धोखे से एटीएम बदलकर उनके खाते से पैसा निकालने वाले 02 शातिर गिरफ्तार

देहरादून – एटीएम बदलकर लोगों के साथ धोखाधडी किये जाने की घटनाओं की गम्भीरता के  अभियोग के अनावरण एवं अभियुक्तों की गिरफ्तारी को थानाध्यक्ष रायपुर के नेतृत्व में अलग-अलग पुलिस टीमें गठित की गयी। पुराने एटीएम ठगों का सत्यापन की कार्यवाही कर घटनास्थल के आस पास लगे करीब 42 सी0सी0टी0वी0 कैमरो को चैक किया गया तथा संदिग्ध व्यक्तियों केे फोटोग्राफ्स प्राप्त किये गये। घटनास्थल से रुट के सीसीटीवी कैमरों को चैक करने पर अज्ञात अभियुक्त  द्वारा घटना में नीले रंग की एक बलेनो कार सं0 यूके-07-एफए-8029 का उपयोग किया


जाना प्रकाश में आया।  16 अक्टूबर 22 को पुलिस टीम द्वारा मुखबिर की सूचना पर थानो रोड स्टेडियम तिराहा के पास से अभियुक्त सुनील मेहरा पुत्र किशोरी लाल निवासी ग्राम धौड़गी पो0 बडियार थाना देवप्रयाग जिला टि0ग0 हाल निवासी नियर प्रेम भट्टा कैलाश रोड पित्थुवाला थाना पटेलनगर दे0दून,  उम्र 25 वर्ष, सौहार्द उर्फ मुन्ना पुत्र रामेश्वर निवासी ग्राम लेढी तहसील व थाना छछरौली जिला यमुनानगर, हरियाणा, उम्र 29 वर्ष को मय वाहन सं0 यूके-07- एफए-8029 बलेनो कार नीला रंग के साथ गिरफ्तार किया गया। अभियुक्त के कब्जे से 30000/- रू0 व अलग-2 बैंको के 61 एटीएम कार्ड बरामद किये गये। पूछताछ में अभियुक्त द्वारा ऋषिकेश में भी इसी प्रकार की घटना का किया जाना प्रकाश में आया है,  जिसके सम्बन्ध में जानकारी की जा रही है। इम्मा निवासी पलवल, हरियाणा की पुलिस को तलाश हैं।

 पूछताछ में अभियुक्त सुनील द्वारा बताया गया कि मैं पूर्व में बिहारीगढ में एक स्टोन क्रशर में काम किया करता था, जहाँ मेरी मुलाकात सौहार्द उर्फ मुन्ना से हुई । उसके बाद मैं देहरादून आ गया और यहाँ खुद का वाहन लेकर टैक्सी चलाने लगा, कुछ समय पूर्व सौहार्द मुझसे मिलने देहरादून आया, उसके साथ उसका एक और साथी इम्मा जो पूर्व में उसके साथ गुडगावं स्थित एक कॉल सेंटर में कार्य किया करता था भी देहरादून आया। इम्मा के बारे में सौहार्द द्वारा मुझे बताया गया था कि वह पूर्व में हरियाणा से एटीएम ठगी व अन्य आपराधिक मामलों में जेल जा चुका है। इसके पश्चात हमारे द्वारा एटीएम ठगी कर जल्दी पैसा कमाने की योजना बनाई गयी, योजना के मुताबिक हम सभी मेरी बुलेनो गाडी से देहरादून के विभिन्न एटीएमों की रैकी करते हुए बुजुर्ग व्यक्तियों एवं महिलाओं को चिन्हित करते थे, इसके बाद इम्मा और सौहार्द एटीएम के अन्दर जाकर बुजुर्ग व्यक्तियों व महिलाओं से एटीएम से पैसे निकालने में मदद करने के बहाने उनसे उनका एटीएम पिनकोड पता कर लेते थे तथा मौका पाकर उनका ध्यान भटकाते हुए उनका एटीएम बदलकर उन्हें उसी बैंक का दूसरा एटीएम कार्ड दे दिया करते थे। इस दौरान मैं बाहर रहकर आने-जाने वाले लोगों पर नजर रखता था। एटीएम कार्ड बदलने के उपरान्त हम तीनो वहां से निकलकर आस-पास के किसी दूसरे एटीएम में जाकर पैसा निकाल लेते थे।  

 


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