उत्तराखण्ड में 247 फर्जी लोन एप संचालित,15 फर्जी एप से 300 करोड़ रुपये की ठगी

देहरादून – सइबर क्राईम पुलिस स्टेशन उत्तराखण्ड द्वारा भारत के विभिन्न कोनो में लोन एप के माध्यम से धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के सरगना को गुडगाँव  से गिरफ्तार कर एक बहुत बड़े संगठित गिरोह को ध्वस्त किया।  वर्तमान में साइबर अपराधी आम जनता की गाढ़ी कमाई हड़पने हेतु अपराध के नये-नये तरीके अपनाकर धोखाधड़ी कर रहे है, जिस क्रम में साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन व एसटीएफ उत्तराखण्ड द्वारा आम जनमानस को जागरुक एवं साईबर अपराधियों की धरपकड़ की जा रही है।


साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन द्वारा विभिन्न प्रकार के साईबर अपराधों में पैनी नज़र रखी जा रही है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक स्पेशल टॉस्क फोर्स श्री आयुष अग्रवाल महोदय अपने कार्यकाल के पहले दिन से ही राष्ट्रीय स्तर के उन गिरोहों की पहचान करने पर जोर दिया है, जो संगठित साइबर अपराध में शामिल हैं, जहां फर्जी ऑनलाइन लोन ऐप प्राथमिकताओं में से एक  इसी क्रम में लूनिया मोहल्ला निकट कालिका मन्दिर देहरादून निवासी के साथ करीब 17 लाख रुपये की ऑनलाईन लोन एप के माध्यम से साईबर ठगी हुई, जिसका संज्ञान साईबर क्राईम पुलिस द्वारा लिया गया जिसमें प्रथम दृष्टया जांच में पाया कि भारत सरकार के NCRP पोर्टल पर भी फर्जी लोन एप के माध्यम से धोखाधड़ी का शिकार हुए पीड़ितों की विभिन्न शिकायतें प्राप्त हुई । 



इन शिकायतों की जाँच साईबर थाने की उ0नि0 रोशनी रावत द्वारा की गयी तथा जाँच के उपरान्त उ0नि0 द्वारा ही समस्त ऐसी शिकायतों को सम्मिलित कर 29 दिसम्बर 22 को साईबर थाने पर  29-दिसम्बर-22 को FIR no-29/22 धारा 109,120बी,384, 385, 419, 420, 469, 500, 501, 504भादवि व धारा 43ए, 66, 66(सी), 66(डी) आईटी एक्ट में अभियोग स्वंय पंजीकृत कराया। उक्त अभियोग की विवेचना के लिए विशेष टीम का गठन किया गया, जिसमें टीम द्वारा अनुमानित 75-80 फर्जी लोन एप को बन्द कराने हेतु कार्यवाही प्रचलन में लायी जा चुकी है साथ ही फर्जी लोन के नाम पर SMS का प्रयोग कर लगभग 70 SMS HEADER को चिन्हित कर इनके विरुद्ध कार्यवाही करते हुए सम्पूर्ण भारत वर्ष में बन्द करवाने का प्रयास प्रारम्भ किया गया | 

