अस्पताल एवं क्लीनिक का कूड़ा सड़को पर
देहरादून के शिक्षित छात्रों के संगठन मेकिंग अ डिफरेंस बाय बीइंग द डिफरेंस (मैड) संस्था ने रविवार को यह आरोप लगाया है कि शहर के कुछ अस्पताल एवं क्लीनिक जैव चिकित्सालय अवशिष्ट अर्थात अस्पतालों में पाए जाने वाले कूड़े का सही तरह से निस्तारण नहीं कर रहे हैं और इस वजह से वह कूड़ा आम कूड़े की तरह ही कूड़ेदानों में नहीं सड़को पर फेंका जा रहा है। संस्था ने आगाह किया कि इस से महामारी फैलने का ख़तरा तो है ही साथ ही साथ कूड़ा बीन ने वालों एवं सफाई करमचारियों के लिए भी हानि का कारण हो सकता है।
मैड ने यह चौका देने वाली बात खुद के द्वारा संचालित की गयी एक सफाई एवं जागरूकता अभियान के ठीक बाद कही। जब मैड संस्था द्वारा आराघर चौक के समीप पुराने बस अड्डे के समक्ष सफाई अभियान चलाया जा रहा था तब संस्था को खून के नमूनों के साथ बैंडेड इत्यादि सामान यूँ ही कूड़े में पड़ा हुआ मिला। संस्था को सुई एवं सिरिंज भी मिलने लगे। जागरूकता अभियान के द्वारा संस्था ने ये भी पाया कि उस क्षेत्र के आस पास कई सारे नामी गिरामी एवं निजी तौर पर चिकित्सा प्रदान कर रहे अस्पताल एवं संस्थान मौजूद हैं।मैड ने यह देखकर अभियान को जल्दी समाप्त किया और सीधे नगर निगम जाकर वहां बैठे कर्मचारी को कूड़े के ढ़ेर से मिली चीजों का एक सैंपल पेश कर दिया। रविवार होने के कारण नगर निगम अधिकारिक रूप से तो बंद था लेकिन मैड ने यह मन बना लिया है कि इस गंभीर मुद्दे पर वह सरकार के हर स्तर पर जरूर आवाज़ उठायेगी।
भारी बारिश के बीच हुए इस कार्यक्रम में शामिल होने वालों में से संस्थापक अध्यक्ष अभिजय नेगी, शार्दुल असवाल, विनोद बगियाल, पल्लवी भाटिया, सौरव जोशी शामिल रहे।
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