सदन में प्राईवेट मेम्बर बिल प्रस्तुत करके सरकार को आईना दिखाने का काम करेगें-आर्य
देहरादून – यशपाल आर्य ने आज विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पदभार ग्रहण करने के बाद कहाकि उत्तराखण्ड की जनता और काग्रेस पार्टी विधान मण्डल दल के सदस्यों के आशीर्वाद तथा कांग्रेस के केन्द्रीय नेतृत्व के विश्वास से मै आप लोगों के सामने उत्तराखण्ड विधान सभा के नेता प्रतिपक्ष के रूप में उत्तराखण्ड की जनता की सेवा के लिए प्रस्तुत हॅू। परदेस की जनता ने हमें विपक्ष की भूमिका में रखकर जनता की आवाज को बुलंद करने का जनादेश दिया है। कांग्रेस पार्टी भले ही जीत कर सरकार नही बना पाई हो लेकिन प्रदेश के कुल मतदाताओं में से 36 प्रतिशत ने काग्रेस पार्टी पर भरोसा किया है।
हम जनादेश को विनम्रता पूर्वक स्वीकार करते हुए सकारात्मक और सजग विपक्ष की भूमिका में रहते हुए राज्यहित में और राज्य की जनता की बेहतरी और खुशहाली के लिए कार्य करने को तैयार है। कांग्रेस पार्टी स्वच्छ लोकतात्रिक मूल्यों पर विश्वास करती है इसलिए विधान सभा के भीतर और बाहर लोकतात्रिंक परम्पराओं के अनुसार सकारात्मक विरोध की राजनीति करेगें। 19 सदस्यों वाला कांग्रेस विधायक दल भले ही सत्तापक्ष की तुलना में सख्यांबल में छोटा हो लेकिन हमारे विधायक दल विविधताओ से भरा है। जिसमें प्रीतम सिंह जैसे राज्य के सबसे वरिष्ठ विधायकों में से एक हैं तो हमारे इस विधान सभा में ऊर्जा से लवरेज पाॅच विधायक भी है। विधायक मण्डल दल में पंचायतों में विभिन्न स्तरों पर जो प्रतिनिधित्व कर विधायक तक पहुॅचे। विधायक हैं पूर्व मंत्री है तो ममता राकेश और अनुपमा के रूप में दो महिला विधायक भी सम्मिलित हैं। मै पूरे भरोसे के साथ कह सकता हॅू कि हमारे विधायक संम्पूर्ण देवभूमि उत्तराखण्ड और उत्तराखडिंयत का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं और पूरे उत्तराखण्ड की आवाज बन सकते हैं।
नेता प्रतिपक्ष के रूप में मेरी कोशिश होगी कि विधान सभा का अधिकतम प्रयोग प्रदेश की जनता की खुशहाली और प्रगति के लिए करें।उत्तराखण्ड में विधान सभा के सत्रों की समायावधि धीरे-धीरे कम होती जा रही है। उत्तराखण्ड विधानसभा के सत्रों की समयावधि की तुलना यदि हमारे साथ बने दो राज्य झारखण्ड़ और उत्तराखण्ड तथा अपने पड़ोसी राज्य हिमांचल से करे तो इन सभी राज्यों की तुलना में उत्तराखण्ड में विधान सभा के सत्रों की समायावधि बहुत छोटी है। विधान सभा के सत्र छोटे होने से विधायकों को विधान सभा में अपने क्षेत्र और प्रदेश के जनता की आवाज उठाने के लिए बेहद कम समय मिलता है। हम सरकार पर लम्बे और प्रभावी विधान सभा सत्र आहूत करने का दबाव डालगें। सरकार को यदि सत्र की समयावधि बढानी है तो सरकार को पहले से ही तैयारी कर विधान सभा सरकारी कार्य और विधायन की मात्रा बढ़ानी होगी, क्योकि बिना सरकारी काम काज के सत्र चलाना मुश्किल होता है।
अभी भी प्रदेश में सैकडों तरह के विधायन कार्य अधूरे हैं हम अनेको कानूनों और नियमावलियों के लिए अपने पूर्ववर्ती राज्य उत्तर प्रदेश पर निर्भर हैं। कांग्रेस सरकार के समय विधान सभा से पास कर राज्यपाल को स्वीकृति हेतु भेजे गये लोकायुक्त कानून और राजकीय सेवाओं में राज्य आन्दोलनकारियों से सम्बन्धित कानून अभी भी स्वीकृत होकर नहीं आये हैं। सरकार को शीर्ष स्तर के भ्रष्टाचार पर रोक लगाने तथा राज्य आन्दोलनकारियों को सम्मान देने के लिए इन दोनों विधेयको और ऐसे अनेकों विधेयको पर फिर से कार्य शुरू करना चाहिए इसलिए सरकार अब सदन चलाने के लिए प्रर्याप्त सरकारी काम-काज का बहाना नहीं बना सकती है।यदि सरकार उत्तराखण्ड की जनता के हित और जनता की परेशनियों को हल करने के लिए प्रर्याप्त संख्या में विधेयक नहीं लाती है तो मजबूर होकर हम उन विषयों पर कांग्रेस विधानमण्डल दल के विधायकों के द्वारा प्राईवेट मेम्बर बिल सदन में प्रस्तुत करेगें जो सरकार को आईना दिखाने का काम करेगें। पिछली विधान सभा में कांग्रेस के विधायकों द्वारा लाये गये प्राईवेट मेम्बर बिल चारधाम देबस्थानम् बोर्ड कानून को निरस्त करने में महत्वपूर्ण हथियार व कारण बना था।
इसी तरह उत्तराखण्ड जमींदारी उन्मूलन कानून में गलत बदलाओं को समाप्त करने वाले प्राईवेट मेम्बर बिल के कारण सरकार दबाव में आई और सशक्त भू-कानून को एक उच्च स्तरीय समिति बनाई थी हालाकि सशक्त भू-कानून के मामले में अभी भी सरकार एक कदम भी आगे नही बढ़ पाई है।कांग्रेस विधानमण्ड़ल दल के विधायकगण व्यापक राज्य हित के विषयों को विभिन्न नियमों के तहत उठायेगें और प्रश्न काल का पूरा सद्पयोग किया जायेगा। हमारी कोशिश होगी कि हम न केवल विधान सभा में सरकार के कदम भटकने पर उन्हें चेतायेगें बल्कि संवैधानिक प्रक्रिया के तहत सरकार को रास्ता दिखाते हुए बेहतर विकल्प भी देंगे।यदि सरकार सदन में संख्या बल के दम पर हमारे सकारात्मक विकल्पों को दबाती है या स्वीकार नही करती है तो हम कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओें के द्वारा इन विकल्पो को लेकर जनता के सामने जायेगें और जनता के साथ मिलकर उत्तराखण्ड के बेहतरी के लिए सड़को पर संघर्ष करेगें तथा इन सभी कार्यो के लिए मुझे और कांग्रेस के विधानमण्ड़ल दल को उत्तराखण्ड की जनता का आशीष और सहयोग मिलता रहेगा ऐसा मेरा भरोसा है।
Comments
Post a Comment