किसानों की आत्महत्या पर कांग्रेस धरना

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष प्रीतम सिहं के नेतृत्व में प्रदेश खेतहर मजदूर किसान कांग्रेस द्वारा किसानों की समस्याओं को लेकर गांधी पार्क में धरना अयोजित किया गया। इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने धरने में आये किसानाें व कांग्रेस कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने देश की जनता को अच्छे दिनों का लोभ देकर, झूठे वायदे कर सत्ता हथियाने का काम किया था। परन्तु 3 वर्ष बीत जाने के बाद भी देश की जनता के साथ जो वादे किये थे वह आजतक एक भी पूरा नही हुआ है।प्रीतम सिंह ने कहा कि देश का किसान अपने ऋण न चुका पाने के कारण आत्महत्या कर रहे है। दूसरी तरफ भाजपा की केन्द्र सरकार 3 वर्ष पूर्ण होने पर जश्न मना रही है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष  प्रीतम सिंह ने कहा कि उत्तराखण्ड में किसान द्वारा आत्महत्या किया जाना गंभीर विषय है। उन्होंने कहा कि किसान द्वारा आत्महत्या करने से लगता है कि किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य नही मिल पा रहा है। किसान ऋण तले दबता जा रहा है। उन्होंने कहा कि 2017 में भाजपा ने कहा था कि यदि हमारी सरकार आई तो किसानों का ऋण माफ करने के साथ ही उन्हेें व्याज मुक्त ऋण दिया जायेगा, परन्तु सरकार अपने इस वायदे से विमुख हुई है। उन्होेंने कहा कि किसान अन्नदाता है और कांग्रेस ने सदैव किसानों की हक की लड़ाई सदन से लेकर सड़क तक लड़ी है और यह सिलसिला तब तक चलता रहेगा जब तक किसानों को न्याय नही मिल जाता। प्रीतम सिंह ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने देश की जनता के साथ जो वादे किये थे उनमें से एक भी वादा पूरा नही किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा की करनी और कथनी को देश की जनता समझ़ चुकी है।

प्रीतम सिंह ने कहा कि भाजपा 2014 के लोकसभा चुनाव में बडे- बडे़ वादे कर सत्ता में आई थी। नरेन्द्र मोदी ने सपनों का एक माया जाल बुना था, जिसमें वह सफल भी हुए । उन्होंने कहा कि देश की जनता  को 15 लाख देने का वादा किया परन्तु अपने हर चुनावी वादे में नाकाम साबित होने के बाद देश में बढ़ते आक्रोश को समाप्त करने के लिए नरेन्द्र मोदी ने बिना किसी तैयारी एवं जानकारी के नोटबन्दी का फैसला भारत की जनता के ऊपर थोप दिया। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी ने देश भक्ति से जोड़कर अपने इस गलत फैसले पर उठने वाले सवालों को दबाने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि  भाजपा का सिद्वान्त शुरू से ही जबाव देही से बचने का रहा है। जिसका आज प्रत्यक्ष उदाहरण किसानों की आत्महत्या भारत की जनता देख रही है।  प्रीतम सिंह ने कहा कि यदपि कांग्रेस पार्टी ने उत्तराखण्ड सरकार को 6 महिने तक विरोध न करने का वादा किया था। परन्तु भाजपा सरकार द्वारा लगातार गरीब, असहाय, अल्पसंख्यक, किसानों एवं दलितों के साथ अन्याय कर रही है, जिसे बर्दाश्त करना मुश्किल हो गया है।किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष  प्रमोद कुमार सिंह ने धरने में उपस्थित किसानाें व कांग्रेस कार्यकर्ताओं का धन्यवाद करते हुए कहा कि केन्द्र एवं राज्य में भाजपा की डबल इंजन की सरकार की किसान विरोधी नीतियों के चलते किसान आत्महत्या कर रहा है, किसानों का कर्ज माफ नही किया जा रहा है, किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य नही मिल पा रहा है, गन्ना किसान भुगतान के लिए तरस रहा है। ऐसे में प्रदेश कांग्रेस कमेटी अपने कर्तव्यों से विमुख न होते हुए किसानों की हक की लड़ाई लगातार लड़ती रहेगी। नेता प्रतिपक्ष इन्दिरा हृदयेश, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, प्रदेश सहप्रभारी संजय कपूर, विधायक व अ भा कां कमेटी के सचिव काजी निजामुद्दीन, पूर्व मंत्री दिनेश अग्रवाल, महिला कांग्रेस अध्यक्ष सरिता आर्य, युवा कांग्रेस अध्यक्ष भुवन कापड़ी, एन.एस.यू.आई. अध्यक्ष श्याम सिंह चैहान, जिला अध्यक्ष हिमांशु विज्लवाण, यामीन अंसारी, राजेन्द्र सिह राणा, मुकेश पंत, सतीश नैनवाल ने भी उपस्थित किसानों व कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबांधित करते हुए केन्द्र की मोदी सरकार तथा राज्य की भाजपा सरकार की किसान विरोधी नीतियोें और किसानों के प्रति उदासीन रवैये की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार एक तरफ अपने तीन वर्ष कार्यकाल पूर्ण होने के जश्न में डूबी हुई है वहीं दूसरी तरफ राज्य सरकार अपने 100 दिन के कार्यकाल पर स्वयं अपनी पीठ थपथपाने का कार्य कर रही है, जबकि देवभूमि के इतिहास में पहली बार अन्नदाता आत्महत्या करने को मजबूर हुआ है। बैठक का संचालन  लालचन्द शर्मा ने किया।इस असवर पर पूर्व मंत्री हीरा सिंह बिष्ट, अनुसूया प्रसाद मैखुरी, राजेन्द्र सिंह भण्डारी, मदन सिंह बिष्ट, राजकुुमार, बिक्रम सिंह नेगी, कुवंर सिह नेगी, जोत  सिह बिष्ट, प्रवक्ता गरिमा दसौनी महरा विजय सारस्वत, जिला पंचायत अध्यक्ष चमन सिंह, महन्त विनय सारस्वत, संजय पालीवाल, राजेन्द्र शाह, अजय सिह, संजय किशोर, गिरीश पुनेड़ा, नवीन पयाल, प्रभुलाल बहुगुणा, पृथ्वीराज चैहान, ताहिर अली, महेन्द्र राणा, भरत शर्मा नवीन जोशी, दीप बोहरा,जगदीश धीमान,मानवेन्द्र सिहं, मनोज तलियान, संजय काला, अशोक कोहली,महावीर रावत, अभिनव थापर, आशा टम्टा, कमलेश रमन, पूनम भगत, शान्ति रावत, परिणीता बडोनी, राम विलास रावत, राजेश रस्तोगी, सुलेमान अली, हिमांशु रमोला, राजेश शर्मा, सतेन्द्र सिंह, प्रदीप बगवाडी, सुनीता सिंह, अमरजीत सिंह, विशाल मौर्य,अश्विनी बहुगुणा, जयेन्द्र रमोला, राजपाल खरोला, शिवमोहन मित्रा, मोहन काला, चै हरि सिंह, कृष्णा बहुगुणा, आशा बिष्ट, खष्टी बिष्ट, अनिता बिष्ट, सुमन तिवाड़ी, प्रदीप तिवाड़ी, नवीन रमोला, नरेन्द्र सेठी, अनूप कपूर, अर्जुन सोनकर, प्रकाश नेगी, महेश जोशी आदि सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित थे। 

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