महिलाओं ठगी करने वाले तीन शातिर ठग गिरफ्तार

 ऋषिकेश – पीड़िता आभा सिंघल पत्नी मंगल सिंघल निवासी सुभाष चैक मेन बाजार ऋषिकेष ने थाना ऋषिकेश में एक लिखित तहरीर दी गयी की 02-फरवरी 23 को वह तथा उनकी बहु रिचा सिंघल गंगानगर में एक भण्डारे में गये थे, भण्डारे से वापस आते समय पुरानी चुंगी के पास उनसे एक लडके ने हरिद्वार का रास्ता पूछा इसी दौरान एक दूसरे लडके ने आकर उस लडके को 50 रू0 देते हुए टैम्पो पकडकर हरिद्वार जाने को कहा तथा बातचीत के दौरान उसने  उसे व उनकी बहु को अपने झांसे में लेते हुए


उनके द्वारा पहने गये जेवरातों के एवज में उन्हें 10 लाख रू0 देने की बात कही तथा उन्हें विश्वास दिलाने के लिये अपने बैग में से कपडों में लपेटा हुआ नोटों का बंडल निकाला जिसमें ऊपर से 02 हजार रू0 का नोट लगा था।  व्यक्ति ने बडंल वादिनी को देते हुए उसके एवज में वादिनी तथा उनकी बहु से उनके पहने हुए गहने: 01 गले की चैन, व एक पैण्डल, 04 अंगूठी, 2 झुमके पीली धातु: तथा 500 रू0 नगद ले लिये। उसके पश्चात जब वादिनी ने नोटों का बण्डल खोला गया तो उसमें से केवल कागजात निकले । वादिनी द्वारा दी गयी लिखित तहरीर के आधार पर कोतवाली ऋषिकेश में मु0अ0सं0 60/2023 धारा 420 406 आईपीसी बनाम अज्ञात’ पंजीकृत कर पुलिस टीमों ने महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल कर आपसी सामंजस्य स्थापित कर पुनः मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया गया। जिसके पश्चात  03-फरवरी 23 को मुखबिर खास की सूचना पर घटना  से संबंधित तीन अभियुक्तों गोपाल पुत्र वीर सिंह सोलंकी निवासी मुरमुरा कॉलोनी लोनी खुशहालपुर पार्क थाना टोनिका सिटी जिला गाजियाबाद उत्तर प्रदेश,राहुल परमार पुत्र किशन परमार निवासी झुग्गी झोपड़ी मायापुरी फेस टू दिल्ली वर्तमान पता वर्मा रोड विकास नगर थाना मोहन गार्डन दिल्ली,धर्म भाट पुत्र स्वर्गीय मोतीलाल घाट निवासी वार्ड नंबर 03 सुभाष वार्ड ग्राम भाटापारा थाना भाटापारा जिला बलौदा बाजार छत्तीसगढ़ को हरिद्वार से गिरफ्तार कर घटना से सम्बन्धित शत प्रतिशत माल बरामद किया गया।बरामद ज्वैलरी की अनुमानित कीमत लगभग साढे 04 लाख रू0 हैं।पूछताछ करने पर तीनों अभियुक्तों के द्वारा बताया गया कि हम तीनों आपस में रिश्तेदार हैं हम लोग कागजों की गड्डी बनाकर उनके ऊपर व नीचे एक एक असली नोट लगाते हैं तथा इसे नीले कपड़े से पैक कर चारों तरफ से सीलकर ऊपर से सफेद धागे से लपेट देते हैं तथा कपड़े को ऊपर से हल्का कर देते हैं। जिससे नोट दिखाई दे व सामने वाले को यकीन हो जाए कि यह नोटों की गड्डी है, इसके पश्चात हम लोग ऐसे स्थानों में जाते हैं जहां की जनता भोली भाली हो इसके बाद हम लोग किसी भोली-भाली महिला को अपने जाल में फंसाते हैं व अपने पास रखी गड्डी को असली नोटों की गड्डी बताकर तथा अपनी बातों में उलझा कर उसकी ज्वेलरी के बदले गड्डी देने को कहते हैं। जिस पर सामने वाला लालच मैं आकर गड्डी को बिना सोचे समझे रख लेता है व अपनी सारी ज्वैलरी हमें दे देता है इसके बाद हम सभी वहां से ठगी कर निकल जाते हैं कल भी हम लोग ऋषिकेश आए थे व 02 महिलाओं को गड्डी दिखाकर उनकी ज्वेलरी व 500 रू0 की ठगी की थी। आज हम इस ज्वेलरी को आपस में बांटकर दोबारा किसी और के जगह ठगी करने का प्लान बना रहे थे कि तभी देहरादून पुलिस ने हमें पकड़ लिया।




 


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