ट्रेडर्स एसोसिएशन ऑफ स्पोर्टिंग गुड्स एंड फिजिकल एक्सरसाइज इक्विपमेंट ने जीएसटी दर पर पुनर्विचार किया जाए
जीएसटी कौंसिल द्वारा खेल के सामानों और व्यायाम के उपकरणों पर क्रम से 12% और 28% की अलग जीएसटी दर लगाए जाने के मद्देनजर ट्रेडर्स एसोसिएशन ऑफ स्पोर्टिंग गुड्स एंड फिजिकल एक्सरसाइज इक्विपमेंट (टीएएसजीपीआईआई) ने कौंसिल से अपील की है कि व्यायाम उपकरणों के लिए जीएसटी दर पर पुनर्विचार किया जाए। खेल और व्यायाम उपकरणों के देश भर के निर्माताओं और व्यापारियों की प्रमुख संस्थाए टीएएसजीपीआईआई ने कहा है कि दुनिया भर में चल रहे कराधान के व्यवहार के अनुसार भी जीएसटी को चाहिए कि स्पोर्ट्स गुड्स खेल के काम आने वाला सामानद्ध और व्यायाम के उपकरणों पर जीएसटी टैक्स की दर समान होनी चाहिए और एसोसिएशन ने मांग की है कि इसे 12% ही रखा जाना चाहिए।
जीएसटी दर 28% होने का मतलब है कि जीएसटी कौंसिल की राय में व्यायाम और फिटनेस उपकरण लक्जरी आयटम हैं जबकि ऐसा है नहीं। उदाहरण के लिए ऐथलेटिक उपकरणों में जैवलिन हाई जंप मैट हर्डल्सए रीले बैटन स्पाइक्ड जूते आदि आते हैं। जिमनास्टिक उपकरणों में पैरल बार पैरल बीम रोम रिंग्स कंपीटिशन हाई बार क्लाइंबिंग रोप आदि हैं। जनरल फिजिकल उपकरणों में योगा मैट योगा ब्रिक स्किपिंग रोप डम्बबेल वेट लिफ्टिंग रॉड जिम बॉल ट्रेडमिल होम जिम एक्सरसाइज बाइक आदि शामिल हैं।
जीएसटी की 28 प्रतिशत दर व्यायाम और फिटनेस के उपकरणों को आम आदमी की पहुंच से बाहर बना देंगे। इस तरहए फिटनेस उद्योग को नुकसान होगा जो इस समय शुरुआती स्थिति में है और उद्योग के अनुमानों के मुताबिक करीब 500 करोड़ रुपए का है और 16.18 : वार्षिक की दर से बढ़ रहा है। एसोसिएशन को लगता है कि 28% की जीएसटी की दर बिक्री को करीब 25% प्रभावित करेगी और इसका असर लोगों के स्वास्थ्य पर भी होगा।
श्रीनगर में हुई जीएसटी कौंसिल की 14 वीं बैठक में माननीय कौंसिल ने अध्याय 95 के तहत जीएसटी की दर इस प्रकार तय की है ।
12% खेल के सामान सामान्य व्यायाम के सामान और उपकरणों को छोड़कर
28% सामान्य व्यायाम के लिए सामान और उपकरण जिमनास्टिक एथलेटिक्स अन्य खेल टेबल टेनिस समेत या आउटडोर गेम्स जो विनिर्दिष्ट नहीं हैं या इस अध्याय में कहीं और शामिल नहीं किया गया है। स्वीमिंग पूल्स और पैडलिंग पूल्स।
व्यायाम और फिटनेस के लिए उपकरण किसी स्पोर्ट्स पर्सन के फिटनेस इंतजाम का अभिन्न हिस्सा है। यही नहीं ये आम लोगों के लिए लगातार महत्वपूर्ण होते जा रहे हैं क्योंकि देश जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहा है और इसका नतीजा यह है कि व्यायाम को बढ़ावा देने की आवश्यकता गंभीर हो गई है। और यह एक स्थापित सत्य है कि नियमित व्यायाम से फायदा होता है और यह तनाव चिन्ता तथा अवसाद कम करने में सहायक है तथा ढेर सारी बीमारियों को दूर रखता है।
