पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अपनी गैरसैंण जिन्दाबाद यात्रा पर

भारी बारीश के बावजूद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अपनी गैरसैंण जिन्दाबाद यात्रा पर गैरसैंण व भराणीसैंण पहुंचे,  भारी संख्या में पंहुचकर जनता व कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया। लोगों को संबोधित करते हुए  हरीश रावत ने कहा कि गैरसैंण राज्य आन्दोलन की भावना का प्रतीक है, राज्य आन्दोलन की संघर्ष की पहचान है, और मैं इस पहचान को कमजोर नहीं पड़ने दूंगा, मैंने गैरसैंण को चारों दिशाओं से जोड़ने के लिए सड़कों की योजनाओं को रूप दिया था, गैरसैंण की भावना को मजबूत करने के लिए भराड़ीसैंण में विधानसभा भवन बनने से पहले ही विधानसभा के सत्र यहां किये और यह राज्य कि विधानसभा की सर्वसमिति से पारित संकल्प जिसके तहत गैरसैंण में बजट सत्र किया जाना था, यहां पर बजट सत्र न कर राज्य निर्माण की अवधारणा का अपमान किया है। यह विधानसभा के साथ-साथ राज्य की जनता व राज्य निर्माण की जनभावना का भी अपमान है। मैं व कांग्रेस पार्टी इस जनभावना का अपमान सहन करने को तैयार नहीं हैं, उन्होंने कहा कि राज्य निर्माण की गैरसैंण से जुड़ी हुई भावना को मैं कमजोर नहीं पड़ने दूंगा। मेरी गैरसैंण जिन्दाबाद की यात्रा चलती रहेगी, जब तक राज्य निर्माण के लिए देखे गये सपने पूरे नहीं होंगे तब तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गैरसैंण पहुंचकर भारी वर्षा  में धरना दिया व जनता को संबाधित किया, तपश्चात भराड़ीसैंण पहुंचकर विधानसभा भवन के समक्ष कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठे, दोनों स्थानों पर गैरसैंण जिन्दाबाद गगन भेदी नारे लगाये गये, उनके साथ गैरसैंण व भराड़ीसैंण में पूर्व मंत्री, मंत्री प्रसाद नैथानी, राजेन्द्र भण्डारी, पूर्व उपाध्यक्ष, विधानसभा अनसूया प्रसाद मैखुरी, पूर्व विधायक गणेश गोदियाल, ललित फर्सवाण, मनोज तिवारी व राजेन्द्र बाराकोटी, हरिकिशन भट्ट, एडवोकेट कृष्णा बिष्ट, सुरेश बिष्ट, मेहलचौरी, सुरेश बिष्ट, गैरसैंण एवं आदि सैकड़ों क्रांगेस कार्यकर्ता व जनता मजूद रहे।

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