तकनीकि उपकरणों की प्रदर्शनी का अवलोकन करते -मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के साथ उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने डी.आई.टी विश्वविद्यालय में मुद्रा, स्टार्टअप, स्टेैंड अप क्रेडिट गारंटी फंड, ट्रस्ट स्कीम और एमएसएमई पाॅलिसी पर जागरूकता कार्यशाला में प्रतिभाग किया। उत्तराखण्ड सरकार, इंडस्ट्री एसोशिएसन एवं सिडबी के सौजन्य से आयोजित कार्यशाला में मुख्यमंत्री ने छात्रों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने कहा कि बेरोजगारी को दूर करने का सबसे अच्छा उपाय स्वरोजगार है। विभिन्न उद्यमों के माध्यम से युवाओं को रोजगार तो मिलेगा ही, इसके साथ ही स्थानीय लोगों को भी रोजगार के अवसर मिलेंगे। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रोकने के लिए उद्योगों का विकास करना जरूरी है। इसके लिए युवाओं का आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में उद्यमों के विकास की अपार संभावनाएं है। स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए उत्पादों की गुणवत्ता पर ध्यान देने एवं स्किल डेवलपमेंट की आवश्यकता है।मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि विभिन्न देशों के इन्वेस्टरों का उत्तराखण्ड में कार्य करने हेतु प्रस्ताव आ रहा है। जैवीय उत्पादों पर कार्य करने की मांग बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि स्थानीय युवाओं का भी स्वरोजगार के प्रति रूझान बढ़ा है। आज काफी मात्रा में युवा नौकरियां छोड़कर स्वरोजगार कर रहे हैं और स्थानीय लोगों को भी विभिन्न उद्यमों के माध्यम से रोजगार प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कुछ लोग स्थानीय उत्पादों पर काफी अच्छा कार्य कर रहे है। स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही लोगों को भी स्वरोजगार की धारा से जोड़ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मुद्रा योजना, स्टैंड अप इंडिया एवं स्टार्टअप इण्डिया का उद्देश्य सबका साथ, सबका विकास करना है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने छात्रों द्वारा लगाई गई तकनीकि उपकरणों की प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।
उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले काफी लोग हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में पलायन, आपदा एवं बेरोजगरी की समस्याओं के समाधान के लिए युवाओं को सोचना होगा। राज्य के विकास के लिए प्रतिभा पलायन को रोकना जरूरी है।
कार्यशाला में मसूरी विधायक गणेश जोशी, प्रमुख सचिव मनीषा पंवार, चैयरमेन डी.आई.टी अनुज अग्रवाल, वाईस चांसलर (डी.आई.टी) के.के रैना आदि उपस्थित थे।
उन्होंने कहा कि बेरोजगारी को दूर करने का सबसे अच्छा उपाय स्वरोजगार है। विभिन्न उद्यमों के माध्यम से युवाओं को रोजगार तो मिलेगा ही, इसके साथ ही स्थानीय लोगों को भी रोजगार के अवसर मिलेंगे। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रोकने के लिए उद्योगों का विकास करना जरूरी है। इसके लिए युवाओं का आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में उद्यमों के विकास की अपार संभावनाएं है। स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए उत्पादों की गुणवत्ता पर ध्यान देने एवं स्किल डेवलपमेंट की आवश्यकता है।मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि विभिन्न देशों के इन्वेस्टरों का उत्तराखण्ड में कार्य करने हेतु प्रस्ताव आ रहा है। जैवीय उत्पादों पर कार्य करने की मांग बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि स्थानीय युवाओं का भी स्वरोजगार के प्रति रूझान बढ़ा है। आज काफी मात्रा में युवा नौकरियां छोड़कर स्वरोजगार कर रहे हैं और स्थानीय लोगों को भी विभिन्न उद्यमों के माध्यम से रोजगार प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कुछ लोग स्थानीय उत्पादों पर काफी अच्छा कार्य कर रहे है। स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही लोगों को भी स्वरोजगार की धारा से जोड़ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मुद्रा योजना, स्टैंड अप इंडिया एवं स्टार्टअप इण्डिया का उद्देश्य सबका साथ, सबका विकास करना है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने छात्रों द्वारा लगाई गई तकनीकि उपकरणों की प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।
उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले काफी लोग हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में पलायन, आपदा एवं बेरोजगरी की समस्याओं के समाधान के लिए युवाओं को सोचना होगा। राज्य के विकास के लिए प्रतिभा पलायन को रोकना जरूरी है।
कार्यशाला में मसूरी विधायक गणेश जोशी, प्रमुख सचिव मनीषा पंवार, चैयरमेन डी.आई.टी अनुज अग्रवाल, वाईस चांसलर (डी.आई.टी) के.के रैना आदि उपस्थित थे।
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