उत्पादों के नाम रखने की अंतरराष्ट्रीय प्रणाली हारमोनाइज्ड सिस्टम ऑफ नोमेनक्लेचर या एचएसएन बहुद्देश्यीय है और इसका विकास वर्ल्ड कस्टम्स ऑर्गनाइजेशन ने किया है। इसका उपयोग सीमा शुल्क और व्यापार आंकड़ों के लिए आधार के रूप में किया जाता है और यह भी फिटनेस उपकरणों को दुनिया भर में स्पोर्टिंग गुड्स उपकरण मानता है। विशिष्ट एचएसएन संख्या 9506 का अनुपालन करीब 200 देशों में किया जाता है और यह डब्ल्यूटीओ की मेम्बर कमिटमेंट पॉलिसी के साथ तालमेल में है। इसे स्थानीय जीएसटी और वैट कानून में भी शामिल किया गया है। प्रमुख देश जैसे यूनाइटेड किंगडम ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका भी स्पोर्ट्स के सामानों का एसएस नाम मानते हैं और इनमें व्यायाम के उपकरण हैं तथा किसी भी तरह का भेदभाव नहीं है।
इस मुद्दे पर अपने विचार रखते हुए ट्रेडर्स एसोसिएशन ऑफ स्पोर्टिंग गुड्स एंड फिजिकल एक्सरसाइज इक्विपमेंट टीएएसजीपीआईआई के प्रेसिडेंट डॉ दिनेश कपूर ने कहा हम जीएसटी कौंसिल की मीटिंग के दौरान भिन्न सामानों की दर निश्चित किए जाने का स्वागत करते हैं। हालांकि हम माननीय कौंसिल से अपील करना चाहते हैं कि व्यायाम के उपकरण को खेल के सामान का भाग माना जाए और इनपर जीएसटी की दर 12% रखी जाए। हमारा दृढ़ता से मानना है कि भारत जैसे देश को खेल के क्षेत्र में अंतरराएट्रीय स्तर पर काफी दूर जाना है। इसलिए आवश्यक है कि हम स्वास्थ्य उन्मुख इकोसिस्टम और समाज को बढ़ावा दें। यही नहीं हमारे देश में जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों की दर खतरनाक है और इसलिए भी यह आवश्यक है कि हम जल्दी से जल्दी स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा दें जिसमें फिटनेस उपकरणों की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसलिए इसे लक्जरी नहीं माना जाना चाहिए। हम उम्मीद करते हैं कौंसिल इस मामले में ध्यान देगा और हम आग्रह करते हैं कि फिटनेस उपकरणों पर जीएसटी की दर पर पुनर्विचार किया जाए।
कपूर ने आगे कहा खेलेगा इंडिया खिलेगा इंडिया की सरकार की कल्पना से पता चलता है कि खेल मनुष्य़ के विकास की प्रमुख गतिविधि है। और संयुक्त राष्ट्र को योग दिवस के भारत के प्रस्ताव के बाद इसका आयोजन हर साल 21 जून को दुनिया भर में किया जा रहा है। इससे स्वस्थ विश्व के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के प्रयासों का महत्व मालूम होता है। इसलिएए हमारा मानना है कि इन भावनाओं के मद्देनजर सरकार गंभीरता से हमारी सिफारिशों पर विचार करेगी।
इसी मुद्दे पर अपने विचार रखते हुए द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता भूपेन्दर धवन ने कहा किसी भी स्पोर्ट्स पर्सन के फिटनेस सबसे महत्वपूर्ण है क्योकि उसके प्रदर्शन और कैरियर के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण चीज है। फिटनेस उपकरण किसी भी स्पोर्ट्स पर्सन के दैनिक जीवन का अभिन्न भाग है और हमारा मानना है कि सरकार को इसे किफायती तथा आम आदमी की पहुंच में रखने पर विचार करना चाहिए।
