नाम तो भगवान का होता है- विधायक मनोज रावत



रुद्रप्रयाग--केदारनाथ धाम में भारत गणराज्य के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारपुरी में पुनः निर्माण के  शिलान्यास किया। इन शिलापटों पर जिस विभाग की योजना थी उसके विभागीय मंत्री के अलावा केदारनाथ विधायक मनोज रावत का नाम भी नही था।
जबकि परंपरा के अनुसार जिस विधानसभा में कोई विभागीय कार्यक्रम होता है , उसकी अध्यक्षता स्थानीय विधायक करता है।पर लगता है भा ज पा लोकतांत्रिक शिष्ठाचार भूल चुकी है। इस पर विधायक का यही कहना है कि, "नाम तो भगवान का होता है "। वो किसी के लिखने से न तो अमर होता है न मिटाने से मिटता है। फिर भी केदारनाथ की धरती का पाखंड अधिक दिन नही टिकता। विधायक का तो छोड़िए वो मंत्री " सतपाल महाराज  " का नाम ही लिख देते।
अधिकांश योजनाएं उनसे संबंधित विभागों की है। पर यंहा भी "नए नाम बीर मंत्री",  धन सिंह रावत ने बाजी मार ली, जिनके विभाग की किसी योजना का शिलान्यास नही हुआ पर सभी शिलापटों पर केवल उनका ही नाम था। ये जलालत झेलने के बाद, अब सतपाल महाराज  कांग्रेस और भा ज पा में सही अंतर को समझ सकते हैं।
खैर पिछले 2 दिन धर्म , संस्कृति और परंपरा की ठेकेदार कहने वाली पार्टी के नेताओं ओर मंत्रियों के साथ हंसते -खेलते अच्छे कटे।वे मंत्री ओर नेता भी शिलापट को पड़ते हुए अंदर से फुक रहे थे।

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