पैंतीस पासपोर्ट के साथ एक कबूतर को पुलिस ने पुलिस ने पकड़ा, विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर करता था ठगी
देहरादून – क्लेमेंनटाउन क्षेत्र में सन्नी नाम के व्यक्ति द्वारा लोगों को विदेश भेजने के नाम पर उनसे पैसे लेकर ठगी करने तथा लोगों के पैसों का गबन कर खुद विदेश भागने कि कोशिश करने के संबंध में जानकारी देते हुए इस व्यक्ति के विरुद्ध आवश्यक वैधानिक कार्रवाई करने का आदेश एसएसपी ने थानाध्यक्ष क्लेमेंन टाउन को दिया। थानाध्यक्ष ने तत्काल एक टीम गठित कर उस व्यक्ति के संबंध में गोपनीय जानकारी एकत्रित करते हुए पीड़ित व्यक्ति की पहचान की गई। पीड़ित धीरज कुमार गुरुंग निवासी इंदिरापुरी फॉर्म क्लेमेंन टाउन ने बताया गया की मैं भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हूं,
मुझे नौकरी की तलाश थी तो मेरी मुलाकात सन्नी नाहर निवासी ओगल भट्टा, क्लेमेंट टाउन से हुई, जिसने मुझे कनाडा में G4S कंपनी में सिक्योरिटी की नौकरी लगाने की बात कही तथा इसके लिए ₹ 100000 का खर्च बताया। उसके द्वारा नौकरी दिलाने का पक्का भरोसा मुझे दिलाया गया तथा ₹ 1,70,000 सैलरी दिलाने की बात कही गयी। उसके बातों में आकर मैंने फरवरी 2020 में सन्नी को ₹ 35000 की धनराशि तथा अपना पासपोर्ट व अन्य कागजात दे दिये। इसके बाद हमारे द्वारा कई बार संपर्क करने पर जब इसने हमें वीजा, विजा अप्रूवल लेटर, व LMIA फार्म स्कैन कर दिये, तो मुझे कुछ संदेह हुआ, जब मेरे द्वारा इन कागजों की जांच पड़ताल की गई तो यह सभी कागज फर्जी पाए गए। सन्नी ने सेना से रिटायर अन्य व्यक्तियों के साथ भी ऐसी धोखाधड़ी की है, जिनमें से मैं कुछ व्यक्तियों को जानता हूं।
संबंध में पीड़ित द्वारा दी गयी लिखित तहरीर के आधार पर थाना क्लेमेंन टाउन पर तत्काल मुकदमा अपराध संख्या 159 / 21 धारा 420 467, 468, 471 आईपीसी पंजीकृत कर विवेचना प्रारंभ की गई। पुलिस टीम द्वारा मुखबिर लगाकर सटीक जानकारी करते हुए अभियुक्त सन्नी नाहर को ओगल भट्टा सुभाष नगर से गिरफ्तार किया गया तथा अभियुक्त की निशान देही पर अभियुक्त के कब्जे से घटना में प्रयुक्त लैपटॉप, मोबाइल, पासपोर्ट तथा अन्य फर्जी दस्तावेज बरामद किए गए।अभियुक्त पूर्व में भी इस प्रकार के मामले में जेल जा चुका है। सन्नी नाहर ने पूछताछ में बताया गया कि वह पूर्व में ऐम्फल कंसल्ट कंपनी में एच0आर0 के पद पर कार्य करता था, जिस दौरान उसे यह जानकारी व अनुभव हो गया था कि बेरोजगार लोगों से किस प्रकार रिज्यूम लेकर उनकी नौकरी दिलवाने के संबंध में डील की जाती है, उसके बाद वर्ष 2016 में उसने अपने जीजा पंकज पांडे के साथ मिलकर कुछ लोगों के साथ विदेश भेजने के नाम पर जालसाजी कर उनसे पैसे लिए थे, जिसके संबंध में उसके व उसके जीजा के खिलाफ क्लेमेंन टाउन थाने में दो मुकदमे दर्ज हुऐ थे, जिसमें वह दोनों दोनों जेल गए थे। जेल से रिहा होने के बाद उसके जीजा लखनऊ चला गया और वह फिर लालच में आकर कम समय में अधिक पैसे कमाने के चक्कर में इस प्रकार के कार्य में लग गया। इस बार उसने कनाडा में सिक्योरिटी गार्ड के रूप में g4s कंपनी में जॉब लगाने के नाम पर सेना से रिटायर लोगों व अन्य लोगों से रुपए ऐंठने का प्लान बनाया तब उसके द्वारा अपने पिता जो कि आर्मी से रिटायरमेंट थे, जिनका स्वर्गवास हो गया है, के जानकारों से संपर्क किया, जिसमें अधिकांश आर्मी के रिटायर सैनिक थे। उनको सिक्योरिटी गार्ड के रूप में कनाडा नौकरी दिलवाने के नाम पर लालच दिया और बताया कि वहां पर आपको ₹ 170000 के लगभग सैलरी मिलेगी। इस लालच में काफी लोग तैयार हो गए और फिर उसने धीरज गुरुंग, अनूप कुमार थापा आदि करीब 30- 35 लोगों से संपर्क किया तथा उनका मूल पासपोर्ट और रिज्यूम व दस्तावेज आईडी आदि ले लिए और नौकरी दिलाने के नाम पर उनसे ₹100000 की डिमांड की, उक्त डिमांड के ऐवज में उसने इन सभी व्यक्तियों से करीब 35000- 35000 रुपए शुरू में ले लिए थे तथा उन सभी व्यक्तियों का पासपोर्ट , रिज्यूम तथा अन्य दस्तावेज आईडी अपने पास रख लिये। इन सभी लोगों से वह नगद पैसे लिया करता था, इनमें से कुछ लोगों से पैसे उसने अपने एक्सिस बैंक के अकाउंट में भी लिए थे तथा इन पैसों को उसने अपने दूसरे बैंक इंडियन ओवरसीज बैंक टर्नर रोड के खाते में जमा कर लिया था। अधिकांश लोगों से लिए हुए पैसे उसने इन्हीं खातों में जमा किए हैं, जिसमें करीब साढे चार- पांच लाख रुपये है। अपराधिक इतिहास अभियुक्त के ऊपर दो केस पहले से दर्ज है मु.अ.स.-40/16 धारा 406/420 आईपीसी थाना क्लेमेंट टाउन, देहरादून।मु.अ.स.-53/16 धारा 420/467/468/471 आईपीसी थाना क्लेमेंट टाउन, देहरादून। इससे बरामद हुऐ सामान का विवरण एक लैपटॉप,एक मोबाइल फोन,35 पासपोर्ट,16 रिज्यूम फॉर्म ,9 फर्जी वीजा कनाडा व दुबई,तीन फर्जी विजा अप्रूवल लेटर,21 LMIA फॉर्म, अभियुक्त के बैंक खातों में जमा रुपया, जिन्हें फ्रिज कराया गया।
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