सऊदी रियाल का लालच देकर करते थे ठगी
देहरादून– तिलकराम निवासी 07 करनपुर, थाना डालनवाला ने थाने पटेलनगर में एक प्रार्थना दिया कि 17 दिसंबर को एक महिला उनकी करनपुर देहरादून स्थित पार्लर की दुकान मे आई, जिसने अपने पास सऊदी अरब देश की करेंसी के 50-50 रियाल के 1600 नोट होना बताया व अपने घर की स्थित का रोना- धोना कर उन्हे बदलने की मिन्नत की, जिसकी बातों मे आकर मैने अपनी पत्नी के गहने गिरवी रख रियाल के बदले तीन लाख रुपये उस महिला के बतायेनुसार ब्रहमपुरी आकर महिला व उसके साथ आये एक व्यक्ति को दिये।
जिसके बदले में महिला व उसके साथ आये व्यक्ति द्वारा उसके साथ ठगी कर उसको अखबार की रद्दी देकर भाग गये। प्रार्थना पत्र के आधार पर थाना पटेलनगर पर मु0अ0सं0 683/2021 धारा 420 भादवि बनाम सना आदि पंजीकृत किया गया। तफ्तीश उ0नि0 किशन देवरानी के सुपुर्द की गयी।पुलिस टीम द्वारा घटना स्थल के आस पास लगे सीसीटीवी फुटेज के बारे मे जानकारी कर आने जाने वाले मार्गों पर लगे लगभग 108 कैमरो को चैक किया गया। इसके अतिरिक्त अभियुक्त द्वारा घटना मे प्रयुक्त किये गये मोबाइल फोन की लोकेशन सीडीआर, आईडी प्राप्त करते हुए अभियुक्त द्वारा प्रयोग किये जा रहे फोनों के IMEI नम्बरो को रन कराया गया। अभियुक्त द्वारा प्रयुक्त किये गये मोबाईल फोन पर लगे आईडी का पता पश्चिम बंगाल का निकला। इसके अतिरिक्त लगातार अभियुक्त के घटना स्थल पर आने व जाने वाले मार्गो पर लगे सीसीटीवी फुटेजो को लगातार चैक किया गया, जिसके परिणाम स्वरुप पुलिस टीम को जानकारी मिली कि एक महिला व एक पुरुष इसी हुलिया के पटेलनगर क्षेत्र मे दिखायी दिये है।जिस पर पुलिस टीम द्वारा घेरा बन्दी कर पटेलनगर क्षेत्रान्तर्गत ब्रहमपुरी मे उस महिला व पुरुष की तलाश करने पर ब्रहमपुरी से एक महिला रिपा व एक पुरुष जब्बार को गिरफ्तार किया गया, दोनो के कब्जे से ब्रहमपुरी में 23 दिसंबर को की गई घटना मे प्रयुक्त दो की पैड फोन व दो स्मार्ट मोबाईल फोन तथा ठगी करने के लिए लाए गये साऊदी अरब की करेंसी रियाल 50-50 रुपये के 05 नोट बरामद किये गये। दोनो अभियुक्त जब्बार पुत्र अंजल निवासी पश्चिम बंगाल हाल जे-3/125, जे-3 जे एक्सटेंशन किशनकुंज लक्ष्मीनगर पूर्वी दिल्ली, उम्र 36 वर्ष और रिपा पत्नी रफी निवासी 302 कबीर बस्ती रोशनवाला गली उत्तरी दिल्ली, उम्र 25 वर्ष ने ब्रहमपुरी मे 23-दिसंबर को की गई ठगी के अतिरिक्त प्रेमनगर में 21दिसंबर 21 को की गई घटना को अपने अन्य साथियों की सहायता से किया जाना स्वीकार किया गया। दोनो की निशानदेही पर उनके किराये के मकान खुडबुडा से घटना मे ठगी कर लिये गये एक लाख रुपये, विभिन्न घटनाओ मे प्रयोग किये गये 12 की पैड मोबाइल फोन, विभिन्न मोबाइल कम्पनियों के 28 सिम कार्ड तथा 21 दिसंबर को थाना प्रेमनगर क्षेत्रान्तर्गत की गई ठगी की घटना से सम्बन्धित आठ हजर रुपये बरामद किये गये।
