स्कूल के छात्र-छात्राएं पिछले छह वर्षों से निस्वार्थ भाव से सफाई करते आ रहे

देहरादून-- भूमि प्रदूषण आज देहरादून में  ही नहीं  देश एक बड़ा मुद्दा बन गया है। स्कूल के छात्र-छात्राएं पिछले 6 सालों से निस्वार्थ भाव से सफाई करते आ रहे हैं लेकिन दून के लोगों के कान पर जू तक नहीं रेंगी शहर में चारों तरफ फैला कूड़ा इस बात की गवाह है कि नगर निगम भी अपने काम को सही  तरीके से नहीं करते हैं नगर निगम काम करती तो स्कूल के छात्रों को पढ़ने की वजह शहर की सफाई न करने पर  सवाल यह है कि सरकार भी इस ओर ध्यान नहीं देती है बस खाली विज्ञापनों में ही अपने प्रचार-प्रसार करती है धरातल पर ऐसा कोई काम नहीं करती है जिससे कि लगे शहर में सफाई व्यवस्था सुचारु रुप से है केंद्र की मोदी सरकार ने सरकार बनते ही स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की थी लेकिन यह भी सिर्फ कागजों में ही सिमट कर रह गई हैअभी हाल की एक घटना ने दिल्ली में दो लोगों की जान ले ली थी कचरे का पहाड़ बना कर सरकार ने खड़ा कर दिया था छात्रों द्वारा संचालित सामाजिक संस्थान मेकिंग ए डिफरेंस बाई बीइंग द डिफरेंस ने  रविवार को सुबह 7.30 बजे देहरादून रेलवे स्टेशन में सफाई एवं जागरुकता अभियान चलाया। मेकिंग ए डिफरेंस बाई बीइंग द डिफरेंस पिछले 6 वर्षों से इस समस्या को खत्म करने करने के लिए कार्यरत है। इसी कड़ी में मैड के 30 कार्यकर्ता और अन्य कॉलिज के छात्र 3 सितंबर सुबह 7 बजे एशले हॉल में एकत्रित हुए और सफाई अभियान के संबंध में योजना बनाई। सभी
को दस्ताने, मास्क, सेनेटाइजर, और बैग्स दिए गए।
 रेलवे स्टेशन पहुँचकर छात्रों ने अजैविक कूड़े का ढ़ेर जगह जगह बिखरा हुआ पाया। सभी कार्यकर्ताओं ने कूड़े की सफाई करने के साथ साथ वहाँ लोगो को भी इस विषय में जागरूक किया। मैड संगठन के इस कार्यक्रम को लोक चेतना मंच , संयुक्त नागरिक संगठन, संयुक्त नागरिक मंच , फ्रेंड्स ऑफ दून सोसाइटी से भरपूर समर्थन मिला | पेशे से इंजीनियर विनोद नौटियाल अपने बारहवीं कक्षा मे पढ़ रहे बेटे को साथ लाए| उन्होने कहा, "यूँ तो आम तौर पर माँ- बाप अपने बच्चों को सामाज सुधार से जुड़े काम जैसे कि कचरा उठाने जैसी चीज़ों से रोकते हैं लेकिन मैं अपने बेटे को इसलिए लाया हूँ ताकि में आम जन-मानस में यह संदेश दे सकूँ कि अपने इस शहर को साफ़ रखना किसी एक संगठन की ज़िम्मेदारी नहीं बल्कि सबकी संयुक्त ज़िम्मेदारी है"| इसी तरह वृद्धा अवस्था में पहुच चुके किंतु मन से जोश भरे सुशील कुमार त्यागी ने भी संगठन का पूरा साथ दिया|
आदर्श, मैड कार्यकर्ता के अनुसार, दो दिनों से लगातार हो रही बारिश में सफाई करना काफी मुश्किल था। मगर सभी ने उसे एक चुनौती की तरह लिया और समाज के लिए अपना योगदान दे पाने पर संतोष व्यक्त किया। शार्दुल ने आगे कहा कि यदि हर कोई अपनी जिम्मेदारी समझे, तो देहरादून में गंदगी की समस्या समाप्त हो जाएगी। एक अन्य कार्यकर्ता के अनुसार लोग नगर निगम पर दोष डालकर अपनी जिम्मेदारियों से बच नहीं सकते। हमें इस समस्या से लड़ने की सामूहिक जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी। मैड 15-22 के आयू वर्ग के स्कूल एवं कॉलेज के छात्रों का संगठन है जो अपने व्यस्त कार्यक्रम से समय निकालकर सप्ताहांत में समाज के लिए काम करते हैं। इस अभियान में मैड के संस्थापक अभिजय नेगी, आकांशा, अक्षत, अलीशा, आयूष व अन्य मौजूद थे।
फ्रेंड्स ऑफ दून के भरत शर्मा भी इस अभियान के साथ जुड़े |कार्यक्रर्म के बाद मैड संगठन के छात्रों ने देहरादून बिज़्नेस स्कूल से आए युवा सदस्यों के साथ एक समोसा, चाय व जलेबी पार्टी का आयोजन किया |

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