केदारनाथ पंचमुखी डोली शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर पहुंची
उखीमठ – भगवान श्री केदारनाथ जी की पंचमुखी चल विग्रह डोली प्रथम पड़ाव रामपुर से कल 28 अक्टूबर को द्वितीय पड़ाव श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंची गयी थी। आज देवडोली ने प्रात:9 बजे श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी से उखीमठ को प्रस्थान किया।बीते 27 अक्टूबर प्रात: 8.30 बजे श्री केदारनाथ धाम के कपाट बंद हुए। इसी दिन शाम को भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली प्रथम पड़ाव रामपुर पहुंची थी।कल 28 अक्टूबर शाम को देवडोली श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंच गयी थी
आज प्रात: भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली ने श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी से श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ प्रस्थान किया दोपहर बाद देवडोली मराठा रेजीमेंट के बैंड के भक्तिमय धुनों के साथ उखीमठ पहुंची। इसी के साथ इस वर्ष की केदारनाथ यात्रा का औपचारिक समापन हो गया है।संपूर्ण यात्रा मार्ग पर देवडोली का भब्य स्वागत हुआ।उखीमठ के श्रद्धालुओं ने भगवान श्री केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली का भब्य स्वागत किया। आज 29 अक्टूबर को भगवान की पंचमुखी डोली पंचकेदार श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचने के अवसर पर पंचगाई तीर्थपुरोहितों ने भब्य सांस्कृतिक कार्यक्रम केदार महोत्सव आयोजित किया। देवडोली के साथ पुजारी टी गंगाधर लिंग,मंदिर समिति देवडोली यात्रा प्रभारी प्रदीप सेमवाल सहित मंदिर समिति के अधिकारी- कर्मचारी एवं रांसी तथा पंचगाई हकहकूकधारी साथ चल रहे हैं।इसी के साथ भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली आज 29 अक्टूबर शनिवार को श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में प्रतिष्ठित हो गयी।बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि देवडोली के श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में प्रतिष्ठित होते ही भगवान केदारनाथ जी की शीतकालीन पूजाएं शुरू हो गयी है।कहा कि प्रत्येक वर्ष शीतकाल में बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन भगवान केदारनाथ जी की शीतकालीन पूजाओं में सम्मलित होते है।
मीडिया प्रभारी ने बताया कि श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर को शीतकाल हेतु बंद हो रहे है द्वितीय केदार मद्महेश्वर जी के कपाट 18 नवंबर तथा तृतीय केदार तुंगनाथ जी के कपाट 7 नवंबर को शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे।
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