डबल मर्डर में ट्विस्ट पुरानी रंजिश के चलते की हत्या
देहरादून – कंट्रोल रूम थाना क्लेमेन्टाउन को सूचना प्राप्त हुई थी कि टर्नर रोड पर एक घर से काफी बदबू आ रही है जिसके अन्दर सम्भवतः किसी का शव पड़ा हुआ हैं, इस सूचना पर थानाध्यक्ष क्लेमेंट टाउन फोर्स के साथ मौके पर गए तो पाया कि टर्नर रोड सी- 13 में मकान मालिक सोहेल निवासी जोशियाडा उत्तरकाशी के मकान में काशिफ पुत्र मोहतशिम निवासी चहलोली थाना नागल जिला सहारनपुर अपनी पत्नी अनम के साथ पिछले 4 महीने से निवास कर रहा था
, जिसके कमरे के एक दरवाजे पर बाहर से ताला लगा था तथा दूसरे दरवाजे पर अंदर से कुंडी बंद थी। मौके पर दरवाजे की जाली काटकर कुंडी खोली गई तो कमरे के फर्श पर मृतक पति-पत्नी की बॉडी पड़ी थी, जिनसे काफी बदबू आ रही थी तथा दोनों बॉडी लगभग दो-तीन दिन पुरानी लग रही थी। पुलिस लगातार घटनास्थल के आसपास लोगों से जानकारी कर रही हैं। जानकारी करने पर पता चला कि 12/13 जून की रात एक सफेद रंग की कार घटनास्थल पर आती-जाती देखी गई थी, जिस पर घटनास्थल स्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरो से जानकारी मिली की 12/13 जून की रात मैं गाड़ी नंबर UK07DG 4786 घटनास्थल पर आई थी और तुरंत वापस चली गई थी। मृतकों के परिजनों से उस गाड़ी के बारे में जानकारी की गई तो पता चला यह गाड़ी अशवद की है। जिसने 13जून 23 को कंट्रोल रूम को घटना के सम्बन्ध में जानकारी दी गई थी। जिस पर अशवद से जानकारी की गई तो उसके द्वारा बताया गया कि मेरी कार 12 /13 की रात को सहवाज लेकर गया था, जब मैंने शहवाज को रात 1:30 बजे लगभग फोन किया तो उसका फोन बंद आ रहा था और फिर वह उसी रात में सुबह चार बजे वापस आ गया था तो मैंने उससे जानकारी की तो उसने बताया मैं छुटमलपुर पार्टी में गया था, जिस पर मृतकों के परिजनों द्वारा मृतका अनम के भाई शहवाज पर शक जताया गया और एक शिकायती प्रार्थना पत्र दिया गया, जिस पर बाद जांच दिनांक 21 जून को शहवाज के खिलाफ मु0अ0स0 71/23 धारा 302 IPC के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया । अभियोग में नामजद अभियुक्त शहवाज को पुलिस द्वारा पुछताछ हेतु थाने लाया गया जिससे सख्ती से पुछताछ करने पर उसके द्वारा अपना जुर्म कबूल करते हुए 10 जून 23 की रात में आशिफ व अपनी बहन अनम की हत्या किया जाना स्वीकार किया गया। अभिय़ुक्त की निशानदेही पर पुलिस द्वारा घटना के समय अभियुक्त द्वारा पहने गये खून लगे कपड़े आशारोड़ी के जंगल से बरामद किये गये। 26 वर्षीय शहवाज ने बताया कि हम दो भाई तथा एक बहन है।