सचिवालय में सचिव एक हाथ से झाड़ू लगाती हुई
देहरादून -प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वच्छ भारत मिशन के सपने को साकार करने के लिए जन सहयोग जरूरी हैं। स्वच्छ भारत अभियान के तहत आज उत्तराखंड के सचिवालय में सचिवों ने हाथ में झाड़ू पकड़कर सफाई अभियान में शामिल हुए लेकिन एक हाथ इतनी बड़ी झाड़ू पकड़े हमारी सचिव
सफाई करने की कोशिश कर रही हैं।यह तो देखने पर ही पता चल रहा हैं। अब जिस हाथ में कलम हो उस हाथ में झाड़ू पकड़ा दो तो ऐसा ही नजारा में देखने को मिलेगा जिसका काम उसी को साजे दूसरा करे तो डंडा बाजे सचिव साहिबा ने कभी अपने घर पर झाडू लगाई हो तो उन्हें पता चल जाता कि झाड़ू कैसे लगाई जाती हैं। झाड़ू कैसे पकड़ी जाती हैं।लेकिन इसमें उनकी भी कोई गलती नहीं हैं। क्योंकि यह काम उनका नहीं हैं।अब दशहरा मेला खत्म होने के बाद आप परेड ग्राउंड में आज के दिन देखेंगे तो चारों तरफ कूड़ा ही कूड़ा पड़ा हैं। इस पर किसी राजनीतिक दल या मेयर की नजर नहीं पड़ी जो कि कल रात सड़क में झाड़ू लगा रहे थे तो इसे ही साफ कर देते परेड ग्राउंड में यह ऐसे ही पड़ा हुआ हैं। मेला खत्म होने के बाद मेला आयोजकों ने भी इसकी सफाई करने की जहमत नहीं उठाई और कूड़ा यूं ही छोड़ दिया और ना ही नगर निगम ने चारों तरफ फैले कूड़े के अंबार को उठाना की ज़हमत करी
लेकिन स्वच्छता अभियान केवल सरकारी कार्यक्रम तक ही सीमित रह गए हैं धरातल पर इसकी बारगी देखने को मिलेगी अगर आप शहर के चारों तरफ देखेंगे तो कचरा ही कचरा देखने को मिलेगा नगर निगम क्यों नहीं अपने कार्य को पूर्ण ईमानदारी से करता हैं।स्वच्छ भारत अभियान नारा या स्लोगन तक सीमित ना रहें बल्कि एक जन आंदोलन बने और इसे पूरा करने के लिए प्रत्येक नागरिक को इसे अपना कर्तव्य समझना होगा।
सफाई करने की कोशिश कर रही हैं।यह तो देखने पर ही पता चल रहा हैं। अब जिस हाथ में कलम हो उस हाथ में झाड़ू पकड़ा दो तो ऐसा ही नजारा में देखने को मिलेगा जिसका काम उसी को साजे दूसरा करे तो डंडा बाजे सचिव साहिबा ने कभी अपने घर पर झाडू लगाई हो तो उन्हें पता चल जाता कि झाड़ू कैसे लगाई जाती हैं। झाड़ू कैसे पकड़ी जाती हैं।लेकिन इसमें उनकी भी कोई गलती नहीं हैं। क्योंकि यह काम उनका नहीं हैं।अब दशहरा मेला खत्म होने के बाद आप परेड ग्राउंड में आज के दिन देखेंगे तो चारों तरफ कूड़ा ही कूड़ा पड़ा हैं। इस पर किसी राजनीतिक दल या मेयर की नजर नहीं पड़ी जो कि कल रात सड़क में झाड़ू लगा रहे थे तो इसे ही साफ कर देते परेड ग्राउंड में यह ऐसे ही पड़ा हुआ हैं। मेला खत्म होने के बाद मेला आयोजकों ने भी इसकी सफाई करने की जहमत नहीं उठाई और कूड़ा यूं ही छोड़ दिया और ना ही नगर निगम ने चारों तरफ फैले कूड़े के अंबार को उठाना की ज़हमत करी
लेकिन स्वच्छता अभियान केवल सरकारी कार्यक्रम तक ही सीमित रह गए हैं धरातल पर इसकी बारगी देखने को मिलेगी अगर आप शहर के चारों तरफ देखेंगे तो कचरा ही कचरा देखने को मिलेगा नगर निगम क्यों नहीं अपने कार्य को पूर्ण ईमानदारी से करता हैं।स्वच्छ भारत अभियान नारा या स्लोगन तक सीमित ना रहें बल्कि एक जन आंदोलन बने और इसे पूरा करने के लिए प्रत्येक नागरिक को इसे अपना कर्तव्य समझना होगा।
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