कलिंगा ट्रेन हादसे में रेलवे प्रशासन की लापरवाही
कलिंगा उत्कल एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त होने का कारण स्थानीय लोगों ने बताया कि रेलवे ट्रैक पर काम चल रहा था और उसी ट्रैक पर कलिंगा उत्कल एक्सप्रेस को डाल दिया गया था ।ट्रेन हादसे का रेलवे प्रशासन की लापरवाही का कारण बताया जा रहा है जो भी ट्रेन ट्रैक पर काम चल रहा था और उन्होंने इसकी सूचना पायलट को नहीं दी थी। जिसके कारण शाम 5:50 पर कलिंगा उत्कल एक्सप्रेस हरिद्वार के लिए आ रही थी जोकि मुजफ्फरनगर के खतौली स्टेशन के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई जिसमें ट्रेन के करीब 9 डिब्बे पटरी से उतर गए वही कुछ डब्बे एक दूसरे के ऊपर चढ़े। वही चौ तिलक राम इंटर काँलेज में एक बोगी घुसी गई जिससे काफी नुकसान हुआ है।
अंधेरे के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन नहीं हो पा रहा है जबकि वहां के स्थानीय लोगों ने सर्वप्रथम दुर्घटना होते ही बचाव कार्य शुरू कर दिया था और काफी लोगों को बोगियों से निकाला गया वही पास के शुगर मिल से गैस कटर और वर्करों ने मिलकर बोगियों को काटकर घायलों को बाहर निकाला
लोगों में प्रशासन को लेकर नाराजगी भी देखने को मिले घटना पर मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारी को सूचित किया गया था जिलाधिकारी ने तुरंत ही मौके पर पुलिस को राहत कार्य के लिए भेज दिया। क्योंकि अब अंधेरा हो चुका है और लाइट की व्यवस्था ना होने के कारण राहत कार्य मैं बाधा हो रही है। ट्रेन हादसे में लगभग 200-300 लोग घायल हुए हैं तो वही 20 से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई है।
अंधेरे के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन नहीं हो पा रहा है जबकि वहां के स्थानीय लोगों ने सर्वप्रथम दुर्घटना होते ही बचाव कार्य शुरू कर दिया था और काफी लोगों को बोगियों से निकाला गया वही पास के शुगर मिल से गैस कटर और वर्करों ने मिलकर बोगियों को काटकर घायलों को बाहर निकाला
लोगों में प्रशासन को लेकर नाराजगी भी देखने को मिले घटना पर मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारी को सूचित किया गया था जिलाधिकारी ने तुरंत ही मौके पर पुलिस को राहत कार्य के लिए भेज दिया। क्योंकि अब अंधेरा हो चुका है और लाइट की व्यवस्था ना होने के कारण राहत कार्य मैं बाधा हो रही है। ट्रेन हादसे में लगभग 200-300 लोग घायल हुए हैं तो वही 20 से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई है।
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