सबसे बड़े भाई का नाम शादाब है फिर मेरी बहिन अनम है और फिर मैं हूं। मेरी माता का नाम शहनाज है जो हमें छोड़कर कहीं चली गई थी और किसी दूसरे से शादी कर ली थी तब हम भाई बहिन छोटे थे, फिर मेरे पिता ने हमारा पालन-पोषण किया था मेरे पिता भी हाइड्रा चलाते थे, जिनकी मृत्यु 8-10 साल पहले हाइड्रा मशीन के नीचे दबने से हो गई थी लेकिन मुझे पता चला था कि अशजद ने मेरे पिता को जानबूझकर हाईड्रा से टक्कर मारकर मारा था जिसे Accident बताया था , अशजद हमारे गांव का रहने वाला है तथा कासिफ के ताऊ का लड़का है लेकिन उस समय हम छोटे थे तो कुछ नहीं कर पाये, हमारी दादी ने हम तीनों भाई बहनों का पालन पोषण किया, कासिफ भी मेरे गांव का ही रहने वाला था जिसकी दोस्ती हम दोनो भाईयों से थी तथा उसका हमारे घर आना जाना था, इसी बीच मेरी अपनी खाला (मौसी) की लड़की आईशा जो कराल्टी थाना फतेहपुर जिला सहारनपुर की रहने वाली है के साथ दोस्ती हो गई , वह उस समय 8 या 9 वी क्लास में पढती थी फिर हम दोनो में प्यार हो गया और मैं उसे अगस्त 2021 में भगाकर इलाहाबाद ले गया था.वो उस समय नाबालिग थी जिस कारण हमारी शादी नही हो पाई थी। फिर आईशा के घर वालों ने मेरे तथा मेरे बड़े भाई व कासिफ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया था क्य़ोकि कासिफ भी मेरे साथ था उसने भी लडकी भगाने मे मेरी मदद की थी उसके बाद मुझे और मेरे बड़े भाई को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था जहां में आठ महिने जेल मे रहा तथा अभी जमानत पर बाहर आया हूं जब मैं और मेरा बड़ा भाई जेल में थे तो इस दौरान मेरी बहिन घर पर अकेली थी तथा कासिफ का घर पर आना जाना ज्यादा हो गया था।जब मैं जेल से बाहर आया तो मुझे गांव वालो ने कासिफ और मेरी बहन अनम की सारी वातें बताई तो मैने कासिफ को घर में आने से मना कर दिया था क्योकि कासिफ की हरकते कुछ ठीक नहीं थी उसने मेरी बहिन को अपने प्यार में फंसा दिया था और उसकी अश्लील बीडियो भी बना दी थी जिस कारण जैसे वह कहता था वैसी मेरी बहिन करती थी जबकि कासिफ की पहले शादी हो रखी थी कुछ समय बाद कासिफ मेरी बहन को भगा कर ले गया और कोर्ट मे उससे शादी कर ली । इस सम्बन्ध में मेरे भाई की तरफ से नागल थाने में रिपोर्ट दर्ज करायी गयी थी पर मेरी बहिन से हमारे खिलाफ वीडियो और आडियो बनाकर गांव वालो को भेज दी थी जिसमें मेरी बहिन हमारे खिलाफ बयान दे रही थी कि मुझे अपने भाईयों से जान का खतरा है । उसके बाद पुलिस मेरी बहन को नागल लेकर आयी जहां से उसे मेरे मौसा के सुपुर्द किया गया तथा मेरे मौसा ने उसका निकाह कासिफ से करा दिया क्योकिं मेरा मौसा भी हमारे खिलाफ था क्योकिं मै अपने मौसा की लडकी आइशा को भगाकर ले गया था , कासिफ और अनम के निकाह से गांव में हमारी काफी बेज्जती हुई थी तथा मुझे पता चला कि कासिफ ने ही अनम को हमारे खिलाफ भड़का कर वो वीडियों और ओडियों बनायी थी जिस कारण मैने उसी दिन सोच लिया था कि कासिफ को जिन्दा नही छोडूंगा उसके बाद मैने कासिफ से फिर दोस्ती कर ली और उसके घर मेरा आना जाना शुरु कर दिया इसी बीच मुझे गांव मे लोगों द्वारा बताया कि मेरी बहिन अनम के नाम से जो 3 बीघा जमीन थी वह भी कासिफ ने कुछ दिन पहले गिरवी रखवा ली थी और गांव में यह बात फैला दी कि आधे पैसे