षण संस्थाओं को भी शामिल किया जायेगा। उन्होंने कहा कि रिस्पना के पुनर्जीवीकरण के लिए बनाये गये सेक्टरों को सब सेक्टरों में भी
विभाजित किया जाय। ताकि सब सेक्टर वाइज वृक्षारोपण, सफाई एवं ट्रेंचेज बनाने का टारगेट पूरा हो सके। उन्होंने कहा कि इस कार्य को एक दिन में पूरा करने के लिए कम से कम 25 हजार लोगों के सहयोग की आवश्यकता होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि रिस्पना नदी पर विभिन्न प्रजातियों के वृक्ष लगाये जायें। जिसमें फलदार वृक्ष, चारा प्रजाति के वृक्ष एवं नेपियर घास की प्रजाति को प्राथमिकता दी जाय। उन्होंने कहा कि इस अभियान को पूरा करने के लिए व्यापक स्तर पर जन जागरूकता लाई जाए।बैठक में जिलाधिकारी देहरादून एस.ए. मुरूगेशन ने कहा कि रिस्पना नदी के पुनर्जीवीकरण के लिए पूरे क्षेत्र में 15 सेक्टर बनाये गये हैं। इस कार्य हेतु ईको टास्क फोर्स, वन विभाग, सिंचाई विभाग, जल निगम, नगर निगम एवं एमडीडीए द्वारा कार्य योजना बनाई जा चुकी है।
विभाजित किया जाय। ताकि सब सेक्टर वाइज वृक्षारोपण, सफाई एवं ट्रेंचेज बनाने का टारगेट पूरा हो सके। उन्होंने कहा कि इस कार्य को एक दिन में पूरा करने के लिए कम से कम 25 हजार लोगों के सहयोग की आवश्यकता होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि रिस्पना नदी पर विभिन्न प्रजातियों के वृक्ष लगाये जायें। जिसमें फलदार वृक्ष, चारा प्रजाति के वृक्ष एवं नेपियर घास की प्रजाति को प्राथमिकता दी जाय। उन्होंने कहा कि इस अभियान को पूरा करने के लिए व्यापक स्तर पर जन जागरूकता लाई जाए।बैठक में जिलाधिकारी देहरादून एस.ए. मुरूगेशन ने कहा कि रिस्पना नदी के पुनर्जीवीकरण के लिए पूरे क्षेत्र में 15 सेक्टर बनाये गये हैं। इस कार्य हेतु ईको टास्क फोर्स, वन विभाग, सिंचाई विभाग, जल निगम, नगर निगम एवं एमडीडीए द्वारा कार्य योजना बनाई जा चुकी है।
बैठक में वित्त मंत्री प्रकाश पंत, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, प्रमुख सचिव आनन्द वर्द्धन, सचिव अरविन्द सिंह ह्यांकी, उपाध्यक्ष एमडीडीए आशीष कुमार श्रीवास्तव, नगर आयुक्त विजय कुमार जोगदंडे एवं सम्बन्धित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
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