टीएएसजीपीआईआई ट्रेडर्स एसोसिएशन ऑफ स्पोर्टिंग गुड्स एंड फिजिकल एक्सरसाइज इक्विपमेंट के बारे में
ट्रेडर्स एसोसिएशन ऑफ स्पोर्टिंग गुड्स एंड फिजिकल एक्सरसाइज इक्विपमेंट देश भर के व्यापारियों का एक पंजीकृत एसोसिएशन है जो हर तरह के खेल के समान और आम लोगों की आसान पहुंच में हो ताकि वे फिटए स्वस्थ और खुश रह सकें।
जीएसटी दर 28% होने का मतलब है कि जीएसटी कौंसिल की राय में व्यायाम और फिटनेस उपकरण लक्जरी आयटम हैं जबकि ऐसा है नहीं। उदाहरण के लिए ऐथलेटिक उपकरणों में जैवलिन हाई जंप मैट हर्डल्सए रीले बैटन स्पाइक्ड जूते आदि आते हैं। जिमनास्टिक उपकरणों में पैरल बार पैरल बीम रोम रिंग्स कंपीटिशन हाई बार क्लाइंबिंग रोप आदि हैं। जनरल फिजिकल उपकरणों में योगा मैट योगा ब्रिक स्किपिंग रोप डम्बबेल वेट लिफ्टिंग रॉड जिम बॉल ट्रेडमिल होम जिम एक्सरसाइज बाइक आदि शामिल हैं।
जीएसटी की 28 प्रतिशत दर व्यायाम और फिटनेस के उपकरणों को आम आदमी की पहुंच से बाहर बना देंगे। इस तरहए फिटनेस उद्योग को नुकसान होगा जो इस समय शुरुआती स्थिति में है और उद्योग के अनुमानों के मुताबिक करीब 500 करोड़ रुपए का है और 16.18 : वार्षिक की दर से बढ़ रहा है। एसोसिएशन को लगता है कि 28% की जीएसटी की दर बिक्री को करीब 25% प्रभावित करेगी और इसका असर लोगों के स्वास्थ्य पर भी होगा।
श्रीनगर में हुई जीएसटी कौंसिल की 14 वीं बैठक में माननीय कौंसिल ने अध्याय 95 के तहत जीएसटी की दर इस प्रकार तय की है ।
12% खेल के सामान सामान्य व्यायाम के सामान और उपकरणों को छोड़कर
28% सामान्य व्यायाम के लिए सामान और उपकरण जिमनास्टिक एथलेटिक्स अन्य खेल टेबल टेनिस समेत या आउटडोर गेम्स जो विनिर्दिष्ट नहीं हैं या इस अध्याय में कहीं और शामिल नहीं किया गया है। स्वीमिंग पूल्स और पैडलिंग पूल्स।
व्यायाम और फिटनेस के लिए उपकरण किसी स्पोर्ट्स पर्सन के फिटनेस इंतजाम का अभिन्न हिस्सा है। यही नहीं ये आम लोगों के लिए लगातार महत्वपूर्ण होते जा रहे हैं क्योंकि देश जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहा है और इसका नतीजा यह है कि व्यायाम को बढ़ावा देने की आवश्यकता गंभीर हो गई है। और यह एक स्थापित सत्य है कि नियमित व्यायाम से फायदा होता है और यह तनाव चिन्ता तथा अवसाद कम करने में सहायक है तथा ढेर सारी बीमारियों को दूर रखता है।
उत्पादों के नाम रखने की अंतरराष्ट्रीय प्रणाली हारमोनाइज्ड सिस्टम ऑफ नोमेनक्लेचर या एचएसएन बहुद्देश्यीय है और इसका विकास वर्ल्ड कस्टम्स ऑर्गनाइजेशन ने किया है। इसका उपयोग सीमा शुल्क और व्यापार आंकड़ों के लिए आधार के रूप में किया जाता है और यह भी फिटनेस उपकरणों को दुनिया भर में स्पोर्टिंग गुड्स उपकरण मानता है। विशिष्ट एचएसएन संख्या 9506 का अनुपालन करीब 200 देशों में किया जाता है और यह डब्ल्यूटीओ की मेम्बर कमिटमेंट पॉलिसी के साथ तालमेल में है। इसे स्थानीय जीएसटी और वैट कानून में भी शामिल किया गया है। प्रमुख देश जैसे यूनाइटेड किंगडम ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका भी स्पोर्ट्स के सामानों का एसएस नाम मानते हैं और इनमें व्यायाम के उपकरण हैं तथा किसी भी तरह का भेदभाव नहीं है।