उसने हमे दिये और आधे खुद रखे ,वह बार बार गांव में हमारी बेईज्जती करवा रहा था ,मै कई दिनों से उसे मारने के लिए मौका तलाश रहा था कि 7 जून 23 को कासिफ ने मुझे उत्तरकाशी में अपनी हाइड्रा मशीन पलटने तथा उसके साथ उत्तरकशी चलने की बात कहीं जिस पर मैं उसके साथ अपनी मोटरसाइकिल सं0 यूके 17क्यू -3190 R-1-5 से सहारनपुर से देहरादून आया तथा देहरादून से स्विफ्ट डिजायर से हम दोनों रात लगभग 10-11 बजे देहरादून से उत्तरकाशी के लिये निकले उत्तरकाशी पहुंचने पर कासिफ को अनम ने फोन कर बताया कि उसे दर्द उठ रहा हैं फिर कासिफ ने मोहल्ले की आशा को फोन कर उसके साथ अनम को अस्पताल भेज दिया और हम भी उत्तरकाशी से वापस देहरादून आ गये थे उस दिन भी में कासिफ को मारने की फिराक में था लेकिन उस दिन अनम को पता था कि कासिफ मेरे साथ गया है ,उसके बाद मैं वापस अपने गांव चला गया।गांव के सभी लोग मेरे मामा बनने की तरह तरह की बाते बना रहे थे जिससे मैं और अधिक गुस्से में आ गया था।09 जून 23 को कासिफ ने मुझे फोन कर 10 जून को उत्तरकाशी चलने की बात कहीं जिस पर मेंने उसे इस बार मारने की ठान ली। 10 जून को समय लगभग 8.30 बजे मैं गणेशपुर मोहंड साईड पर अपने दोस्त के कमरे में चला गया जहां मेंने अपना फोन बंद कर दिया था और लगभग 9.30 बजे मे कासिफ के कमरे पर पहुचा । रात के समय कासिफ और मैं जमीन पर सो गये तथा अनम ऊपर बेड मे सो गई थी, मेरे दिमाग मे पुरानी सारी बातें चल रही थी तो मै सोय़ा नही था। रात में मैं मौका देख कर किचन मे गया, और वहां से एक चाकू लाकर जमीन पर सोये कासिफ की गर्दन पर उससे वार कर दिया,जिससे वह बेसूध हो गया और उसकी गर्दन से काफी खून बहने लगा। इसी बीच अनम उठ गयीं और चिल्लाने लगी, जिस पर मेंने एक हाथ से उसका मुंह दबा कर दूसरे हाथ से उसका गला दबा दिया, जिससे वह भी मर गयी थी फिर मैने उसको भी नीचे जमीन पर लेटा दिया और दीवार पर जो खून लगा था उसे साफ किया और बच्चे को भी कासिफ के दोनो पांव के बीच मे रख दिया था, मैने सोचा था कि बच्चा खुद मर जायेगा। उसके बाद मेंने अपने कपड़े बदले और कमरे के बाहर ताला लगाकर मैं वहां से वापस अपने दोस्त के कमरे मे आ गया। रास्ते में मैंने आशारोड़ी के जंगलो में खून लगे हुए कपड़े एक पन्नी में बांधकर फेंक दिये, फिर मेंने अपने दोस्त शुभम जो मुझे जेल मे मिला था,को घटना के बारे में बताया तथा 12 जून 23 को शुभम को लेकर मैं अशवद की गाड़ी से दोबारा टर्नर रोड से होते हुये कासिफ के कमरे पर आये और ताला खोलकर देखा तो काफी बदबू आ रही थी और बाडी फूल गयी थी, तो फिर हम दोनों ने तालाबंद कर के वहां से मिर्जापुर वाले रास्ते से बेहट होते हुये सुबह 4 बजे लगभग गणेशपुर साईट पर कमरे मे पहुंच गये जहां अशवद जगा हुआ था, अशवद के पूछने पर मेने उसे छुटमलपुर पार्टी में जाना बताया उसके बाद मै सहारनपुर चला गया था।
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