पूछताछ में अभियुक्तों द्वारा बताया गया कि हमारा गिरोह मूल रूप से पश्चिम बंगाल के रहने वाला हैं तथा वर्तमान में हम दिल्ली में रह रहे हैं। हम दोनों गिरोह के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर विदेशी करेंसी सऊदी अरब के नोट रियाल को बदलने को लेकर लोगों को लालच देकर ठगी करते हैं, इसके लिए हम गिरोह के महिला सदस्य को सऊदी अरब के पचास रियाल जिसकी भारतीय रूपये में कीमत लगभग 950 रूपये होती है, को लेकर विभिन्न दुकानो व घरों में भेजते हैं, जिसमें गिरोह की महिला सदस्य दुकानदार या घर के सदस्य को एक झूठी कहानी सुनाते हैं कि उसके मालिक विदेश में नौकरी करते हैं, जिनके द्वारा उन्हे बिस्तर व पुराने कपडे दिये थे, जिनके अन्दर उन्हे सऊदी अरब के रियाल काफी संख्या में मिले हैं, जिन्हें घर की परिस्थिति व घर के किसी सदस्य की बीमारी का हवाला देकर बदलने की मिन्नत करते हैं। टारगेट को अपने प्रति दया भावना को दिखाकर करेंसी के बदले आधी कीमत से कम में भारतीय रूपये देने के लिये राजी करते हैं। टारगेट को एक सऊदी अरब के पचास रियाल का नोट देकर उसे बदलने व संतुष्ट होने को कहते हैं। तथा टारगेट का मो0न0 प्राप्त कर लेते हैं। हम इस काम के लिये अलग-अलग मोबाइल फोन व अलग-अलग मोबाइल सिम का प्रयोग करते हैं तथा गिरोह के सदस्य आपस मे बातचीत करने के लिये अलग स्मार्ट फोन का प्रयोग करते हैं, गिरोह के सदस्य आपस में आईएमओ एप्प से ज्यादा बाते करते हैं। टारगेट से बातचीत करने के बाद दूसरे दिन टारगेट से फर्जी मो0न0 से सम्पर्क कर अपने पास कई सऊदी अरब के रियाल होने का विश्वास दिलाकर बदलने को कहते हैं, जिस पर टारगेट को दिये गये असली नोट को उसके द्वारा भारतीय नोट में बदलने पर विश्वास होने के कारण वह हमारी बातों पर विश्वास कर लेता है और हमारा टारगेट के बीच करेंसी को बदलने व उसके एवज में भारतीय नोट को लेकर एक कीमत तय की जाती है, जिसके पश्चात टारगेट से भारतीय नोट लेने के लिये टारगेट के पास गिरोह के दूसरे सदस्यों को भेजा जाता है। टारगेट को अपनी पसंद की जगह पर बुलाया जाता है, जहां टारगेट को पुराने अखबार की रद्दी की गड्डी बनाकर उसे बैग में रखकर दिया जाता है और उसे बातों में उलझाकर उससे भारतीय नोट प्राप्त कर वहां से भाग जाते हैं। हम जहां टारगेट को बुलाते हैं, उस स्थान की पहले से ही रैकी कर लेते हैं, जिससे नोट बदलने के बाद भागने में आसानी हो तथा घटना में प्रयोग किये गये मोबाइल फोन को बन्द कर देते हैं। हम पुलिस से बचने के लिये गिरोह के अन्य सदस्यो का प्रयोग टारगेट पर नजर रखने के लिए करते हैं। जब टारगेट पैसें लेकर आता है तो गिरोह के अन्य सदस्य उसकी हरकतों व उसके साथ आने जाने व्यक्तियो पर दूर नजर रखता है, हमने इसी प्रकार कई स्थानों पर घटना को अन्जाम दिया है।
Comments
Post a Comment