चीनी माल भारत छोड़ो आंदोलन करेगा गूंज
देहरादून-गूंज संस्था की ओर से आयोजित प्रेस कांफ्रेस में संस्था के अध्यक्ष रविंद्र सिंह आनंद द्वारा भारत में आयात व इस्तेमाल किये जा रहे चीनी माल (उत्पाद) को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित करने हेतु अंदोलन का आहवान किया। जिसको उन्होने ”चीनी माल भारत छोड़ो आंदोलन“ का नाम दिया।रविंद्र सिंह आनंद ने कहा कि आगामी दिनाें में चीनी माल के आयात व इस्तेमाल के विरोध में उग्र आंदोलन किए जाऐंगे। जिसमें उनके साथ राजधानी देहरादून व प्रदेश के कई व्यापारी, समाजसेवी, गृहणी, छात्र व सभी समुदाय के लोग इसके विरोध में समर्थन देंगे। उन्हाेंने कहा कि चीन में होली नहीं मनाई जाती परंतु गुलाल, पिचकारी, गुब्बारे आदि होली का सामान चीन भारत में निर्यात करता है। इसी प्रकार चीन में रक्षा बंधन नहीं मनाया जाता किंतु रक्षा बंधन के लिए रखियां, पतंग, मांझा आदि सामग्री भी चीन भारत को निर्यात करता है।
और इसी प्रकार दिपावली भी चीन में नहीं मनाई जाती परंतु फिर भी अधिकांश सामान चीन से ही निर्यात किया जाता है। उन्होंने कहा कि आज बटन से लेकर घड़ी, मोबाइल, मशीनें, खिलौने, प्लास्टिक व लोहे का सामान, इलैक्ट्रिक व इलैक्ट्रिोनिक आइटमस चीन धड़ल्ले से भारत को निर्यात कर रहा है।
वहीं दूसरी ओर यदि बात भारत की सुरक्षा की, की जाए तो चीन भारत को बार-बार धमकाता है। गौरतलब है कि हाल ही में डोकलाम में सड़क व लद्दाख सीमा के पास पुल बनाए जाने की नापाक हरकत विवाद का विषय बना हुआ है। साथ ही चीन का पाकिस्तान को समर्थन भी किसी से छुपा नहीं है। उन्होंने कहा चीन बहुत चालाक है क्योंकि उसने हाल ही में अपने उत्पादों पर मेड इन चाइना लिखने के बजाए पीआर सी छापना शुरु कर दिया है। जिससे आम जन मानस को यह पता ही न लगे कि यह उत्पाद चीन में बना है।
आंदोलन की घोषणा करते हुए रविंद्र सिंह आनंद ने कहा कि इस समय ऐसी देश विरोधी ताकतों के खिलाफ मिल जुल कर लड़ने की आवश्यकता है। जल्द ही चीनी उत्पादों के विरोध में उग्र प्रदर्शन व धरनों का अयोजन किया जाएगा। यदि आवश्यकता हुई तो भूख हड़ताल का भी सहारा लिया जाएगा। उन्हाेंने प्रदेश व केंद्र सरकार से मांग की कि जल्द ही चीनी उत्पादों का आयात बंद किया जाए। जिससे छोटे- मोटे व्यवसायियों को जिनका व्यवसाय चीनी उत्पादों के कारण लगभग समाप्त हो गया है को स्वरोजगार का मौका मिल सके।
और इसी प्रकार दिपावली भी चीन में नहीं मनाई जाती परंतु फिर भी अधिकांश सामान चीन से ही निर्यात किया जाता है। उन्होंने कहा कि आज बटन से लेकर घड़ी, मोबाइल, मशीनें, खिलौने, प्लास्टिक व लोहे का सामान, इलैक्ट्रिक व इलैक्ट्रिोनिक आइटमस चीन धड़ल्ले से भारत को निर्यात कर रहा है।
वहीं दूसरी ओर यदि बात भारत की सुरक्षा की, की जाए तो चीन भारत को बार-बार धमकाता है। गौरतलब है कि हाल ही में डोकलाम में सड़क व लद्दाख सीमा के पास पुल बनाए जाने की नापाक हरकत विवाद का विषय बना हुआ है। साथ ही चीन का पाकिस्तान को समर्थन भी किसी से छुपा नहीं है। उन्होंने कहा चीन बहुत चालाक है क्योंकि उसने हाल ही में अपने उत्पादों पर मेड इन चाइना लिखने के बजाए पीआर सी छापना शुरु कर दिया है। जिससे आम जन मानस को यह पता ही न लगे कि यह उत्पाद चीन में बना है।
आंदोलन की घोषणा करते हुए रविंद्र सिंह आनंद ने कहा कि इस समय ऐसी देश विरोधी ताकतों के खिलाफ मिल जुल कर लड़ने की आवश्यकता है। जल्द ही चीनी उत्पादों के विरोध में उग्र प्रदर्शन व धरनों का अयोजन किया जाएगा। यदि आवश्यकता हुई तो भूख हड़ताल का भी सहारा लिया जाएगा। उन्हाेंने प्रदेश व केंद्र सरकार से मांग की कि जल्द ही चीनी उत्पादों का आयात बंद किया जाए। जिससे छोटे- मोटे व्यवसायियों को जिनका व्यवसाय चीनी उत्पादों के कारण लगभग समाप्त हो गया है को स्वरोजगार का मौका मिल सके।
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