धाराओं को जीवित रखना होगा जिनसे मिलकर गंगा बनती है--मुख्यमंत्री
ऋषिकेश--परमार्थ निकेतन में चार दिवसीय राष्ट्रीय नदी गंगा समाधान शिखर सम्मेलन का उद्घाटन उत्तराखण्ड राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत , परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष, गंगा एक्शन परिवार के प्रणेता और ग्लेाबल इण्टरफेथ वाश एलायंस के संस्थापक, आध्यात्मिक गुरू स्वामी चिदानन्द सरस्वती, उप महासचिव फिक्की निरंकार सक्सेना, डाॅ साध्वी भगवती सरस्वती जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव, विक्रांत महाजन सीईओ स्फीयर इन्डिया, वीके जिंदल, मिशन निदेशक एसबीएम शहरी, राजेश झा, हेड आॅफ लीगल साउथ एशिया आर बी, प्रोफेसर श्रीनिवास चारी, एडमिनिस्ट्रेटिव काॅलेज आॅफ इन्डिया, डाॅ प्रवीण कुमार , टेक्निकल डायरेक्टर नेशलन मिशन क्लीन गंगा, जागरण शाह, डायरेक्टर जनरल नेशनल इंस्टीटयूट आॅफ अर्बन अफेयर्स, रवि भटनागर , डायरेक्टर एक्सटर्नल अफेयर्स पार्टनर आर बी, डाॅ अशोक घोष, चेयर पोल्यूशन कंट्रोल बोर्ड आॅफ बिहार, प्रोफेसर बिष्ट , नेशलन सेंटर फाॅर गुड गवर्नेंस, ईको टास्क फोर्स के कर्नल राणा, दक्षिण भारत से आये स्वामी वेद विज्ञानाननन्द, मनोज गर्ग हरिद्वार मेयर, नगरपालिका अध्यक्ष शकुन्तला राजपूत, स्वामिनी
आदित्यानन्द सरस्वती, प्रोग्राम डायरेक्टर एंड पालिसी डेवलेपमेंट एवं अन्य गणमान्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर किया।स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने इलायची की माला पहनाकर मुख्यमंत्री का स्वागत किया। शिखर सम्मेलन के प्रथम दिन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत एवं अन्य अतिथियों ने रूद्राक्ष का पौधा परमार्थ निकेतन प्रांगण में रोपित किया।मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि हमें खुशी है कि आज उन पांच राज्यों, जिनसे गंगा गुजरती है, के जनप्रतिनिधि व अधिकारीगण एक दिशा में प्रयास करने के लिए एक साथ आए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार स्वच्छता के लिए लगातार प्रयास कर रही है। सरकार नदियों को पुनर्जीवित करने के लिए भी प्रयासरत है। हम देहरादून में रिस्पना और अल्मोड़ा में कोसी नदी को पुनर्जीवित करने के लिए कार्ययोजना बना रहे हैं। रिस्पना नदी को स्वच्छ करने के लिए रिस्पना के उद्गम से संगम तक एक दिन में स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा।यह एक ऐतिहासिक अवसर है जब गंगा के तट पर पहली बार गंगा के तटीय पांच राज्यों के प्रतिनिधि, 80 से अधिक शहरों के प्रतिभागी, 150 से अधिक मेयर, प्रशासक, नगरपालिकाओं के अध्यक्ष, 70 से अधिक वक्ता, नवीन आविष्कारक, 30 पीएचईडी वाटर इंजीनियर, 250 गंगा प्रहरी, फिक्की के अधिकारी, उच्च प्रशासनिक अधिकारी एवं तकनीकी विशेषज्ञ, परमार्थ निकेतन में राष्ट्रीय नदी गंगा
की समस्याओं का जिक्र करने नहीं बल्कि समाधान निकालने के लिये एकत्र हुये है।शिखर सम्मेलन का शुभारम्भ राष्ट्रीय गीत के साथ हुआ। तत्पश्चात गंगा माँ के उद्गम के वीडियो फिल्म, जीवा द्वारा तैयार की गई प्रेरक एवं सारगर्भित गंगा समस्या और समाधान शार्ट फिल्मों को दिखाया गया।इस शिखर सम्मेलन में गंगा के तट पर स्थित शहरों की समस्याओं के आधार पर विशेषज्ञ विचार मंथन कर वहां की वस्तुस्थिति के अनुसार समाधान देंगे और तटीय शहरों और गावों की समस्याओं के आधार पर प्लान प्रस्तुत किया जायेगा। परमार्थ निकेतन में गंगा एक्शन परिवार और ग्लेाबल इण्टरफेथ वाश एलायंस के संयुक्त तत्वाधान में ’गंगा रिवर इंस्टीटयूट’ का शीघ्र ही शुभारम्भ किया जा रहा है जिसके घोषणा स्वामी चिदानन्द सरस्वती । इसके अन्तर्गत पूरे वर्ष गंगा बचाओ (सेव द गंगा) के लिये विशेषज्ञों द्वारा कार्यशालाओं का आयोजन किया जायेगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा की अविरलता को बनाए रखने के लिए हमें बहुआयामी प्रयास करने होंगे। वृक्षारोपण इसका एक महत्वपूर्ण घटक है, हमें पेस्टिसाइड्स का इस्तेमाल भी कम करना होगा। उत्तराखण्ड के लोगों की ज्यादा जिम्मेदारी है। हमें उन सभी धाराओं को जीवित रखना होगा जिनसे मिलकर गंगा बनती है। हमें नदियों के प्रवाह को बनाए रखने के लिये अपने खेतों का पानी खेत में और गांव का पानी गांव में रोकना होगा। रेन वाॅटर हार्वेस्टिंग भी इसका एक बहुत अच्छा उपाय है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़े-बड़े काम सरकार करेगी मगर छोटे-छोटे काम आमजन को अपने हाथ में लेने होंगे। यदि सब मिलकर एक दिशा में प्रयास करेंगे तो यह कार्य सफल जरूर होगा। भविष्य को ठीक करने के लिए हमें वर्तमान में सुधार करने होंगे।स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि हमें नदियों को बचाए रखने के लिए लगातार प्रयास करने होंगे। इस कार्यक्रम का उद्देश्य गंगा को बचाए रखने के लिए जनप्रतिनिधि एवं अधिकारीगण द्वारा प्राप्त सुझावों पर कार्य किया जाएगा।
