जी एस टी से बाहर रियल एस्टेट
नगर विकास मंत्री मदन कौशिक ने रियल एस्टेट (विनियमन एवं विकास अधिनियम-2016) विषय पर होने वाली कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि इस अधिनियम के लागू हो जाने के बाद रियल एस्टेट में भवन खरीददारों के हित सुरक्षित रहेंगे। यह अधिनियम खरीददारों और विक्रेताओं के हितों को सुरक्षित रखने की बात करता है। कैबिनेट मंत्री कौशिक ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक लाख आवासहीन लाभार्थियों को आवास दिया जायेगा। इसके तहत प्राईवेट बिल्डरों के साथ मिलकर कार्य किया जायेगा। उन्होंने कहा कि कार्य करने से अपना लक्ष्य पूरा कर लेंगे। कौशिक ने कहा कि अब जो बिल्डर अपनी काॅलोनी बनायेगा वह बनाए जाने वाले मकानों की संख्या और उसकी कीमत का पंजीकरण करायेगा और इसको प्राधिकरण द्वारा नियंत्रित किया जाएगा। उन्होंने कहा की पंजीकरण संबंधी सभी सुविधाएं सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से दी जायेगी, ताकि किसी को भी किसी प्रकार की परेशानियों का सामना न करना पडे। कौशिक ने कहा कि इस योजना के तहत भवनों को 50 प्रतिशत बिल्डर अपनी शर्तों एवं 50 प्रतिशत सरकार अपनी शर्तों पर बेचेगी। राज्य सरकार से जुड़कर प्राईवेट बिल्डर कार्य करेंगे। उन्होंने छोटे क्षेत्र के रियल एस्टेट बिल्डरों को भी आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि जी.एस.टी. लागू होने के बाद रियल एस्टेट के क्षेत्र में लाभ होगा। कौशिक ने कहा कि रूद्रपुर और हरिद्वार में भी ऐसी कार्यशाला जन जागरूकता के लिए आयोजित की जायेगी। सचिव अमित सिंह नेगी ने कहा कि रियल एस्टेट को नियंत्रित करना हमारा उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि आम जनता को जागरूक करने के लिए यह कार्यशाला आयोजित की जा रही है। उन्होंने कहा कि कुछ दिनों में आॅनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था की जायेगी। इस अवसर पर इससे संबंधित एक गाइड लाईन पुस्तक का भी विमोचन किया गया। इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों के बिल्डर, वी.सी. विनय शंकर पाण्डेय, सचिव एम.डी.डी.ए. पी.सी.दुमका, प्रोग्रामर कैलाश पाण्डेय आदि उपस्थित थे।
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