जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट के नए टर्मिनल में केदारनाथ बद्रीनाथ यमुनोत्री गंगोत्री हेमकुंड साहिब की कलाकृतियों
देहरादून – जौलीग्रांट एयरपोर्ट अब नए स्वरूप में बन गया है जहां पर उत्तराखंड चार धाम यात्रा से संबंधित केदारनाथ बद्रीनाथ यमुनोत्री गंगोत्री हेमकुंड साहिब की कलाकृतियों का उरेका गया है। नंदा देवी को भी दर्शाया गया है। एयरपोर्ट की दीवार पर उसका भव्य चित्रण अपनी ओर आकर्षित करता है और जो पर्यटक आएंगे वह उत्तराखंड की सभ्यता को भी एयरपोर्ट पर ही देखेंगे और समझेंगे। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून (जौली ग्रांट) हवाई अड्डे में नए टर्मिनल भवन का संयुक्त रूप से लोकार्पण किया। पूरे देश से आने वाले पर्यटकों और यात्रियों को नई टर्मिनल बिल्डिंग में उत्तराखण्ड की कला और संस्कृति के भी दर्शन होंगे। यहां उत्तराखण्ड के चार धाम, ब्रहमकमल सहित तमाम उत्तराखंड की कला संस्कृति के पक्ष प्रदर्शित किए गए हैं।
नए टर्मिनल भवन के निर्माण से देहरादून हवाई अड्डे के क्षेत्रफल और वहां यात्रियों की प्रति घंटा आवाजाही क्षमता में लगभग 6 गुना वृद्धि हो गई है। एयरपोर्ट अथारिटी की ओर से नई टर्मिनल बिल्डिंग का फेज 1 का काम पूरा हो चुका है। फेज 1 में निर्मित टर्मिनल बिल्डिंग का कुल क्षेत्र 28,729 वर्ग मीटर है जबकि इसकी लागत 325 करोड़ रूपए है। दूसरे फेज का काम भी प्रगति पर है। फेज-2 में 132 करोड़ रूपए की लागत से 14,047 वर्ग मीटर क्षेत्र में बिल्डिंग का और विस्तार होगा। सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से प्रदेश में एयर कनेक्टिविटी को मजबूत किया जा रहा है।
प्रदेश सरकार ने उत्तराखण्ड में एवियेशन टर्बो फ़्यूल (एटीएफ) में लगने वाले वेट को 20 प्रतिशत से घटाकर 2 परसेंट कर दिया है, इसके पीछे सरकार की मंशा यह है कि एयर कनेक्टिविटी के क्षेत्र में अधिक से अधिक हेली कंपनियां उत्तराखंड का रुख़ करें। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि 2025 तक उत्तराखण्ड एक आदर्श राज्य के रूप में विकसित हो, जिसे सांस्कृतिक और आध्यात्मिक केंद्र के रूप में पहचान मिल सके।केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच है कि आम आदमी भी आसानी से हवाई यात्रा कर सके।
इसी सोच को धरातल पर उतरने के लिए देशभर में वायु संपर्क मार्ग बढ़ाए जा रहे हैं। हवाई अड्डों का विस्तारीकरण, उच्चीकरण व सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। पहले देहरादून हवाई अड्डे में प्रति घंटा 250 व्यक्ति आवाजाही कर सकते थे, यह क्षमता भी अब बढ़कर 1200 व्यक्ति हो गई है। उन्होंने बताया कि अब देहरादून हवाई अड्डे में फेज-2 का काम शुरू होगा, जिसके पूरा होने पर यह क्षमता 1800 व्यक्ति प्रति घंटा हो जायेगी। सिंधिया ने कहा कि ‘उत्तराखण्ड से मेरा पुराना नाता है। आज मेरे लिए ये भावुक क्षण भी है। मैं 30 वर्ष पहले देहरादून में शिक्षा ग्रहण करने आया था। 5 वर्ष तक मैंने यहां जीवन के उच्च मूल्यों की शिक्षा ली। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड सचमुच में देवलोक है। पूरे देश को यहीं से आशीर्वाद प्रदान होता है। यह ऐसा प्रदेश है जहां प्राकृतिक सौंदर्य, पर्यटन, उद्योग, व्यापार की अपार संभावनाएं हैं। केन्द्र और राज्य सरकार मिलकर उत्तराखण्ड को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगे। सिंधिया ने कहा कि नागरिक उड्डयन और पर्यटन एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। इसी सोच के चलते उत्तराखण्ड में हवाई यात्रा की सुविधाओं में इजाफा किया जा रहा है।इस दौरान नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह (रिटायर्ड) , राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, देहरादून मेयर सुनील उनियाल गामा के अलावा सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल “निशंक“ वर्चुअल माध्यम से मौजूद रहे।
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