मनोरमा डोबरियाल शर्मा मैमोरियल फाउंडेशन द्वारा आयोजित की रोजा इफ्तार दावत
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा, अध्यक्षा, मनोरमा डोबरियाल शर्मा मैमोरियल फाउंडेशन द्वारा आयोजित रोजा इफ्तार दावत में शिरकत की। जिसमें मुस्लिम भाईयों ने बढ़-चढ़ कर शिरकत की। दावत में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शिरकत करते हुए कहा कि रोज़े खुलवाने से खुदा बरकत देता हैं। उन्हाेंने कहा कि दिवंगत सांसद मनोरमा डोबरियाल शर्मा द्वारा लगभग कई वर्षो से भाई-चारा व सर्वधर्म सम्भव के लिए रोजा इफ्तार की दावत की देती रही है अब आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा उनकी विरासत को आगे बढ़ा रही है और सभी भाईयों को रमज़ान की मुबारकबाद देते हुए कहा कि रमज़ान के महीने को बरकतों से भरा हुआ बताते हैं उन्हांने कहा कि रोजेदारों का रोजा खुलवाना अपने आप एक बड़ा नेक काम है यह अल्लाह की नियामत हैं जिससे शरीर को संचालित करने की ऊर्जा प्राप्त होती है साथ ही उन्होने सभी से अमन शान्ति की अपील की व इफ्तारी से पूर्व काजी मुफती मौ0 ताहिर ने अमन चैन व विश्वशन्ति की दुआ की गई, जिसमें देश व राज्य की तरक्की व अमन-चैन के लिए भी दुआ की गयी।
रमजान का महीना पवित्रता बलिदान का संदेश भी देता है तथा इससे हिन्दू मुस्लिम एकता मजबूत होती है, रमजान के मौके पर गुनाहओं से तौबा करने का पैगाम भी मिलता है। उन्होने कहा कि उत्तराखण्ड़ कौमी एकता का गुल्दस्ता है और हमें इस गुलदस्ते को सहज कर रखना है तथा क्षेत्र की तरक्की के लिए अमन-चैन को कायम रखते हुए अपने भाई-चारे को आगे बढ़ाना है। उन्होने कहा कि हमें अपने भाईचारे को सम्भाल कर रखना है इस भाईचारे से ही तरक्की का रास्ता खुलता है। हमें इस रास्ते को तेजी से आगे ले जाने के लिए अमन-चैन को भी मजबूत करना है।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने रमजान की मुबारकबाद देते हुए कहा कि रोजेदारों का रोजा खुलवाने वाले को भी खुदा की नियामत मिलती है, रमजान हमें भाईचारे को मजबूत करने के लिए मौका देती है रोजा रखने से बलिदान त्याग की भावना मजबूत होती है। उन्होने सभी भाईयों को मुबारकबाद दी और कहा कि अल्लाह का पैगाम भी इस पर मिलता है। सिंह ने कहा कि समाज के ताने बाने को मजबूत बनाने के लिए इस तरह के कार्यक्रम सामाजिक एकता को भी बढ़ाते है। आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा ने सभी लोगो को रमज़ान की मुबारकबाद दी और कहा कि कौमी एकता को मजबूत करने के लिए यह एक अच्छा मौका देता है उन्होने गुजारिश कि की गंगा-जमुना तहजीब देश व समाज की एकता के लिए आवश्यक है, रोजेदार का रोजा खुलवाने से अल्लाह ताला बरकत देता है।
अंत में आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा ने सभी का शुक्रिया अदा करते हुए रोजेदारों से देश की तरक्की के लिए दुआ करने की गुज़ारिश करते हुए कहा कि पूरे दिन के रोजे के बाद जब रिज़क्क जिस्म में जाता है तो सकारात्मक विचारधारा बनती है जो दूसरे धर्म का सम्मान करता है वह सम्पूर्ण समाज में सम्मान का हकदार होता है। उन्होने यह भी कहा कि अगर सभी देशवासी अपने-अपने धर्म का पालन करने लगें तो भारत की संस्कृति में चार चांद लग जाएंगे। इफ्तारी की नमाज़ काजी मुफती मौ0 ताहिर के द्वारा अदा की गई। इस अवसर पर विभिन्न राजनैतिक व सामाजिक संगठनों से जुडे मौ0 ज़मील, अजहर, ताहिर, पदमश्री अवधेश कौशल (रूलक चेयरमेन), डा0 सचान, सुरेन्द्र कुमार, नबील हसन, अख्तर हुसैन, नवीन जोशी, खुशबू रतूड़ी, इलियाज अंसारी, मौ0 उसमान, मिजामुददीन मंसूरी, मौ0 कफील, डा0 अन्सारी, मौ0 अब्बदुल रज़ाक, डा0 इकबाल, तासीन, जाहिद अंवर, सरदार हरजीत सिंह मिन्टू, सरदार ड़ी0पी0 सिंह, राजेन्द्र धवन, हरीश नागपाल, कपिल नागपाल, नरेन्द्र थापा, अनिल बसनेट, अक्की, आदि सहित सैकड़ो रोज़ेदारों ने शिरकत की।
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