 अभियोग में अभियुक्त अंकुर ढींगरा पुत्र अनिल ढींगरा निवासी  एन-2/79 मोहन गार्डन उत्तम नगर नई  दिल्ली हाल डी- 205 मोहन गार्डन नई दिल्ली  को उसके गुडगाँव स्थित कार्यालय से गिरफ्तार किया गया।  अभियुक्त से घटना में प्रयुक्त  लैपटॉप, मोबाईल फोन, हार्ड डिस्क व विभिन्न बैको के एटीएम के साथ-साथ अभियुक्त के डीएल/आरसी/आधार कार्ड/पेन कार्ड/मेट्रो कार्ड को भी बरामद किया गया।  विवेचना प्रगतिशील है। 10 दिनों की अवधि में स्पेशल टास्क फोर्स की विशेष टीम ने इस तरह के धोखाधड़ी ऑनलाइन लोन ऐप मामलों से जुड़ी तकनीकी चुनौतियों के बावजूद पहले व्यक्ति को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की। टीम द्वारा इसमे पुलिस कस्टडी रिमाण्ड लिये जाने का प्रयास किया जा रहा है ।आरोपी ऑनलाइन लोन देने वाली संदिग्ध शेल कंपनी (Hector Lendkaro Private Limited ) का संचालन करने वाले भारतीय मास्टरमाइंड में से एक है। पकड़ी गयी कम्पनी Hector Lendkaro Private Limited की 15 एप RupeeGo, Rupee Here, LoanU, QuickRupee, Punch Money, Grand Loan, DreamLoan, CashMO, Rupee MO, CreditLoan, Lendkar, RockOn, HopeLoan, Lend Now, Cashfull एप जो देश भर में प्रकाश में आये 300 करोड़ रुपये लोगों को अधिक ब्याज / लोन पर देकर लोगों से अवैध वसूली के नाम पर मानसिक उत्पीड़न कर रही है । प्रारंभिक जांच में पाया गया कि उत्तराखण्ड राज्य में 247 फर्जी लोन एप संचालित है ।इस अभियोग में 05 चीनी नागरिकों के नाम सामने कुआंग योंगगुआंग उर्फ बोल्ट (Kuang Yongguang “Bolt") ,मियाओ झांग उर्फ सिसरो (Miao Zhang “Cicero") ,वानज़ुए ली उर्फ फ़ोर्स(Wanzue Li “Force"),हे झेबो उर्फ लियो(Zhebo “Leo"),दीफान वांग उर्फ ​​स्कॉट वैंग(Difan Wang “Scott wang")गिरफ्तार किये गये अभियुक्त पूर्व में कई बार चाइना गया है एव इसने चीनी भाषा चाइना मे रहकर ही पढ़ी है, हेक्टर लेंडकारो(Hector Lendkaro) फर्जी कम्पनी वर्ष 2019-20 मे बनायी गयी थी। इस तरह के फर्जी ऑनलाइन लोन ऐप चीन, हांगकांग से बनाए और संचालित किए जाते हैं। उक्त गिरोह के द्वारा ऑनलाईन लोन एप का प्रचार प्रसार चीनी व भारतीय मूल के नागरिकों द्वारा कमीशन देकर कराया जाता है। इनके द्वारा कमीशन के लिए भारत के नागरिकों के माध्यम से कॉल सेन्टर खोलकर फोन करके धमकाया जाता है, व अनाधिकृत रुप से पीडितों के संपर्क सूची, फोटो गैलरी (Contact List ,Photo gallery) का एक्सेस (Access) लेकर उनकी अश्लील फोटो बनाकर परिजनों/दोस्तों को भेजा जाता है जिससे उनका मानसिक शोषण करते हुए अवैध धन की वसूली की जाती है।   

                    साथ ही लोगों से बहुत ज्यादा ब्याज दर वसूला जाता है और ऐसी फर्जी कंपनियां हैं जो इस तरह का लोन देने में मदद करती हैं। ये सभी कंपनियां अनधिकृत हैं। अतिरिक्त धन को पुनः परिचालित किया जाता है और अन्य उधारकर्ताओं को अत्यधिक दरों पर दिया जाता है। और पैसे का बड़ा हिस्सा हवाला चैनलों के माध्यम से चलाया जाता है।पूर्व मे इस प्रकार के लोन एप प्ले स्टोर पर मौजूद रहते थे किन्तु गूगल द्वारा प्रतिबंध लगाये जाने के उपरान्त साइबर अपराधियो द्वारा आम जनता को अपनी बातो मे फसाकर वाट्सअप/एसएमएस एवं अन्य माध्यमो से लोन एप का लिंक भेजकर डाउनलोड कराया जा रहा है।वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक स्पेशल टॉस्क फोर्स द्वारा जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के ऑनलाईन फर्जी लोन/ लुभावने अवसरो/फर्जी साइट/धनराशि दोगुना करने वाले अंनजान अवसरो के प्रलोभन में न आयें । किसी भी आँनलाईन ट्रेडिग साइट व लॉटरी एवं ईनाम जीतने के लालच में आकर धनराशि देने तथा अपनी व्यक्तिगत जानकारी व महत्वपूर्ण डाटा शेयर करने से बचना चाहिये। किसी भी प्रकार का ऑनलाईन ट्रेडिग लेने से पूर्व उक्त साइट की पूर्ण जानकारी व स्थानीय बैंक, सम्बन्धित कम्पनी आदि से भलींभांति इसकी जांच पड़ताल अवश्य करा लें । कोई भी शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को सम्पर्क करें । कोई भी वित्तीय साइबर धोखाधड़ी शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर हेल्पलाईन 1930 या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को सम्पर्क करें।

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