विधान सभा अध्यक्ष प्रेेम चन्द अग्रवाल ने कहा है कि विधान सभा का यह बजट सत्र शंति पूर्वक संचालित हुआ
उत्तराखण्ड विधान सभा अध्यक्ष प्रेम चन्द अग्रवाल ने कहा कि चतुर्थ विधान सभा का बजट सत्र 08 जून से 15 जून, 2017 तक संचालित हुआ। इस दौरान कुल सात विधेयक पारित हुए जबकि उत्तराखण्ड आवासीय विश्वविद्यालय संषोधन विधेयक 2017 पुरःस्थापित किया गया। कुल छः विधेयक सदन के पटल पर रखे गयें। इस बजट सत्र में कुल 690 अल्पसूचित प्रष्न विधान सभा को प्राप्त हुये। चतुर्थ विधान सभा का बजट सत्र सदन में कुल 43 घंटे 38 मिनट तक संचालित हुआ।
बजट सत्र में सदन के पटल पर कुल छः विधेयक रखे गये है। जिसमे (01)लोकायुक्त विधेयक प्रतिवेदन (02) - लोक सेवकों का वार्शिक स्थानान्तरण विधेयक का प्रतिवेदन (03) - भारत का संविधान के अनुच्छेद-323(2) के अधीन उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग के पंचदष वार्शिक प्रतिवेदन (04)-निःशक्तजन अधिनियम,1995 की धारा -65 के अन्तर्गत आयुक्त निःशक्तजन उत्तराखण्ड का वार्शिक प्रतिवेदन आदि पटल में रखे गये है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा अल्पसूचित रुप में स्वीकार 28 उत्तरित, 09, तारांकित रुप स्वीकार 165 उत्तरित 61, अतारांकित रुप स्वीकार 387 उत्तरित 158, स्वीकृत स्थगित तारांकित प्रष्न 03,उत्तरित 03, जबकि विचाराधीन 70 प्रश्न और अस्वीकार 40 प्रश्न हुए है। कुल मिलाकर इस बजट सत्र में कुल 693 प्रश्न प्राप्त हुए। जिसमें से 231 प्रश्र उत्तरित हुए हैं।
अग्रवाल ने कहा कि बजट सत्र के दौरान नियम 300 के अन्तर्गत 136 सूचानाऐं प्राप्त हई। जिसमें से 56 सूचनाऐं स्वीकृत की गयी, नियम 53 में 80 सूचनाऐं प्राप्त हुई जबकि 10 सूचनाऐं स्वीकृत की गयी। इस ही तरह नियम 58 में ध्यानाकर्षन हेतु 14 सूचनाऐं प्राप्त हई, और 14 ही स्वीकृत की गयी।
विधान सभा की कार्यवही संचालन में विधान सभा के माननीय उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चैहान का प्रथम दिन निर्वाचन से ही सहयोग प्राप्त होता रहा है। बजट सत्र के दौरान भी समय समय पर माननीय उपाध्यक्ष ने अपना सहयोग दिया।
अन्त में अग्रवाल ने कहा कि सत्र के दौरान जिस प्रकार पुराने माननीय सदस्यों ने अपने अनुभव के आधार पर सत्र को संचालित करने में अपना सहयोग दिया। ठीक उसी प्रकार विधान सभा में नये माननीय सदस्यों ने अत्यन्त उत्सुकता के साथ विधान सभा कि कार्यवाही संचालन में भाग लिया ,
विधान सभा अध्यक्ष प्रेेम चन्द अग्रवाल ने कहा है कि विधान सभा का यह बजट सत्र शंति पूर्वक संचालित होने के साथ-साथ ऐतिहासिक भी रहा। उन्होंने कहा है कि 11.जून .2002 को 11 घंटे 11 मिनट तक कार्यवाही संचालित हुई थी। जबकि 15.जून, .2017 को 11 घंटे 25 मिनट तक कार्यवाही का संचालन हुआ। कुल मिलाकर चतुर्थ विधान सभा के बजट सत्र में 43 घंटे 38 मिनट तक सत्र की कार्यवाही संचालित हुई। जबकि उत्तराखण्ड निर्माण के बाद पहली बार ऐसा हुआ कि मात्र 01 घंटा 30 मिनट तक सदन की कार्यवाही बाधित हुई। उत्तराखण्ड विधान सभा के इतिहास में पहली बार रात के 11 बजकर 50 मिनट तक सदन कार्यवाही संचालित हुई। अग्रवाल ने कहा कि इस बजट सत्र के दौरान कुल छः विधेयक पारित हुए।
बजट सत्र में सदन के पटल पर कुल छः विधेयक रखे गये है। जिसमे (01)लोकायुक्त विधेयक प्रतिवेदन (02) - लोक सेवकों का वार्शिक स्थानान्तरण विधेयक का प्रतिवेदन (03) - भारत का संविधान के अनुच्छेद-323(2) के अधीन उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग के पंचदष वार्शिक प्रतिवेदन (04)-निःशक्तजन अधिनियम,1995 की धारा -65 के अन्तर्गत आयुक्त निःशक्तजन उत्तराखण्ड का वार्शिक प्रतिवेदन आदि पटल में रखे गये है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा अल्पसूचित रुप में स्वीकार 28 उत्तरित, 09, तारांकित रुप स्वीकार 165 उत्तरित 61, अतारांकित रुप स्वीकार 387 उत्तरित 158, स्वीकृत स्थगित तारांकित प्रष्न 03,उत्तरित 03, जबकि विचाराधीन 70 प्रश्न और अस्वीकार 40 प्रश्न हुए है। कुल मिलाकर इस बजट सत्र में कुल 693 प्रश्न प्राप्त हुए। जिसमें से 231 प्रश्र उत्तरित हुए हैं।
अग्रवाल ने कहा कि बजट सत्र के दौरान नियम 300 के अन्तर्गत 136 सूचानाऐं प्राप्त हई। जिसमें से 56 सूचनाऐं स्वीकृत की गयी, नियम 53 में 80 सूचनाऐं प्राप्त हुई जबकि 10 सूचनाऐं स्वीकृत की गयी। इस ही तरह नियम 58 में ध्यानाकर्षन हेतु 14 सूचनाऐं प्राप्त हई, और 14 ही स्वीकृत की गयी।
विधान सभा की कार्यवही संचालन में विधान सभा के माननीय उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चैहान का प्रथम दिन निर्वाचन से ही सहयोग प्राप्त होता रहा है। बजट सत्र के दौरान भी समय समय पर माननीय उपाध्यक्ष ने अपना सहयोग दिया।
अन्त में अग्रवाल ने कहा कि सत्र के दौरान जिस प्रकार पुराने माननीय सदस्यों ने अपने अनुभव के आधार पर सत्र को संचालित करने में अपना सहयोग दिया। ठीक उसी प्रकार विधान सभा में नये माननीय सदस्यों ने अत्यन्त उत्सुकता के साथ विधान सभा कि कार्यवाही संचालन में भाग लिया ,
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