समझदार बने-प्रकृति की रक्षा करे विषय पर छात्र संसद को सम्बोधित करते-अग्रवाल

महाराष्ट्र--उत्तराखण्ड विधान सभा अध्यक्ष प्रेम चन्द अग्रवाल, एमआईटी स्कूल ऑफ गवर्मेंट पुणे और भारतीय छात्र संसद फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में पुने में आयोजित तीन दिवसीय 8 वीं भारतीय छात्र संसद क्रार्यक्रम में सम्मिलित हुए। इस मौके पर कोथरूड स्थित डॉ. विश्वनाथ कराड एमआईटी वर्ल्डपीस युनिवर्सिटी पूना में भारतीय छात्र संसद में विधान सभा अध्यक्ष  अग्रवाल ने ”समझदार बने-प्रकृति की रक्षा करें” विषय पर छात्र संसद को सम्बोधित किया। उल्लेखनीय है कि राष्ट्र एवं समाज निमार्ण के लिए सार्वजनिक कार्य में शामिल होने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से 2011 में भारतीय छात्र संसद की शुरूआत हुई। भविष्यकालीन राजनेता निर्माण करने वाली देश की एकमात्र प्रशिक्षण वर्ग की यह छात्र संसद है। इसका मुख्य उद्देश्य लोकतांत्रिक संस्थानों जैसे राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और सार्वजनिक संस्थानों में युवाओं की भूमिकाओं और प्रासंगिकता को बढ़ाने के लिए है।इस अवसर पर विधान सभा अध्यक्ष ने  छात्र संसद को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत की महान विधायिकाओं में से एक का अध्यक्ष होने के नाते मुझे अपार हर्ष हो रहा है कि मैं युवाओं के लिए इस प्रकार के संसदीय आयोजनों में प्रतिभाग कर रहा हूं।उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक शासन प्रणाली में
 युवाओं की बड़ी संख्या में संसदीय कार्यक्रमों में भागीदारी भारतीय लोकतंत्र की मजबूत जड़ों को दर्शाती है साथ ही यह मुझे देश में लोकतंत्र के बलशाली भविष्य का आनंदमय आभास भी कराती है।विधान सभा अध्यक्ष ने  ”समझदार बने-प्रकृति की रक्षा करें” विषय पर कहा कि वर्तमान में प्रकृति के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती जलवायु परिवर्तन की है। उन्होंने कहा कि  बांग्लादेश में आयोजित 63वें कामनवेल्थ संसदीय सम्मेलन में प्रतिभाग करने के दौरान उन्हें जलवायु परिवर्तन संबंधी कार्यशाला में देश की ओर से अपना मत रखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। इस विषय में सभी पक्षों की एक राय थी कि विश्व की सभी सरकारें मिलकर वैश्वीकरण की रोकथाम हेतु ऐसी नीतियां निर्धारित करें जिससे असाधारण जलवायु परिवर्तन से समाज को होने वाला नुकसान कम हो तथा ग्रीन हाउस उत्सर्जन नियंत्रण से बाहर ना हो पाए। इसके साथ ही प्रभावी जनसंख्या नियंत्रण, जंगलों के कटान को कम करना, वनीकरण एवं पौधारोपण अभियान पर बल दिया गया। उन्होंने कहा कि अब हम आधुनिक तकनीकी का प्रयोग कर स्वच्छ ऊर्जा एवं कम कार्बन उत्सर्जन वाले विकास के रास्ते पर चल रहे हैं इसके अंतर्गत हम सौर ऊर्जा हरित भारत जैसे विषयों पर राष्ट्रीय मित्र बनाकर कार्य कर रहे हैं।विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि मैं एक ऐसे प्रदेश उत्तराखण्ड से आता हूं जहां वन संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए गए हैं विश्व प्रसिद्ध चिपको आंदोलन यहीं प्रारंभ हुआ था जिसके अंतर्गत पहाड़ों में रहने वाली महिलायें पेड़ों को कटने से बचाने के लिए उनसे लिपट जाया करती थी। अंत में विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि प्रकृति को बचाने में युवाओं का दायित्व बहुत अधिक है एवं समाज के जिम्मेदार पक्षों का भी दायित्व बनता है कि व पर्यावरण संरक्षण संबंधी इसी प्रकार के अधिक से अधिक कार्यक्रमों का आयोजन करें और युवाओं को उसमें जोडें।इस अवसर पर पदम श्री कार्तिकेय , कृषि योद्धा पुरस्कार से सम्मानित  राजगोपाल , स्वामी विज्ञानानंद , प्रो0 विश्वनाथ , अभिषेक , डॉ0 देव आनंद शिंदे , डॉ0 रीना श्रीवास्तव , विकास मुंडा , युवा नेता गरिमा , अंशु रेखा, मेहुल शर्मा, शिवानी कुमार  ने छात्र संसद को सम्बोधित किया। साथ ही भारतीय छात्र संसद में 29 राज्यों के 450 विश्वविद्यालयों से 18-25 वर्ष आयु वर्ग के लगभग 10,000 छात्र से अधिक ने भाग लिया। कार्यक्रम में देश के प्रतिष्ठित राजनैतिक, सामाजिक लोगों के साथ ही राज्यों के विधानसभा सभापतियों एवं विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने भी सहभाग किया।

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