कत्ल होता चौथा स्तंभ
मोहाली,
पंजाब के मोहाली में वरिष्ठ पत्रकार केजे सिंह और उनकी मां गुरुचरन कौर की हत्या कर दी गई है। दोनों का शव उनके आवास मोहाली स्थित फेज-3, बी-2 से मिला है। दोनों शव देखकर साफ है कि हमलावरों ने घर में घुसकर हत्या की है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। हत्या के कारणों का फिलहाल पता नहीं चल पाया है। केजी सिंह इंडियन एक्सप्रेस के न्यूज एडिटर रह चुके हैं। साथ ही उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया और द ट्रिब्यून में भी काम किया है। पंजाब पुलिस हर एंगल से केस की जांच कर रही है।आपको बता दें कि घर से कई चीजें गायब मिली है, जिसमें कार्ड, टीवी और अन्य आइटम शामिल है। एसएसपी पंजाब पुलिस ने मौके पर पहुंचकर टीम के साथ जांच शुरू कर दी।हाल के दिनों में पत्रकारों पर लगातार हमले बढ़े हैं और उनकी हत्याएं की गई हैं। कन्नड़ भाषा की पत्रकार गौरी लंकेश की बेंगलुरु में हत्या के बाद त्रिपुरा में शांतनु भौमिक की रिपोर्टिंग के दौरान अपहरण कर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद आज केजे सिंह की हत्या खबर आई है। आखिर कब तक सच्चाई के आईने को तोड़ा जाता रहेगा क्यों नहीं सरकार इस पर सख्त कानून बनाती है पत्रकारों की हिफाजत के लिए जो सच्चाई को जनता के सामने लाता है आखिर क्यों उसकी हत्या कर दी जाती है यह पहला केस नहीं जिसमें पत्रकार को मार दिया जाए गया है इससे भी पहले कई घटनाएं हुई हैं और हर घटना के बाद जांच होती है लेकिन कातिल नहीं पकड़ा जाता सरकार पत्रकारों के प्रति संवेदनशील क्यों नहीं होती पत्रकारिता लाला की दुकान नहीं जो चाहे जैसी भी चलाऐं जो सच सामने लाएगा उसकी आवाज को दबा दिया जाएगा आखिर कब तक हम यूं ही मोमबत्ती जलाकर सड़कों पर प्रदर्शन करते रहेंगे
पंजाब के मोहाली में वरिष्ठ पत्रकार केजे सिंह और उनकी मां गुरुचरन कौर की हत्या कर दी गई है। दोनों का शव उनके आवास मोहाली स्थित फेज-3, बी-2 से मिला है। दोनों शव देखकर साफ है कि हमलावरों ने घर में घुसकर हत्या की है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। हत्या के कारणों का फिलहाल पता नहीं चल पाया है। केजी सिंह इंडियन एक्सप्रेस के न्यूज एडिटर रह चुके हैं। साथ ही उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया और द ट्रिब्यून में भी काम किया है। पंजाब पुलिस हर एंगल से केस की जांच कर रही है।आपको बता दें कि घर से कई चीजें गायब मिली है, जिसमें कार्ड, टीवी और अन्य आइटम शामिल है। एसएसपी पंजाब पुलिस ने मौके पर पहुंचकर टीम के साथ जांच शुरू कर दी।हाल के दिनों में पत्रकारों पर लगातार हमले बढ़े हैं और उनकी हत्याएं की गई हैं। कन्नड़ भाषा की पत्रकार गौरी लंकेश की बेंगलुरु में हत्या के बाद त्रिपुरा में शांतनु भौमिक की रिपोर्टिंग के दौरान अपहरण कर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद आज केजे सिंह की हत्या खबर आई है। आखिर कब तक सच्चाई के आईने को तोड़ा जाता रहेगा क्यों नहीं सरकार इस पर सख्त कानून बनाती है पत्रकारों की हिफाजत के लिए जो सच्चाई को जनता के सामने लाता है आखिर क्यों उसकी हत्या कर दी जाती है यह पहला केस नहीं जिसमें पत्रकार को मार दिया जाए गया है इससे भी पहले कई घटनाएं हुई हैं और हर घटना के बाद जांच होती है लेकिन कातिल नहीं पकड़ा जाता सरकार पत्रकारों के प्रति संवेदनशील क्यों नहीं होती पत्रकारिता लाला की दुकान नहीं जो चाहे जैसी भी चलाऐं जो सच सामने लाएगा उसकी आवाज को दबा दिया जाएगा आखिर कब तक हम यूं ही मोमबत्ती जलाकर सड़कों पर प्रदर्शन करते रहेंगे
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