आदित्यानन्द सरस्वती, प्रोग्राम डायरेक्टर एंड पालिसी डेवलेपमेंट एवं अन्य गणमान्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर किया।स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने इलायची की माला पहनाकर मुख्यमंत्री का स्वागत किया। शिखर सम्मेलन के प्रथम दिन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत एवं अन्य अतिथियों ने रूद्राक्ष का पौधा परमार्थ निकेतन प्रांगण में रोपित किया।मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि हमें खुशी है कि आज उन पांच राज्यों, जिनसे गंगा गुजरती है, के जनप्रतिनिधि व अधिकारीगण एक दिशा में प्रयास करने के लिए एक साथ आए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार स्वच्छता के लिए लगातार प्रयास कर रही है। सरकार नदियों को पुनर्जीवित करने के लिए भी प्रयासरत है। हम देहरादून में रिस्पना और अल्मोड़ा में कोसी नदी को पुनर्जीवित करने के लिए कार्ययोजना बना रहे हैं। रिस्पना नदी को स्वच्छ करने के लिए रिस्पना के उद्गम से संगम तक एक दिन में स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा।यह एक ऐतिहासिक अवसर है जब गंगा के तट पर पहली बार गंगा के तटीय पांच राज्यों के प्रतिनिधि, 80 से अधिक शहरों के प्रतिभागी, 150 से अधिक मेयर, प्रशासक, नगरपालिकाओं के अध्यक्ष, 70 से अधिक वक्ता, नवीन आविष्कारक, 30 पीएचईडी वाटर इंजीनियर, 250 गंगा प्रहरी, फिक्की के अधिकारी, उच्च प्रशासनिक अधिकारी एवं तकनीकी विशेषज्ञ, परमार्थ निकेतन में राष्ट्रीय नदी गंगा
की समस्याओं का जिक्र करने नहीं बल्कि समाधान निकालने के लिये एकत्र हुये है।शिखर सम्मेलन का शुभारम्भ राष्ट्रीय गीत के साथ हुआ। तत्पश्चात गंगा माँ के उद्गम के वीडियो फिल्म, जीवा द्वारा तैयार की गई प्रेरक एवं सारगर्भित गंगा समस्या और समाधान शार्ट फिल्मों को दिखाया गया।इस शिखर सम्मेलन में गंगा के तट पर स्थित शहरों की समस्याओं के आधार पर विशेषज्ञ विचार मंथन कर वहां की वस्तुस्थिति के अनुसार समाधान देंगे और तटीय शहरों और गावों की समस्याओं के आधार पर प्लान प्रस्तुत किया जायेगा। परमार्थ निकेतन में गंगा एक्शन परिवार और ग्लेाबल इण्टरफेथ वाश एलायंस के संयुक्त तत्वाधान में ’गंगा रिवर इंस्टीटयूट’ का शीघ्र ही शुभारम्भ किया जा रहा है जिसके घोषणा स्वामी चिदानन्द सरस्वती । इसके अन्तर्गत पूरे वर्ष गंगा बचाओ (सेव द गंगा) के लिये विशेषज्ञों द्वारा कार्यशालाओं का आयोजन किया जायेगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा की अविरलता को बनाए रखने के लिए हमें बहुआयामी प्रयास करने होंगे। वृक्षारोपण इसका एक महत्वपूर्ण घटक है, हमें पेस्टिसाइड्स का इस्तेमाल भी कम करना होगा। उत्तराखण्ड के लोगों की ज्यादा जिम्मेदारी है। हमें उन सभी धाराओं को जीवित रखना होगा जिनसे मिलकर गंगा बनती है। हमें नदियों के प्रवाह को बनाए रखने के लिये अपने खेतों का पानी खेत में और गांव का पानी गांव में रोकना होगा। रेन वाॅटर हार्वेस्टिंग भी इसका एक बहुत अच्छा उपाय है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़े-बड़े काम सरकार करेगी मगर छोटे-छोटे काम आमजन को अपने हाथ में लेने होंगे। यदि सब मिलकर एक दिशा में प्रयास करेंगे तो यह कार्य सफल जरूर होगा। भविष्य को ठीक करने के लिए हमें वर्तमान में सुधार करने होंगे।स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि हमें नदियों को बचाए रखने के लिए लगातार प्रयास करने होंगे। इस कार्यक्रम का उद्देश्य गंगा को बचाए रखने के लिए जनप्रतिनिधि एवं अधिकारीगण द्वारा प्राप्त सुझावों पर कार्य किया जाएगा।
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