पढ़िए ऐसे किया करते थे लोगों से ऑनलाइन ठगी

देहरादून – सुदीप सिंह शाखा प्रबंधक केनरा बैंक चकराता रोड नं पुलिस चौकी बिंदाल पर सूचना दी कि उनके बैंक में खाताधारक शुभम कुमार पुत्र रमेश चंद्र निवासी चक्कू वाला कोतवाली नगर देहरादून के खाते में 17 मई 23 से 23 जून 23 तक कुल 38,23000 रुपए और इसी तरह शिवम निवासी  के खाते में 31 मई 23 से  30 जून 23 तक कुल 19,06985 रुपए का लेन-देन हुआ है,जो संदिग्ध प्रतीत हो रहा है।


तथा उनके द्वारा इस संबंध में बैंक स्टेटमेंट भी उपलब्ध कराई गयी। जिस पर चौकी बिंदाल पर नियुक्त उप निरीक्षक विनयता चौहान  ने दोनों संदिग्ध खातों की जांच की गई एवं दोनों खाताधारकों शुभम और शिवम से इन खातों के संबंध में पूछताछ की गई तो उनके बताया गया कि उनके उक्त दोनो खाते सूरज उर्फ गुरमीत निवासी लुधियाना नाम के व्यक्ति द्वारा चकराता रोड स्थित बैंक में खुलवाए गये थे, जिनमें एसएमएस अलर्ट नंबर उसने अपना अंकित कराया तथा उसके एक अन्य साथी आशीष निवासी लुधियाना द्वारा इस काम में उसकी मदद की गयी। प्राप्त सूचना पर तत्काल थाना कैण्ट पर  धारा 420 आईपीसी का अभियोग पंजीकृत  किया गया ।

 पुलिस टीम ने 7 जुलाई 23 की रात में अभियोग में नामजद अभियुक्त गुरमीत सिंह उर्फ सूरज पुत्र बलविंदर सिंह निवासी मकान नंबर 5657 नियर आईपीएस स्कूल संधू नगर थाना हैबोवाल जिला लुधियाना पंजाब उम्र 27 वर्ष और आशीष मसीह पुत्र नरेश मसीह निवासी ब्लॉक 34 2098 सुरेंद्र पार्क थाना हैबोवल लुधियाना उम्र 33 वर्ष को दबिश देकर लुधियाना से गिरफ्तार किया गया, जिनके कब्जे से पुलिस टीम को अभियुक्त आशीष से बरामदा सामान भिन्न-भिन्न बैंकों से संबंधित 9 पासबुक , केनरा बैंक में सहकारी बैंक के 6 एटीएम कार्ड,दो पैन कार्ड, 4 सिम कार्ड के रेपर जिन पर मोबाइल नंबर अंकित है,1एंड्राइड फोन और एक लैपटॉप।अभियुक्त सूरज उर्फ गुरमीत से बरामद केनरा बैंक की पांच पासबुक, एयरटेल के 5 सिम और वोडाफोन इंडिया के 3 सिम कुल 8 सिम जिनके रैपर पर हाथ से मोबाइल नंबर लिखे हुए हैं, एटीएम डेबिट कार्ड कुल 5,एक कागज जिसमें कुछ मोबाइल नंबर अंकित है और 03 कीपैड छोटे मोबाइल मिले। अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया  की वे अपने निवास स्थान से दूर अपने रिश्तेदारों के यहां जाकर वहां के लोगों से जान पहचान बढाते हैं तथा उन्हें अपने विश्वास में लेते हुए उन्हें छोटा-मोटा प्रलोभन देकर किसी प्रयोजन का बहाना बनाते हुए उनसे उनके नाम पर एकाउंट खुलवा लेते हैं। अक्सर जरूरतमंद लोग इनकी बातों में आकर इनके शिकार बन जाते हैं। बैंक में खाता खुलवाते समय अभियुक्तों द्वारा अपना मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर के रूप में अंकित कराया जाता है, जिससे सारे मैसेज, ओटीपी सीधे उनके पास ही आते हैं और अभियुक्त द्वारा इन खातों का उपयोग करते हुए ऑनलाइन ट्रांजैक्शन कर लोगों से धोखाधड़ी करते है। अभियुक्तों द्वारा बताया गया कि वे पूर्व में एक नाइजीरियन व्यक्ति, जिसे ब्लैकफिश के नाम से जाना जाता है के संपर्क में आए थे। जिसके द्वारा उन्हें प्रत्येक खाता खुलावाने के एवज में 18000 रू0 तक दिये जाने का प्रलोभन दिया गया था। इसी कारण लालच में आकर सूरज उर्फ गुरमीत देहरादून में अपने रिश्तेदार धीरज के घर आया तथा उसके जान पहचान वालों से दोस्ती की तथा उनको खनन के कार्य में पैसों का ट्रांजैक्शन बताते हुए अकाउंट की आवश्यकता की बात कही, जिस पर शुभम निवासी चक्कू वाला द्वारा अपना तथा कुछ अन्य लोगों के केनरा बैंक में अकाउंट खुलवाएं तथा सूरज द्वारा  दिए गए मोबाइल नंबर को उस अकाउंट में रजिस्टर मोबाइल नंबर के रूप में अंकित करवाया था।     

   



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