उत्तराखंड में इन जगहों पर लगे डिजिटल स्पीड साईन बोर्ड

देहरादून – सड़क दुर्घटना का मुख्य कारण ओवरस्पीड है जिसके कारण राज्य में कई सड़क दुर्घटनाएं घटित होती है। मुख्तार मोहसिन, पुलिस महानिरीक्षक/निदेशक यातायात ने इनका विश्लेषण करने के बाद राज्य में गति सीमा के निर्धारण को जनपदों को निर्देशित किया गया तथा इसके साथ ही उपकरणों से गति सीमा की चेतावनी को राज्य में पहली बार प्रारम्भिक चरण में हाईटेक गति सीमा बोर्ड (डिजिटल स्पीड साईन बोर्ड) क्रय किये गये है।

 


 2023 वर्ष में यातायात निदेशालय ने कुल 10 डिजिटल स्पीड साईन बोर्ड  खरीदे है। जिनको निम्न प्रकार जनपदों में लगाया गया है। टी आई प्रदीप कुमार ने बताया कि देहरादून में 03, हरिद्वार में 03,ऊधमसिंहनगर में 03,नैनीताल में 01,क्या होता है डिजिटल स्पीड साईन बोर्ड रडार स्पीड साइन बोर्ड गतिसीमा का एक हाईटेक उपकरण होता है जो सड़क पर लगाया जाता है ताकि वाहन चालकों को उनकी गाड़ी की गति की सूचना मिल सके। यह साइन बोर्ड रडार तकनीक का उपयोग करता है जो आगे आ रहे वाहनों की गति को मापने के लिए होती है। जब कोई वाहन इस साइन बोर्ड के पास से गुजरता है, तो उसकी गति साइन बोर्ड पर प्रदर्शित हो जाती है।

जैसे अगर गति सीमा 20 निर्धारित की गई है तो यह 20 तक Amber लाईट ब्लिंक करेगा और अगर 20 से ऊपर किसी वाहन चालक की गति होगी तो यह लाल लाईट ब्लिंक करेगा । यह एक सुरक्षा उपाय के रूप में भी काम करता है क्योंकि यह वाहन चालकों को अपनी गाड़ी की गति को निर्धारित गति  में रहने के लिए प्रेरित करता है और सुरक्षित गति चेतावनी प्रदर्शित करता  है। डिजिटल स्पीड साईन बोर्ड किन स्थानों पर लगाये गये है। डिजिटल स्पीड साईन बोर्ड चयनित स्थल देहरादून में 03 बोर्ड लगे हैं जिनमें Niyal Hills Apartments हरिद्वार बाईपास,राजपुर रोड नियर होटल सनराईज,ई0सी0 रोड़ नियर सी.एस.डी. डिपो आराघर,हरिद्वार में 03 लगे हैं जिनमें गुरुकल कांगड़ी नियर सिंहद्वार,झबरेड़ा तिराहा मंगलौर,भगवानपुर फ्लाईओवर,ऊधमसिंहनगर में03 लगे हैं जिनमें गदरपुर बाजार,पुलिस आउट पोस्ट बरा थाना पुलभुट्टा,लालपुर मार्केट थाना किच्छा,नैनीताल में01 लगा है दाबका से कालाढूंगी नियर कारा रिसोर्ट थाना कालाढूंगी,मुख्तार मोहसिन,पुलिस महानिरीक्षक/निदेशक यातायात उत्तराखण्ड  ने बताया गया कि  डिजिटल स्पीड साईन बोर्डपर अपने वाहन की गति सीमा देखने के पश्चात  वाहन चालकों पर एक मनौवेज्ञानिक दबाव आयेगा जिससे अगर उनके वाहन की रफ्तार अधिक होगी तो वह अपने वाहन की रफ्तार को स्वयं से कम कर लेंगे। इसके साथ ही यदि किसी वाहन में बच्चे उक्त बोर्ड को देखेगें तो वह अपने माता-पिता या संरक्षक को बतायेगे कि आपके वाहन की अधिक है या कम जिससे वह बच्चे भविष्य के लिए गति-सीमा के पालन हेतु प्रेरित होगे।

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