प्रशासक की नजर हमेशा अंतिम पंक्ति के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति पर हो-राज्यपाल
मसूरी - राज्यपाल डाॅ. कृष्ण कांत पाल ने फाउंडेशन कोर्स में प्रतिभाग कर रहे अधिकारियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कैरियर में सफल होने के लिए जीवन में लगातार सीखने की प्रवृत्ति बनाए रखें। खुद को लगातार अप-टू-डेट रखें। इस बैच को प्रधानमंत्री का सम्बोधन सुनने का सुअवसर प्राप्त हुआ था। विश्वास है कि आप अपने पूरे कैरियर में उनके द्वारा दिए गए सुझावों को न केवल याद रखेंगे बल्कि क्रियान्वित भी करेंगे।राज्यपाल ने कहा है कि एक लोक सेवक की सर्वोच्च प्राथमिकता जनता की सेवा होनी चाहिए।प्रशासक की नजर हमेशा,
अंतिम पंक्ति के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति पर हो। जनता की नब्ज पहचानने के लिए जमीन से जुड़ना जरूरी है। इसके लिए अधिकारी, अधिक से अधिक स्थलीय दौरे करें और लोगों से मिलें। राज्यपाल, मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में चल रहे 92 वें फाउंडेशन कोर्स के समापन समारोह में प्रतिभागी अधिकारियों को सम्बोधित कर रहे थे। राज्यपाल ने कहा कि भारतीय प्रशासनिक सेवा की स्थापना, लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल ने 1949 में की थी। उनका मानना था कि देश को एकजुट रखने के लिए एक मजबूत व दक्ष, अखिल भारतीय प्रशासनिक सेवा का होना जरूरी है। राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान में नागरिकों की बढ़ती अपेक्षाओं के दौर में बतौर लोक सेवक आप सभी पर बहुत बड़ी जिम्मेवारी है। राज्यपाल ने कहा कि डिजीटल टेक्नोलोजी से मित्रता करें। माॅनिटरिंग के लिए अपने कम्प्यूटर पर डैश बोर्ड का उपयोग करें। प्रभावी परफोरमेंस के लिए गवर्नेंस की मूलभूत अवधारणाओं को जानना जरूरी है। विशेष तौर पर लोक-वित्त की अच्छी जानकारी, भ्रष्टाचार की रोकथाम में सहायक हो सकती है। ई-गवर्नेंस व आई.टी. से सर्विस डिलिवरी में सुधार लाया जा सकता है।राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य व कल्याणकारी सेवाओं पर फोकस करें। एक अच्छे प्रशासक के लिए मेजिकल केट का सूत्र उपयोगी हो सकता है। ‘सी’ फाॅर क्रेडिबिलिटी, ‘ए’ फाॅर एकाउंटबिलिटी व ‘टी’ फाॅर ट्रांसपेरेंसी। अर्थात विश्वसनीयता, उत्तरदायित्व व पारदर्शिता प्रशासक के आवश्यक गुण हैं। सरकारी योजनाओं व कार्यक्रमों का लाभ सभी को बिना भेदभाव के मिले। जनता की सेवा ही एक लोक सेवक की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।
अंतिम पंक्ति के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति पर हो। जनता की नब्ज पहचानने के लिए जमीन से जुड़ना जरूरी है। इसके लिए अधिकारी, अधिक से अधिक स्थलीय दौरे करें और लोगों से मिलें। राज्यपाल, मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में चल रहे 92 वें फाउंडेशन कोर्स के समापन समारोह में प्रतिभागी अधिकारियों को सम्बोधित कर रहे थे। राज्यपाल ने कहा कि भारतीय प्रशासनिक सेवा की स्थापना, लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल ने 1949 में की थी। उनका मानना था कि देश को एकजुट रखने के लिए एक मजबूत व दक्ष, अखिल भारतीय प्रशासनिक सेवा का होना जरूरी है। राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान में नागरिकों की बढ़ती अपेक्षाओं के दौर में बतौर लोक सेवक आप सभी पर बहुत बड़ी जिम्मेवारी है। राज्यपाल ने कहा कि डिजीटल टेक्नोलोजी से मित्रता करें। माॅनिटरिंग के लिए अपने कम्प्यूटर पर डैश बोर्ड का उपयोग करें। प्रभावी परफोरमेंस के लिए गवर्नेंस की मूलभूत अवधारणाओं को जानना जरूरी है। विशेष तौर पर लोक-वित्त की अच्छी जानकारी, भ्रष्टाचार की रोकथाम में सहायक हो सकती है। ई-गवर्नेंस व आई.टी. से सर्विस डिलिवरी में सुधार लाया जा सकता है।राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य व कल्याणकारी सेवाओं पर फोकस करें। एक अच्छे प्रशासक के लिए मेजिकल केट का सूत्र उपयोगी हो सकता है। ‘सी’ फाॅर क्रेडिबिलिटी, ‘ए’ फाॅर एकाउंटबिलिटी व ‘टी’ फाॅर ट्रांसपेरेंसी। अर्थात विश्वसनीयता, उत्तरदायित्व व पारदर्शिता प्रशासक के आवश्यक गुण हैं। सरकारी योजनाओं व कार्यक्रमों का लाभ सभी को बिना भेदभाव के मिले। जनता की सेवा ही एक लोक सेवक की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।
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