सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट हादसे में विघुत उपकरणों के संचालन में लापरवाही करने वाले तीन अभियुक्तों को पकड़ा
चमोली – मंगलवार की रात को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (नमामि गंगे) पुराना बाजार चमोली में ड्यूटीरत ऑपरेटर गणेश का शव 19 जुलाई 23 की सुबह सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के बाहर सीढियों के पास पड़ा हुआ मिला। सूचना पर थाना चमोली से चौकी प्रभारी पीपलकोटी उ0नि0 प्रदीप रावत, अ0उ0नि0 रामेश्वर प्रसाद भट्ट, हो0गा0 गोपाल, हो0गा0 मुकुन्दी लाल, पीआरडी रामचन्द्र पंचायतनामा की कार्यवाही के लिए घटनास्थल पर पहुंचे थे।
प्रथम दृष्टया ऑपेरटर की मृत्यु बिजली के करंट लगने के कारण होना प्रतीत हो रहा था। सम्पूर्ण परिसर में करंट फैले होने की आशंका के तहत पुलिस बल ने परिसर में प्रवेश नहीं किया गया। विद्युत उपखण्ड कोठियालसैंण में संविदा पर तैनात लाईनमैन सैन सिंह द्वारा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट परिसर में करंट न होने की पुष्टि करने के पश्चात ही पंचायतनामे की कार्यवाही को उ0नि0 प्रदीप रावत पुलिस बल के साथ एसटीपी परिसर में प्रवेश किया गया। इस दौरान वहां मृतक गणेश के शव को न उठाने व मृतक के परिजनों को तत्काल मुआवजा दिए जाने को लेकर बड़ी संख्या में ग्रामीण व स्थानीय निवासी जमा हो गये, मौके पर मौजूद पुलिस बल द्वारा लोगों को समझाने-बुझाने का प्रयास किया जा रहा था। इस दौरान लाईनमैन सैन सिंह, सतेन्द्र, गोपाल द्वारा निजमुला-कोठियालसैंण विद्युत लाईन में अल्कापुरी के पास आये फाल्ट को ठीक करने के पश्चात लाईनमैन सैन सिंह महेन्द्र सिंह को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में एक व्यक्ति के मृत पड़े होने की सूचना दी गयी। लेकिन महेन्द्र सिंह ने इस पर कोई सावधानीपूर्वक विचार नहीं किया और फॉल्ट मिलने पर 11:12 बजे सब स्टेशन कोठियालसैंण से शटडाउन लिया तथा फॉल्ट ठीक करने पर बिना किसी जांच पडताल के समय लगभग 11:25 बजे शटडाउन वापस ले लिया जिससे एसटीपी प्लांट पर करंट बढ गया और खुली हुयी लाईन एवं चेंज ओवर में धमाके के साथ चारों तरफ करंट फैल गया* जिससे वहां अफरा-तफरी फैल गयी और लोग एक दूसरे पर करंट लगने से गिर गये। जिसके पश्चात लगभग 11:29 बजे पुलिस के हस्तक्षेप से लाईट बंद करायी गयी व घायलों को स्थानीय पुलिस व प्रशासन ने जिला अस्पताल गोपेश्वर पहुंचाया गया जिसमें उ0नि0 प्रदीप रावत व 03 होमगार्ड्स सहित कुल 16 लोगों की मृत्यु हो गयी एंव 11 व्यक्ति घायल हुए। गुरुवार को कोतवाली चमोली पर हल्का पटवारी नीरज स्वरूप की तहरीर के आधार पर थाना कोतवाली चमोली पर मुकदमा अपराध संख्या 29/2023 धारा 304 भादवि तथा 13/31 खतरनाक मशीन विनियमन अधिनियम 1983 बनाम पवन चमोला पंजीकृत किया गया है।अभियोग की विवेचना प्रभारी निरीक्षक कोतवाली चमोली कुलदीप रावत द्वारा की जा रही है।साथ ही पुलिस की 03 टीमों का गठन कर ट्रीटमेंट प्लांट के संचालन में विद्युत उपकरण सुरक्षा मानकों, अनुबंध की शर्तों विद्युत सुरक्षा प्रमाणपत्र आदि बिंदुओं पर गहराई से विवेचना करने के निर्देश दिए ।
जांच के दौरान विद्युत सुरक्षा विभाग, जल संस्थान के अधिकारियों से वार्ता के बाद एवं निरीक्षण घटनास्थल से इस बात की पुष्टि हुयी कि एसटीपी प्लांट को चलाने वाली ज्वांइट वेंचर कम्पनी ज0बी0एम और कॉन्फिडेंट इंजीनियरिंग इण्डिया प्राईवेट लिमिलेट द्वारा नियुक्त सुपरवाईजर पवन चमोला तथा प्लांट के संचालन को देख रहे जल संस्थान के प्रभारी सहायक अभियन्ता हरदेव लाल आर्य तथा ज्वाइंट वेंचर कम्पनी के स्वामियों एवं अधिकारियों ने खतरनाक विद्युत उपकरणों के संचालन में घोर लापरवाही बरती और सुरक्षा मानकों के विपरीत चेंज ओवर को बॉक्स के ऊपर रखा और इस प्रकार पूरे सीवर ट्रीटमेंट प्लांट को टीनशैड एवं विद्युत सुचालक लौह धातु से बनी संरचना में इस प्रकार चलाया जा रहा था जिससे करंट लीक होने से जघन्य अपराध मानव वध की घटना घटित हुयी। विवेचना में एसटीपी प्लांट के संचालन एवं सुपुर्दगी के अनुबंध में गंभीर अनियमितताएं पायी गयी हैं एवं पुलिस टीम ने कार्यवाही करते हुए घटना में संलिप्त 03 अभियुक्तों पवन चमोला पुत्र बुद्धि बल्लभ चमोला निवासी ग्राम छैकुडा थाना थराली जनपद चमोली (सुपरवाईजर ज्वांइट वेंचर कम्पनी),महेन्द्र सिंह जयपाल सिंह निवासी ग्राम कुहेड थाना व जिला चमोली (लाईनमैन उ0ख0 विद्युत विभाग),हरदेव लाल आर्य पुत्र जतनी लाल निवासी ग्रमा इडक पो0ओ0 गडोली तहसील बडकोट जिला उत्तरकाशी (प्रभारी सहायक अभियन्ता उत्तराखण्ड जल संस्थान गोपेश्वर चमोली) से कडी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया। घटना में संलिप्त ज्वांइट वेंचर के स्वामी एवं प्रोजेक्ट मैंनेजर एवं अन्य संलिप्त व्यक्तियों के संबंध में विवेचना प्रचलित है साक्ष्य संकलन जारी है।
Comments
Post a Comment