सूरज कोठियाल की पुस्तक “द लॉस्ट देवता” का विमोचन

देहरादून - युवा लेखक सूरज प्रकाश कोठियाल द्वारा लिखी गयी पहली पुस्तक “द लॉस्ट देवता” का उत्तरांचल प्रेस क्लब में  सांसद हरिद्वार एवं पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड डॉ0 रमेश पोखरियाल ‘निशंक’  व राज्य आंदोलनकारी सुशीला बलूनी सोनी आनंद रावत ने विमोचन किया। सांसद डॉ0 रमेश पोखरियाल ‘निशंक’  ने युवा लेखक को बधाई दी। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड देवों की भूमि है और इस देवों की भूमि का इतिहास हर युवा पीढ़ी को पता होना चाहिए।
निशंक  ने कहा कि उत्तराखण्ड के ऐसे युवा लेखकों को आगे आना चाहिए। युवा लेखक सूरज प्रकाश कोठियाल ने बताया कि पुस्तक की कहानी हिमालय के सात देवीय ढोल के चारों ओर घूमती है जो प्रधान पुजारी, नीलात्मा की अचानक मृत्यु के साथ बजना बंद हो गया है। लेकिन उनकी मृत्यु से कुछ समय पहले नीलात्मा ने भैरव देवता के ढोल के कार्यवाहक राको अमेय को जादुई पत्थर का रहस्य बताया। हालांकि नीलात्मा के अंतिम संस्कार के समय पर राको अमेय ने नीर नामक एक युवा लड़के के पास वैसा ही पत्थर देखा जो नीलात्मा ने उसे बताया था। कहानी इस युवा लड़के पर आधारित है जो एक जादुई पत्थर में आती है और हिमालय के मुख्य पुजारी नीलात्मा की विरासत को आगे जारी रखता है।पुस्तक विमोचन के दौरान उमेश अग्रवाल, सूरज के पिता राजेन्द्र कोठियाल, पत्नी वैष्णवी कोठियाल एवं शिवंम जेसवाल सहित कई लोग मौजूद थे।

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