इस मुद्दे पर अपने विचार रखते हुए ट्रेडर्स एसोसिएशन ऑफ स्पोर्टिंग गुड्स एंड फिजिकल एक्सरसाइज इक्विपमेंट टीएएसजीपीआईआई के प्रेसिडेंट डॉ दिनेश कपूर ने कहा हम जीएसटी कौंसिल की मीटिंग के दौरान भिन्न सामानों की दर निश्चित किए जाने का स्वागत करते हैं। हालांकि हम माननीय कौंसिल से अपील करना चाहते हैं कि व्यायाम के उपकरण को खेल के सामान का भाग माना जाए और इनपर जीएसटी की दर 12% रखी जाए। हमारा दृढ़ता से मानना है कि भारत जैसे देश को खेल के क्षेत्र में अंतरराएट्रीय स्तर पर काफी दूर जाना है। इसलिए आवश्यक है कि हम स्वास्थ्य उन्मुख इकोसिस्टम और समाज को बढ़ावा दें। यही नहीं हमारे देश में जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों की दर खतरनाक है और इसलिए भी यह आवश्यक है कि हम जल्दी से जल्दी स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा दें जिसमें फिटनेस उपकरणों की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसलिए इसे लक्जरी नहीं माना जाना चाहिए। हम उम्मीद करते हैं कौंसिल इस मामले में ध्यान देगा और हम आग्रह करते हैं कि फिटनेस उपकरणों पर जीएसटी की दर पर पुनर्विचार किया जाए।
कपूर ने आगे कहा खेलेगा इंडिया खिलेगा इंडिया की सरकार की कल्पना से पता चलता है कि खेल मनुष्य़ के विकास की प्रमुख गतिविधि है। और संयुक्त राष्ट्र को योग दिवस के भारत के प्रस्ताव के बाद इसका आयोजन हर साल 21 जून को दुनिया भर में किया जा रहा है। इससे स्वस्थ विश्व के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के प्रयासों का महत्व मालूम होता है। इसलिएए हमारा मानना है कि इन भावनाओं के मद्देनजर सरकार गंभीरता से हमारी सिफारिशों पर विचार करेगी।
इसी मुद्दे पर अपने विचार रखते हुए द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता भूपेन्दर धवन ने कहा किसी भी स्पोर्ट्स पर्सन के फिटनेस सबसे महत्वपूर्ण है क्योकि उसके प्रदर्शन और कैरियर के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण चीज है। फिटनेस उपकरण किसी भी स्पोर्ट्स पर्सन के दैनिक जीवन का अभिन्न भाग है और हमारा मानना है कि सरकार को इसे किफायती तथा आम आदमी की पहुंच में रखने पर विचार करना चाहिए।
टीएएसजीपीआईआई ट्रेडर्स एसोसिएशन ऑफ स्पोर्टिंग गुड्स एंड फिजिकल एक्सरसाइज इक्विपमेंट के बारे में
ट्रेडर्स एसोसिएशन ऑफ स्पोर्टिंग गुड्स एंड फिजिकल एक्सरसाइज इक्विपमेंट देश भर के व्यापारियों का एक पंजीकृत एसोसिएशन है जो हर तरह के खेल के समान और आम लोगों की आसान पहुंच में हो ताकि वे फिटए स्वस्थ और खुश रह सकें।
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