लामबगड़ के पास पहाड़ से पत्थर गिरने कारण बी आर ओ ने सड़क बंद की
देहरादून से 5 तारीख की सुबह बद्रीनाथ व हेमकुंड की यात्रा पर निकले शाम को जब हमें लामबगड़ के पास पहुंचे तो एसडीआरएफ ने गाड़ी रोक रखी थी क्योंकि रास्ता सही नहीं था कुछ देर इंतजार करने के बाद एक एक गाड़ी को जाने दिया गया हमारे आगे चल रही टेंपो ट्रेवल के ऊपर से अचानक एक पत्थर गिरा हमने जैसे तैसे वहां से गाड़ी निकाली और बद्रीनाथ पहुँचे दर्शन करने के बाद वापस हेमकुंड के लिए निकले लामबगड़ के पास पहाड़ से पत्थर गिर रहे थे जिसके कारण बी आर ओ ने सड़क बंद कर दी
क्योंकि रह-रहकर ऊपर से पत्थर दिल रहे थे गिर रही थी एकाएक पत्थर ज्यादा गिरने लगे तो बी आर ओ ने रोड बंद कर दी और सभी यात्रियों से कहा कि जो आगे जाना चाहता है वह ऊपर गांव के रास्ते से पैदल निकाल जाये क्योंकि जब तक पत्थर गिरना बंद नहीं होगे हम सड़क नही खोल पाएंगे इसलिए हमने निर्णय किया किया हम गाड़ी को यही छोड़ कर ऊपर के रास्ते से पांडुकेश्वर चले जाएं हमने गाड़ी की चाबी एक व्यक्ति को दे दी कि जब रोड़ खुल जाये तो किसी ड्राइवर से गाड़ी को गोविंदघाट पहुंचा देना यहां पर किसी भी मोबाइल टावर का नेटवर्क नहीं मिल रहा था BSNL के सिग्नल बहुत कम थे हेमकुंड में भी किसी कंपनी की कनेक्टिविटी नहीं थी इसलिए हम 3 दिनों तक दुनिया से कटे रहे। ।7 तारीख की सुबह को हम हेमकुंड साहिब के लिए निकल गये और शाम को घाघंरिया में पहुंच गये। 8 तारीख की सुबह 5 बजे हेमकुंड साहिब की कठिन यात्रा करने के बाद गुरुद्वारे में मत्था टेकने के बाद हम वापस गोविंदघाट के लिए निकाल गये लगभग 3 बजे के करीब हम जब गोविंदघाट पहुंचे तो वहां पर BSNL की कनेक्टिविटी मिली रही थी वह भी बहुत वीक सिग्नल के साथ तो हमने अपने जानने वाले व्यक्ति को फोन कर पूछा कि हमारी गाड़ी कहां पर है उसने बताया कि अभी सड़क नहीं खुली है कुछ दिन और सड़क नहीं खुल पाई क्योंकि लगातार बारिश होने से सड़क पर पत्थर गिर रहे हैं इसलिए बीआरओ सड़क नहीं खोल पा रहा है अब हमारी मजबूरी थी हमें वापस देहरादून आना था कुछ दोस्तों को दिल्ली जाना था इसलिए हमने अपनी गाड़ी वहीं छोड़ टैक्सी बुक की आैर देहरादून के लिए निकाल गये पूरे रास्ते बारिश हो रही थी
क्योंकि रह-रहकर ऊपर से पत्थर दिल रहे थे गिर रही थी एकाएक पत्थर ज्यादा गिरने लगे तो बी आर ओ ने रोड बंद कर दी और सभी यात्रियों से कहा कि जो आगे जाना चाहता है वह ऊपर गांव के रास्ते से पैदल निकाल जाये क्योंकि जब तक पत्थर गिरना बंद नहीं होगे हम सड़क नही खोल पाएंगे इसलिए हमने निर्णय किया किया हम गाड़ी को यही छोड़ कर ऊपर के रास्ते से पांडुकेश्वर चले जाएं हमने गाड़ी की चाबी एक व्यक्ति को दे दी कि जब रोड़ खुल जाये तो किसी ड्राइवर से गाड़ी को गोविंदघाट पहुंचा देना यहां पर किसी भी मोबाइल टावर का नेटवर्क नहीं मिल रहा था BSNL के सिग्नल बहुत कम थे हेमकुंड में भी किसी कंपनी की कनेक्टिविटी नहीं थी इसलिए हम 3 दिनों तक दुनिया से कटे रहे। ।7 तारीख की सुबह को हम हेमकुंड साहिब के लिए निकल गये और शाम को घाघंरिया में पहुंच गये। 8 तारीख की सुबह 5 बजे हेमकुंड साहिब की कठिन यात्रा करने के बाद गुरुद्वारे में मत्था टेकने के बाद हम वापस गोविंदघाट के लिए निकाल गये लगभग 3 बजे के करीब हम जब गोविंदघाट पहुंचे तो वहां पर BSNL की कनेक्टिविटी मिली रही थी वह भी बहुत वीक सिग्नल के साथ तो हमने अपने जानने वाले व्यक्ति को फोन कर पूछा कि हमारी गाड़ी कहां पर है उसने बताया कि अभी सड़क नहीं खुली है कुछ दिन और सड़क नहीं खुल पाई क्योंकि लगातार बारिश होने से सड़क पर पत्थर गिर रहे हैं इसलिए बीआरओ सड़क नहीं खोल पा रहा है अब हमारी मजबूरी थी हमें वापस देहरादून आना था कुछ दोस्तों को दिल्ली जाना था इसलिए हमने अपनी गाड़ी वहीं छोड़ टैक्सी बुक की आैर देहरादून के लिए निकाल गये पूरे रास्ते बारिश हो रही थी
Comments
Post a Comment