श्री हनुमान जन्मोत्सव पर भक्तों ने हनुमान चालीसा का पाठ किया
देहरादून – देश व प्रदेशवासियों को श्री हनुमान जन्मोत्सव की हार्दिक शुभकामनायें श्री राम भक्त हनुमान जी भक्ति, शक्ति और सद्बुद्धि के दाता है।हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना हुई और भक्तजनों ने हनुमान चालीसा का पाठ भी किया वही जगह जगह पर भंडारे लगाए गए और श्रद्धालुओं को कढ़ी चावल प्रसाद के रूप में परोसा गया उससे पहले सुबह श्रद्धालुओं ने नगर कीर्तन निकाल कार्यक्रम की शुरुआत की,
जिस प्रकार हनुमान जी का सम्पूर्ण जीवन प्रभु राम जी के लिये समर्पित था उसी तरह ‘‘गंगा काजु कीन्हें बिनु मोहि कहां विश्राम’’ के सूत्र को आत्मसात करना होगा तभी हम अपनी नदियों को जीवंत और जाग्रत बना सकते हैं।महाबली हनुमान जी अपने लिये नहीं जिये, अपने लिये, कुछ भी तो नहीं किया उन्होंने सब कुछ प्रभु के लिये तथा जो भी है वह सब भी प्रभु का है और इसी भाव से स्वयं को भी प्रभु को समर्पित कर दिया। तेरा तुझको सौंपते क्या लागत है मोर। ’राम काज कीन्हें बिना, मोहि कहाँ विश्राम।’ जब तक राम काज; सेवा कार्य पूर्ण न हो विश्राम कहाँ, सुख कहाँ, चैन कहाँ। इस समय हमारी प्राणदायिनी और जीवनदायिनी नदियों का संरक्षण करना ही राम काज है, यही यज्ञ है, यही योग है, यही दान है और यही ध्यान है। प्रभु हम सभी को भी हनुमान जी जैसी उदारता, प्रभु भक्ति, अटूट सेवाभाव और समर्पण भाव प्रदान करें ताकि हम भी समाज और समष्टि की सेवा में अपने को समर्पित कर सके यही है हम सभी के लिये हनुमान जी का संदेश और इसी भाव से ही हम सभी के हृदयों में हनुमान जी का अवतरण हो। जय हनुमान। हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर प्रदेश में जगह जगह सुन्दर काण्ड का पाठ, योग, ध्यान और हनुमान चालीसा का पाठ किया जा रहा हैं। हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को भगवान शिव के ग्यारहवें अवतार पवनपुत्र हनुमान का धरती पर अवतरण हुआ था। बजरंगबली की महिमा अपरंपार है और उनकी आराधना भी एक रामबाण है।
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