05 लाख ₹ की टप्पेबाजी की घटना को अंजाम देने वाला गिरफ्तार

देहरादून – लाखन सिहं सचान निवासी नवज्योति विहार डोईवाला ने कोतवाली आकर लिखित तहरीर दी थी कि वह  12सितम्बर 22 को SBI बैंक डोईवाला से 05 लाख रू0 निकालकर अपने घर जा रहे थे।  रास्ते मे उन्होने पैसों से भरा हुआ हैण्डबैग डोईवाला चौक के पास अपने परिचित व्यक्ति की ठेली के पास रखा और चाय पीने लग गये। थोड़ी देर में जब वह वापस जाने लगे तो पता चला कि कोई अज्ञात व्यक्ति उनका पैसे से भरा बैग उठाकर ले गया है।


उन्होने आस पास के लोगों से पूछताछ की तो ज्ञात हुआ कि एक अधेड उम्र का व्यक्ति उक्त बैग उठाकर ले गया है। घटना के सम्बन्ध में थाना डोईवाला पर मु0अ0स0 322/22 धारा 379 IPC बनाम अज्ञात पंजीकृत किया गया।घटना के सम्बन्ध में वादी से गहनता से पूछताछ करने पर ज्ञात हुआ कि जब वह बैंक से पैसे लेकर अपने परिचित की ठेली के पास आया तो ठेली के पास जमीन पर 10-10 रू0 के कई नोट बिखरे पडे थे, किसी अज्ञात व्यक्ति ने वादी को बताया कि शायद आपके पैसे जमीन पर पडे हैं।  वादी ने व्यक्ति की बातों में आकर जमीन पर बिखरे नोटो की तऱफ गया, इसी दौरान मौके का फायदा उठाकर एक अन्य अज्ञात व्यक्ति ठेली पर रखा वादी का पैसो से भरा बैग लेकर चला गया।  प्रारम्भिक विवेचना से यह स्पष्ट हुआ कि यह घटना एक शातिर टप्पेबाजी गैंग के द्वारा काफी योजनाबद्ध तरीके से की गई है।

     टीमों ने गहनता से घटनास्थल व उसके आस पास रास्तों व प्रतिष्ठानों में लगे CCTV कैमरों का अवलोकन करने पर यह बात स्पष्ट हुई कि घटना के बाद अभियुक्त अलग-अलग वाहनों से देहरादून की ओर चले गये थे। रास्ते में अलग-अलग उतरकर कुछ लोग पैदल चलकर व कुछ ऑटोरिक्शा से देहरादून के रास्ते मे पडने वाले एक निजी अस्पताल में अपने आप को किसी मरीज का तिमारदार बताकर वेटिंग एरिया में करीब 03 घण्टे रुके रहे, ताकि अगर पुलिस कहीं रास्ते में चैकिंग करे तो वह पुलिस के हाथ ना आयें।  अस्पताल में अपनी पहचान छिपाने के लिये उनके द्वारा आपस में एक-दूसरे से कोई बात नही की गयी।  इसके बाद अभियुक्त अपनी पहचान छिपाने के लिये अपने कपडे बदल कर अलग-अलग रास्तों से रेलवे स्टेशन व बस स्टेशन चले गये। पुलिस टीमों द्वारा अत्यन्त धैर्य व लगन से इस दौरान लगभग 200 सीसीटीवी कैमरे चैक करते हुये अपराधियों के जूते व चप्पलों से पहचान करते हुये उनका पीछा दिल्ली रेलवे स्टेशन व बस अड्डे तक किया। अपराधी अत्यन्त शातिर थे तथा उनके द्वारा आपराधिक घटना से पूर्व या बाद में किसी भी मोबाईल फोन का प्रयोग नहीं किया गया। कैमरों के अवलोकन से यह बात भी स्पष्ट हुयी कि अपराधी दिल्ली से हरिद्वार व हरिद्वार से देहरादून से आये थे।  उसके बाद यह लोग घूमते-फिरते अपराध करने डोईवाला तक आये, वहीं बैंक में काफी देर तक अलग-अलग होकर हाथों में विड्रोल फार्म आदि लेकर घूमते रहे, जब उन्होनें वादी को बडी मात्रा में कैश निकालते देखा तो उसके पीछे चल दिये।  रास्ते में मौका देखकर वादी को सडक पर पडे नोटों की बात बताकर व झांसा देकर उसका ध्यान भटकाकर टप्पेबाजी की यह घटना कारित की। 

घटना के अनावरण में लगी एक अन्य टीम द्वारा घटना में संलिप्त अपराधियों के सम्बन्ध में अन्य राज्यों की पुलिस से सम्पर्क करते हुये अपराधियों के फोटोग्राफ/हुलिया/चलने के तरीके आदि सूचनाओं का आदान-प्रदान करते हुये यह जानकारी प्राप्त हुयी कि पश्चिम बंगाल के कुछ अपराधी इस प्रकार की टप्पेबाजी की घटनाओं को अन्जाम देते हैं । अभियुक्तों के हुलियों से मिलते-जुलते अपराधियों की फोटोग्राफ्स आदि प्राप्त किये गये। 

