फेल हुई डबल इंजन की सरकार .........
देहरादून- आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने फेल हुई डबल इंजन की सरकार नहीं चढ़ पा रहा इंजन पहाड़ व शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे युवा बेरोजगारों पर लाठीचार्ज की घटना के विरोध में नारेबाजी करते हुए स्थानीय एस्ले हॉल चौक पर त्रिवेन्द्र सिंह रावत सरकार का पुतला दहन कर विरोध-प्रदर्शन किया।इस अवसर पर जिलाध्यक्षा उमा सिसौदिया ने विधायकों के वेतन-भत्तों में हुई भारीभरकम वृद्धि की कड़ी आलोचना करते हुये कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर राज्य में विधायकों के वेतन-भत्तों में दोगुने से भी ज्यादा की वृद्धि दुर्भाग्यजनक है. उन्होंने कहा कि जहाँ एक तरफ राजकोष खाली पड़ा हुआ है, प्रदेश 57 हजार करोड़ रूपये के कर्ज में डूबा हुआ है, पिछले एक साल में त्रिवेन्द्र रावत सरकार 6 हजार करोड़ रूपये का कर्ज ले चुकी है, सरकार के पास कर्मचारियों को देने के लिये वेतन नहीं है, बजट के अभाव में विकास योजनायें आधी-अधूरी पड़ी हुई हैं, सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त दवाईयाँ और स्वास्थय सुविधायें नहीं हैं जिसके कारण मरीज असमय दम तोड़ रहे हैं, सरकारी स्कूल भवन व शिक्षकों के अभाव में बदतर स्थिति में हैं, वहीं दूसरी तरफ भाजपा सरकार अपने विफलतापूर्ण एक वर्ष पूूरे करने का जश्न विधायकों की बेतहाशा वेतन वृद्धि करके मना रही है.
उन्होंने कहा कि जहाँ उत्तराखंड के 51 विधायक करोड़पति हैं और आम गरीब जनता को मूलभूत सुविधायें भी नहीं मिल पा रही हैं, वहाँ कैबिनेट का यह फैसला कर्ज में डूबे उत्तराखंड की जनता के साथ घृणित मजाक व उसके मुंह पर तमाचा है. इससे हर वर्ष 11 करोड़ रूपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा. यह जनता के पैसे की सुनियोजित लूट है.आप नेताओं ने त्रिवेन्द्र सिंह रावत सरकार को निशाने पर लेते हुये कहा कि पूर्ण बहुमत के दंभ से भरी प्रदेश की भाजपा सरकर तानाशाहीपूर्ण व जनविरोधी, उत्तराखंड विरोधी व युवाविरोधी निर्णय ले रही है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हर वर्ष युवाओं को एक करोड़ रोजगार देने का वादा किया था, परन्तु प्रदेश की भाजपा सरकर ने 1500 रूपये का बेरोज़गारी भत्ता भी खत्म कर दिया है और शांतिपूर्ण ढंग से अपने मूलभूत अधिकार की आवाज उठाने वाले युवा बेरोजगारों पर लाठियाँ चलवाकर उनका दमन किया जा रहा है, जो शर्मनाक व निंदनीय है. आम आदमी पार्टी मांग करती है कि विधायकों की मनमानीपूर्ण तरीके से की गयी वेतन-भत्तों की भारीभरकम वृद्धि के कैबिनेट के फैसले को तत्काल वापस लिया जाये वरना उत्तराखंड की जनता सड़कों पर उतरकर सत्ता के खिलाफ आंदोलन करने पर बाध्य होगी. विरोध-प्रदर्शन में सचिव (प्रदेश प्रभारी) नवीन पिरशाली, प्रदेश उपाध्यक्ष राव नसीम, प्रदेश मीडिया प्रभारी कुलदीप सहदेव, महानगर अध्यक्ष विशाल चौधरीे, श्यामलाल नाथ, विपिन खन्ना, जीतेन्द्र पन्त, अशोक सेमवाल, सुधीर पन्त, विनोद बजाज, सरिता गिरी, उपमा अग्रवाल, शैलेश तिवारी, रवीन्द्र सिंह, दिनेश बडोला, कमल राना, आतिफ मसूरी, राजेन्द्र सिंह, राहुल चौधरीे, अरविंद आर्य, दीपक केसला, सुनील घाघट, धीरेन्द्र कुमार, मयंक नैथानी, संजय धीमान, संदीप, बी.एन.शर्मा, जे.सी.मिश्रा, लेनिन मैनुअल, सुरेश आर्य, आफताब, सुनीता राणा, बी.आर.रमन, आशु बहुगुणा, अर्जुन कौशिक, बी.बी.कुकरेती सहित अनेक कार्यकर्तगण उपस्थित थे।
उन्होंने कहा कि जहाँ उत्तराखंड के 51 विधायक करोड़पति हैं और आम गरीब जनता को मूलभूत सुविधायें भी नहीं मिल पा रही हैं, वहाँ कैबिनेट का यह फैसला कर्ज में डूबे उत्तराखंड की जनता के साथ घृणित मजाक व उसके मुंह पर तमाचा है. इससे हर वर्ष 11 करोड़ रूपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा. यह जनता के पैसे की सुनियोजित लूट है.आप नेताओं ने त्रिवेन्द्र सिंह रावत सरकार को निशाने पर लेते हुये कहा कि पूर्ण बहुमत के दंभ से भरी प्रदेश की भाजपा सरकर तानाशाहीपूर्ण व जनविरोधी, उत्तराखंड विरोधी व युवाविरोधी निर्णय ले रही है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हर वर्ष युवाओं को एक करोड़ रोजगार देने का वादा किया था, परन्तु प्रदेश की भाजपा सरकर ने 1500 रूपये का बेरोज़गारी भत्ता भी खत्म कर दिया है और शांतिपूर्ण ढंग से अपने मूलभूत अधिकार की आवाज उठाने वाले युवा बेरोजगारों पर लाठियाँ चलवाकर उनका दमन किया जा रहा है, जो शर्मनाक व निंदनीय है. आम आदमी पार्टी मांग करती है कि विधायकों की मनमानीपूर्ण तरीके से की गयी वेतन-भत्तों की भारीभरकम वृद्धि के कैबिनेट के फैसले को तत्काल वापस लिया जाये वरना उत्तराखंड की जनता सड़कों पर उतरकर सत्ता के खिलाफ आंदोलन करने पर बाध्य होगी. विरोध-प्रदर्शन में सचिव (प्रदेश प्रभारी) नवीन पिरशाली, प्रदेश उपाध्यक्ष राव नसीम, प्रदेश मीडिया प्रभारी कुलदीप सहदेव, महानगर अध्यक्ष विशाल चौधरीे, श्यामलाल नाथ, विपिन खन्ना, जीतेन्द्र पन्त, अशोक सेमवाल, सुधीर पन्त, विनोद बजाज, सरिता गिरी, उपमा अग्रवाल, शैलेश तिवारी, रवीन्द्र सिंह, दिनेश बडोला, कमल राना, आतिफ मसूरी, राजेन्द्र सिंह, राहुल चौधरीे, अरविंद आर्य, दीपक केसला, सुनील घाघट, धीरेन्द्र कुमार, मयंक नैथानी, संजय धीमान, संदीप, बी.एन.शर्मा, जे.सी.मिश्रा, लेनिन मैनुअल, सुरेश आर्य, आफताब, सुनीता राणा, बी.आर.रमन, आशु बहुगुणा, अर्जुन कौशिक, बी.बी.कुकरेती सहित अनेक कार्यकर्तगण उपस्थित थे।
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