डूबते धामी ढूंढ़ रहे तिनके का सहारा : राजीव महर्षि
देहरादून –उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया प्रभारी राजीव महर्षि ने आज कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा चुनाव प्रचार के अंतिम दौर में यूनिफार्म सिविल कोड का जुमला उछाल कर सिद्ध कर दिया है कि भाजपा चुनाव हार रही है और आखिरी उम्मीद के तौर पर उसने ध्रुवीकरण के लिए यूनिफार्म सिविल कोड की बात की है। महर्षि ने कहा कि यह मुख्यमंत्री की हताशा ही कही जाएगी कि वे कांग्रेस की लहर में डूबते उतराते हुए बचने के लिए अब तिनका ढूंढ रहे हैं।
महर्षि ने कहा कि शायद मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखण्ड की जागरूक जनता द्वारा दीवार पर लिखी बदलाव की इबारत पढ़ ली गई है और अंतिम प्रयास के रूप में वे ध्रुवीकरण पर उतर आए हैं लेकिन वे इसमें सफल नहीं हो पाएंगे। प्रदेश के लोग भाजपा के कुशासन की ठान चुके हैं और उन पर अब किसी तरह के जुमले का असर होने वाला नहीं है।
उन्होंने कहा कि ये वही भाजपा है जिसने देवभूमि की परम्पराओ का अपमान करते हुए देवस्थानम बोर्ड बनाया था, जमीनों की लूट के लिए इन्वेस्टर समिट कराई थी और तिवारी सरकार के दौरान बने सशक्त भू क़ानून को कमजोर करने का काम किया था, यहाँ तक कि कांग्रेस सरकार ने 2013 में गैरसैण को विकसित करने के इरादे से वहाँ जमीनों की रजिस्ट्री पर रोक लगाई थी लेकिन भाजपा सरकार ने उस प्रावधान को खत्म कर सबसे पहले त्रिवेन्द्र सिंह रावत और धन सिंह रावत ने वहाँ साढ़े छह - छह नाली जमीन खरीदी। यह भाजपा का चाल चरित्र और चेहरा है। लोग भाजपा को उसके पापों का दंड देने का निश्चय कर चुके हैं। अब तो उसके पास माफ़ी मांगने का विकल्प भी नहीं रह गया है। यदि चुनाव अभियान के दौरान भाजपा ने अपने पापों के लिए माफ़ी माँग ली होती तो उसकी दुर्गति टल सकती थी लेकिन उसने यह मौका भी गँवा दिया है। अब उसे वनवास की तैयारी कर लेनी चाहिए। सोमवार 14 फ़रवरी को प्रदेश की जनता उसे ठिकाने लगा देगी।राजीव महर्षि ने कहा कि पूरे प्रदेश की जनता कांग्रेस को आशीर्वाद देने का मन बना चुकी है और यह इबारत साफ साफ पढ़ी जा रही है, जो इसे नहीं पढ़ पा रहा है वह या तो जानबूझकर अनजान बन रहा है या फिर उसे दृष्टि दोष है। लोग फैसला कर चुके हैं।
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