‘जब जाग जाओ तभी सवेरा’’ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत
सोमवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सघन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा का शुभारम्भ किया। कोरोनेशन अस्पताल में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री रावत ने 12 से 24 जून तक चलने वाले सघन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा का विधिवत शुभारम्भ करते हुए कहा कि स्वास्थ्य के कार्यक्रमों में जनजागरूकता से ही सफलता पाई जा सकती है। दवाईयों के साथ ही जनजागरूकता भी बहुत जरूरी है।
मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि यह सोचकर संतोष किया जा सकता है कि शिशु मृत्यु दर के अखिल भारतीय औसत 43 की तुलना में उत्तराखण्ड में 38 ही है। परंतु अन्य देशों से तुलना करें तो उत्तराखण्ड में शिशु मृत्यु दर काफी अधिक है। हमें इसे न्यूनतम स्तर पर लाने के लिए युद्धस्तर पर काम करना होगा। जन-स्वास्थ्य के बहुआयामी पक्ष पर विचार करना होगा। स्वच्छ पेयजल, पोष्टिक भोजन, शुद्ध वायु की उपलब्धता बहुत जरूरी है। ‘जब जाग जाओ तभी सवेरा’’ हम अब भी पूरी क्षमता से प्रयास करें तो काफी कुछ किया जा सकता है।
राज्य कार्यक्रम अधिकारी डा. सुमन आर्या ने बताया कि उत्तराखण्ड में पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों में होने वाले डायरिया के बचाव व नियंत्रण के लिए 12 जून से 24 जून तक सघन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा आयोजित किया जा रहा है। इसके तहत लगभग 10 लाख 29 हजार बच्चों को ओआरएस का पैकेट दिया जाएगा जबकि डायरिया से ग्रसित बच्चों को 14 दिनों तक जिंक की गोलियां निशुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तराखण्ड द्वारा चिकित्सालयों, स्वास्थ्य केंद्रों, निजी चिकित्सालयों व आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से वितरित करने के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं की जा चुकी हैं। अभियान के दौरान 2178 ओआरएस काॅर्नर बनाए जा रहे हैं व अति संवेदनशील क्षेत्रों के लिए 148 मोबाईल टीमें गठित की गई हैं जो कि मलिन बस्तियों, घुमंतु आबादियों एवं जनजातिय क्षेत्रों में जाकर काम करेगी।
इस अवसर पर विधायक व मेयर देहरादून विनोद चमोली, विधायक खजानदास, अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश, अपर सचिव डाॅ. पंकज पांडे सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि यह सोचकर संतोष किया जा सकता है कि शिशु मृत्यु दर के अखिल भारतीय औसत 43 की तुलना में उत्तराखण्ड में 38 ही है। परंतु अन्य देशों से तुलना करें तो उत्तराखण्ड में शिशु मृत्यु दर काफी अधिक है। हमें इसे न्यूनतम स्तर पर लाने के लिए युद्धस्तर पर काम करना होगा। जन-स्वास्थ्य के बहुआयामी पक्ष पर विचार करना होगा। स्वच्छ पेयजल, पोष्टिक भोजन, शुद्ध वायु की उपलब्धता बहुत जरूरी है। ‘जब जाग जाओ तभी सवेरा’’ हम अब भी पूरी क्षमता से प्रयास करें तो काफी कुछ किया जा सकता है।
राज्य कार्यक्रम अधिकारी डा. सुमन आर्या ने बताया कि उत्तराखण्ड में पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों में होने वाले डायरिया के बचाव व नियंत्रण के लिए 12 जून से 24 जून तक सघन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा आयोजित किया जा रहा है। इसके तहत लगभग 10 लाख 29 हजार बच्चों को ओआरएस का पैकेट दिया जाएगा जबकि डायरिया से ग्रसित बच्चों को 14 दिनों तक जिंक की गोलियां निशुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तराखण्ड द्वारा चिकित्सालयों, स्वास्थ्य केंद्रों, निजी चिकित्सालयों व आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से वितरित करने के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं की जा चुकी हैं। अभियान के दौरान 2178 ओआरएस काॅर्नर बनाए जा रहे हैं व अति संवेदनशील क्षेत्रों के लिए 148 मोबाईल टीमें गठित की गई हैं जो कि मलिन बस्तियों, घुमंतु आबादियों एवं जनजातिय क्षेत्रों में जाकर काम करेगी।
इस अवसर पर विधायक व मेयर देहरादून विनोद चमोली, विधायक खजानदास, अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश, अपर सचिव डाॅ. पंकज पांडे सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
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