अज्ञात महिला के शव का खुलासा पहली पत्नी के चक्कर में दूसरी पत्नी की हत्या
ऋषिकेश – ये घटना है 9 दिसंबर 21 की जब किसी ने पुलिस को सूचना दी कि एक महिला मृत अवस्था में लेबर कालोनी तिराहे के सामने नाले के आगे झाडियों मे आईडीपीएल क्षेत्र मे पडी है। इस सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए प्रभारी निरीक्षक कोतवाली ऋषिकेश के द्वारा फ़ोर्स सहित मौके पर जाकर देखा तो महिला मृत अवस्था मे पडी थी। तत्काल फील्ड यूनिट व फौरेन्सिस टीम को बुलाया गया।
शव की शिनाख्त को पत्राचार एवं सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया गया। जानकारी मिली की इसका नाम आरती बोई पुत्री रविन्द्र बोई उम्र 28 वर्ष निवासी ग्राम अदनगढ जिला जगत सिहपुर उडीसा हाल निवासी कृष्णा नगर कॉलोनी आईडीपीएल ऋषिकेश है। पंचातनामा की कार्यवाही की गयी व शव को पोस्टमार्टम के लिए एम्स मोर्चरी मे रखवाया गया।12 दिसंबर 21 को एम्स हॉस्पिटल ऋषिकेश में महिला के शव का पोस्टमार्टम किया गया था। 22 जनवरी 22 को पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ज्ञात हुआ कि इस महिला की हत्या गला दबाकर की गई है। जिसपर उ0नि0 मनवर सिंह नेगी द्वारा कोतवाली ऋषिकेश में मुकदमा अपराध संख्या 58/2022, धारा 302 आईपीसी पंजीकृत कर विवेचना प्रारंभ की गई।
पुलिस की टीमों के द्वारा घटनास्थल की ओर जाने वाले रास्तों पर खडी ठेली और फेरी वालों से पूछताछ की गई। आसपास लगे लगभग 20-25 सी.सी.टी.वी कैमरों का निरीक्षण किया गया। सर्विलांस टीम द्वारा घटनास्थल के आसपास प्रयोग मे आये संदिग्ध मोबाइल नंबर के धार को से पूछताछ की गई, एवं मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया गया। सर्विलांस से प्राप्त संदिग्ध एवं संदिग्ध मोबाइल नंबर के विषय में मुखबिर तंत्र को सूचना दी गई। जिस पर जानकारी प्राप्त हुई थी कि यह मृतका घटनास्थल के आसपास अपने पति संजय कुमार भारद्वाज उर्फ गब्बर के साथ देखी गई थी। जिस पर उसके पति संजय भारद्वाज उम्र 35 वर्ष को पूछताछ के लिए जनपद हरिद्वार से कोतवाली ऋषिकेश लाया गया। जहां सख्ती से पूछताछ करने पर उनके द्वारा अपना अपराध स्वीकार करते हुए बताया कि मैंने ही अपनी पत्नी आरती बोई के सिर पर पत्थर मारकर व गला दबाकर हत्या की गई थी। संजय ने बताया की आरती बोई मेरी दूसरी पत्नी थी जो कि मेरे साथ कृष्णा नगर कॉलोनी आईडीपीएल में रहती थी आरती मुझे मेरी पहली पत्नी तथा बच्चों से मिलने नहीं देती थी। जिससे उसके साथ काफी ज्यादा पारिवारिक क्लेश रहता था। मैं चाहता था कि आरती अपने घर कटक वापस चली जाए मैंने आरती को वापस भेजने के लिए 1 माह पूर्व भी ट्रेन का टिकट कराया गया था परंतु आरती नहीं गई मेरे बार-बार प्रयास करने पर भी आरती वापस जाने को तैयार नहीं हुई जिसके बाद मेरे मन में आरती को जान से मार देने का विचार आया मैं आरती को लेकर लेवल कॉलोनी के समीप झाड़ियों में गया तथा एक पत्थर उठाकर उसके सिर पर दे मारा तथा उसका गला दबा दिया जिससे उसकी मौत हो गई उसके बाद मैं अपने गांव बलिया चला गया आज मैं अपने बच्चों से मिलने हरिद्वार आ रहा था तो पुलिस टीम ने मुझे पकड़ लिया।
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