मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड में सी-प्लेन योजना संचालित करने की मांग
नई दिल्ली-मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने नई दिल्ली में केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, जहाजरानी, जल संसाधन एवं नदी विकास व गंगा पुनर्जीवीकरण मंत्री नितिन गडकरी से भेंट की। मुख्यमंत्री ने चारधाम आॅल वैदर रोड की प्रगति के साथ रामनगर कर्णप्रयाग राज्य राजमार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग में परिवर्तित करने के साथ ही राज्य के कुछ अन्य राजमार्गो को राष्ट्रीय राजमार्ग में बदलने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि आॅल वैदर रोड के निर्माण कार्य प्रगति पर है। केन्द्र सरकार से संसाधनों के विकास के लिये धनराशि आदि के लिये पूर्ण सहयोग मिल रहा है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने गडकरी से उत्तराखण्ड में भी सी-प्लेन योजना संचालित करने पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि राज्य में केन्द्र के सहयोग से टिहरी, नैनीताल की
झीलों तथा प्रमुख नदियों में सी-प्लेन योजना की शुरूआत की जा सकती है। इसके साथ ही किसानों को मुआवजे पर मिलने वाले ब्याज पर भी सकारात्मक चर्चाएं हुई है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र की केन्द्रीय मंत्री से राज्य में संचालित नमामि गंगे योजना, लखवाड-ब्यासी सहित अन्य जल विद्युत परियोजनाओं पर भी चर्चा हुई है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि लखवाड़-ब्यासी परियोजना, किसाऊ बांध परियोजना के लिए भी केन्द्र सरकार का सकारात्मक सहयोग मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्रीय मंत्री से वार्ता के दौरान उत्तराखण्ड की 33 जल विद्युत परियोजनाओं पर व्यापक चर्चा की गई। इस सम्बंध में ऊर्जा, जल संसाधन एवं वन मंत्रालय तीनों विभागों द्वारा मिलकर राज्य हित में सकारात्मक परिणाम देने का केन्द्रीय मंत्री द्वारा आश्वासन दिया गया।एन.जी.आर.बी.ए., ईको-सेंसटिव जोन तथा मा.उच्चतम न्यायालय के निर्देशो के क्रम में बन्द पड़ी है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की योजना है कि उत्तराखण्ड समेत हिमालय क्षेत्र में जो बड़ी झीले हैं, वहां से प्लेन की लैंडिंग की जाय साथ ही जयपुर व उदयपुर की झीलों में भी सी-प्लेन के माध्यम से परिवहन सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा है कि सी-प्लेन एक फीट पानी तथा सड़क में भी उतर सकता है। 12 सीटर सी-प्लेन की लागत मात्र 12 करोड़ रूपये है। आने वाले समय में यह बहुत सस्ता ट्रांसपोर्ट का माध्यम बनने जा रहा है। अमेरिका, कनाडा, जापान की तर्ज पर नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सहयोग से इसके लिए नियम बनाये जा रहे है।इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश, सचिव राधिका झा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे
झीलों तथा प्रमुख नदियों में सी-प्लेन योजना की शुरूआत की जा सकती है। इसके साथ ही किसानों को मुआवजे पर मिलने वाले ब्याज पर भी सकारात्मक चर्चाएं हुई है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र की केन्द्रीय मंत्री से राज्य में संचालित नमामि गंगे योजना, लखवाड-ब्यासी सहित अन्य जल विद्युत परियोजनाओं पर भी चर्चा हुई है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि लखवाड़-ब्यासी परियोजना, किसाऊ बांध परियोजना के लिए भी केन्द्र सरकार का सकारात्मक सहयोग मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्रीय मंत्री से वार्ता के दौरान उत्तराखण्ड की 33 जल विद्युत परियोजनाओं पर व्यापक चर्चा की गई। इस सम्बंध में ऊर्जा, जल संसाधन एवं वन मंत्रालय तीनों विभागों द्वारा मिलकर राज्य हित में सकारात्मक परिणाम देने का केन्द्रीय मंत्री द्वारा आश्वासन दिया गया।एन.जी.आर.बी.ए., ईको-सेंसटिव जोन तथा मा.उच्चतम न्यायालय के निर्देशो के क्रम में बन्द पड़ी है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की योजना है कि उत्तराखण्ड समेत हिमालय क्षेत्र में जो बड़ी झीले हैं, वहां से प्लेन की लैंडिंग की जाय साथ ही जयपुर व उदयपुर की झीलों में भी सी-प्लेन के माध्यम से परिवहन सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा है कि सी-प्लेन एक फीट पानी तथा सड़क में भी उतर सकता है। 12 सीटर सी-प्लेन की लागत मात्र 12 करोड़ रूपये है। आने वाले समय में यह बहुत सस्ता ट्रांसपोर्ट का माध्यम बनने जा रहा है। अमेरिका, कनाडा, जापान की तर्ज पर नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सहयोग से इसके लिए नियम बनाये जा रहे है।इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश, सचिव राधिका झा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे
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