केंद्रीय गृहमंत्री का जोशीमठ के भू-धंसाव प्रभावितों की मदद का दिया आश्वासन
नई दिल्ली– केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में भेंट की। उन्होंने जोशीमठ क्षेत्र में हो रहे भू-धंसाव से उत्पन्न स्थिति की विस्तृत जानकारी गृह मंत्री अमित शाह को दी तथा आपदा राहत में केंद्रीय सहायता का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री को अवगत कराया कि जोशीमठ शहर जनपद चमोली का तहसील मुख्यालय, श्री बद्रीनाथ जी का शीतकालीन निवास स्थान है, तथा सामरिक, सांस्कृतिक एवं पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण स्थान है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जोशीमठ पुराने भू-स्खलन के मोटी परत के मलबे के ऊपर बसा है। यद्यपि भू-स्खलन, भवनों में दरारों का इतिहास पुराना है परन्तु 02.जनवरी 23 की रात से भवनों में मोटी दरारें दिखाई दी तथा जे0पी0 प्लान्ट के नीचे 500 एल0पी0एम0 की नई धारा फूटने की शिकायत प्राप्त हुई।
उन्होंने कहा कि अभी तक क्षेत्र का 25 प्रतिशत भू-भाग, भू-धंसाव से प्रभावित है जिसकी अनुमानित जनसंख्या लगभग 25000 है, पालिका क्षेत्र में दर्ज भवन लगभग 4500 है, उस में से 849 भवनों में चौड़ी दरारें परिलक्षित हो चुकी है, अस्थायी रूप से विस्थापित परिवार 250 हैं, सर्वे गतिमान है एवं उक्त प्रभावित परिवार तथा भवन निरन्तर बढ़ रहे हैं। जबकि पुनर्वास हेतु पांच स्थल चिन्ह्ति किये गये है, जिनका भू-गर्भीय परीक्षण किया जा रहा है। जोशीमठ के कुल 09 वार्ड में से 04 वार्ड पूर्णरूपेण प्रभावित हैं जबकि 08 केन्द्रीय तकनीकी संस्थान प्रभावित क्षेत्र में वैज्ञानिक परीक्षण कर रहे है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 8 जनवरी 23 पी0एम0ओ0, भारत सरकार के द्वारा कैबिनेट सचिव, एन डी एम ए तथा यू एस डी एम ए के अन्य केन्द्रीय विभागों के साथ एक समीक्षा बैठक आहूत की गई। तथा 09 जनवरी 2023 को एम,जी ओ आई की हाई पावर्ड टीम एवं एन डी एम ए के समस्त सदस्यों द्वारा देहरादून में वस्तुस्थिति की समीक्षा एवं जोशीमठ प्रभावित क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया गया। जिलाधिकारी तथा गढ़वाल आयुक्त एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा जोशीमठ क्षेत्र में कैम्प किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि विभिन्न केन्द्र्रीय तकनीकी संस्थानों से विचार विमर्शोंपरान्त प्रारम्भिक रूप से अवगत कराया गया है कि क्षेत्र में वृहद् पुनर्निर्माण की आवश्यकता होगी जिसका अंतिम अनुमान तकनीकी परीक्षण समाप्त होने के उपरान्त प्राप्त होगा। मुख्यमंत्री ने प्रभावित क्षेत्रों के लिये तात्कालिक राहत शिविरों की व्यवस्था, पूर्वनिर्मित ट्रांजिट आश्रय,स्थायी पुनर्वास, नवीन स्थल विकास, आवास निर्माण, मूलभूत सुविधायें यथाः स्कूल, कालेज, जल निकासी, सीवरेजआदि, जोशीमठ का पुर्ननिर्माण, विस्तृत तकनीकी जांच, भू-स्खलन की रोकथाम, सम्पूर्ण जल निकासी व्यवस्था, शहर में सीवर लाईन की व्यवस्था, समस्त घरों का सीवर लाईन से जुड़ाव आदि मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिये मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री से केंद्रीय सहायता के लिये अनुरोध किया। केंद्रीय गृहमंत्री ने जोशीमठ के भू-धंसाव क्षेत्र के प्रभावितों की आवश्यक मदद का आश्वासन मुख्यमंत्री को दिया।
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