  CCTV कैमरे चैक कर रही एक टीम द्वारा अभियुक्तों के आने के रास्ते को चिन्हित करते हुये अभि0गणों के रुकने के होटल हरिद्वार में पहुंची।  उक्त होटल में अभि0गण में से एक का आधार कार्ड प्राप्त हुआ, परन्तु उक्त आधार कार्ड के बारे में गहरायी से जांच करने पर ज्ञात हुआ कि उक्त आधार कार्ड फर्जी है।  दूसरी टीम अभियुक्तों के जाने के रास्ते चैक करते हुये पहाड़गंज दिल्ली पहुंची, जहां उन्होने करीब 350 CCTV कैमरे चैक किये और 100 से भी अधिक होटल चैक किये गये।  इसी दौरान एक होटल में एक अभियुक्त का वही फर्जी आधार कार्ड मिला जो हरिद्वार के होटल में अपनी पहचान के लिये दिया गया था। पुलिस टीम द्वारा जलपाईगुडी पश्चिम बंगाल पहुंचकर स्थानीय लोगों एंव पुलिस मुखबिरों को संदिग्ध व्यक्तियों की फोटोग्राफ दिखायी गयी तो ज्ञात हुआ कि जलपाईगुडी से करीब 40 किमी0 आगे फाटापुकुर नाम की जगह मे टप्पेबाजी करने वाले कुछ अपराधी रहते हैं, जो पूरे देश मे अलग- अलग स्थानों में घूम-घूमकर टप्पेबाजी की घटनाओं को अंजाम देते हैं।  पुलिस टीम द्वारा फाटापुकुर पहुंचकर वहां के कैमरों को भी चैक किया गया,  साथ ही स्थानीय मुखबिरो से जानकारी करने पर ज्ञात हुआ कि इस प्रकार की घटनाये करने वाले शातिर अपराधियों का एक गैंग है, जिसे *गवाला गैंग* के नाम से जाना जाता है। यह फाटापुकुर झांझीपुरा थाना राजगंज जिला जलपाईगुडी पं0बंगाल में रहते हैं । यह गैंग कभी भी पुलिस के हत्थे नही चढा है।  पूर्व में भी एक अन्य प्रदेश की पुलिस टीम कुछ अभियुक्तो की गिरफ्तारी हेतु फाटापुकुर आई थी, जिनके साथ इस गैंग के लोगों एवं उनके परिवार वालों द्वारा मारपीट कर एक पुलिस कर्मी की हत्या भी कर दी थी। पुलिस टीम को ज्ञात हुआ कि वर्तमान में प0 बंगाल में दुर्गा पूजा चल रही है,  इस गैंग के कुछ सदस्य पूजा करने फाटापुकुर आ सकते हैं।  उक्त शातिर अपराधियों के घर पर दबिश देना पुलिस के लिये एक चुनौतीपूर्ण काम था तथा  स्थानीय पुलिस भी ऐसे अपराधियो के घर पर दबिश देने मे डर रही थी।  

  पुलिस टीम ने सूझ-बूझ दिखाते हुये अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया और मुख्य मार्ग पर लाकर नजदीकी थाने राजगंज जिला जलपाईगुडी लेकर पहुंचे। गिरफ्तार अभियुक्त ने घटना मे स्वंय को शामिल बताते हुये अपना नाम मंजीत गवाला उम्र-30 वर्ष पुत्र अजीत गवाला निवासी फाटापुकुर झांझीपुरा जिला जलपाईगुडी पश्चिम बंगाल बताया।


घटना मे शामिल अन्य अभियुक्तों के बारे में पूछताछ करने पर ज्ञात हुआ कि मंजीत गवाला के साथ अन्य  06 सह-अभियुक्त फाटापुकुर से दिल्ली होते हुये हरिद्वार घूमने आये थे,  उसी दौरान यह लोग घूमते फिरते देहरादून होते हुये डोईवाला आ गये।  डोईवाला मे इन लोगो के द्वारा बैंक मे घुसकर किसी टारगेट को चुनने का प्रयास किया गया।  करीब 02 घण्टे बैंक मे रहने के बाद जब वादी ने बैंक से 05 लाख रू0 निकाले तो यह लोग उसका पीछा करते हुये बाहर को आये, जब वह डोईवाला बाजार में एक ठेली के पास रूके ओर पैसो से भरा बैग रख दिया तो उसी दौरान पहले से तय योजना के अनुसार अभियुक्त मंजीत गवाला द्वारा ठेली के पास 10-10 रु0 के 7-8 नोट फेंके और वादी को  इशारा करते हुये बताया कि शायद आपके कुछ पैसे नीचे गिर गये हैं। जैसे ही वादी नोट उठाने गया तो पहले से पास खडे सह-अभियुक्त रवि नोटों का बैग उठाकर तेजी से बस की तरफ भाग गया।  पीछे-पीछे अन्य अभियुक्त भी तेजी से दौडकर बस में बैठकर देहरादून की तरफ निकल गये।  अभियुक्तो को शक था कि कही पुलिस उनका पीछा करते हुये रास्ते मे चैकिंग कर सकती है इसलिए अभियुक्त देहरादून डोईवाला रास्ते में ही अलग-अलग करके उतर गये और एक प्राईवेट हास्पिटल में चले गये, वहां जाकर इन्होने अपने आपको भर्ती मरीजों के तीमारदार के रूप में दिखाया और एक दूसरे से कोई बात नहीं करते हुए करीब 3 घंटे वहीं रूके रहे। इसके बाद कपडे बदल-बदल कर वहां से अलग-अलग करके अलग-अलग साधनों से रेलवे स्टेशन देहरादून व बस स्टेशन पहुंचे।  वहां से दिल्ली पहुंचे और ट्रेन से  जलपाईगुडी (पश्चिमी बंगाल) पहुंचे,  तत्पश्चात फाटापुकुर पहुंचकर पैसों का बटवारा किया। इन अभियुक्त रवि गवाला पुत्र सदानन्द गवाला निवासी फाटापुकुर झांझीपुरा जिला जलपाईगुडी, पश्चिम बंगाल उम्र-45 वर्ष,जॉनी निवासी फाटापुकुर झांझीपुरा जिला जलपाईगुडी, पश्चिम बंगाल, विक्की, सुन्दर,शिवा और वीरु निवासी बिहार की पुलिस को तलाश हैं।




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