मनुष्य जीवन पर नियंत्रण तथा स्थायित्व केवल योग से ही संभव – जग्गी वासुदेव

हरिद्वार – योग, संस्कृति व हिन्दुत्व की पोषक व मानव सेवा में समर्पित संस्थान ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु जग्गी वासुदेव का आज पतंजलि आगमन हुआ। इस अवसर पर पतंजलि विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में  स्वामी रामदेव  ने शॉल ओढ़ाकर सद्गुरु का भव्य स्वागत किया। कार्यक्रम में श्रद्धेय सद्गुरु ने कहा कि  स्वामी रामदेव के दिशानिर्देशन में पतंजलि निःस्वार्थ भाव से समाज सेवा का महान् कार्य कर रहा है। 


 सद्गुरु ने कहा कि हमें स्वयं जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में जागरूक रहने की आवश्यकता है। उदाहरण के तौर पर जब हम अंधकार में रहते हैं तो ज्यादा सतर्क व सजग रहते हैं और एक-एक कदम सोच-समझकर रखते हैं किन्तु प्रकाश मिलते ही हम असावधान हो जाते हैं। हम प्रत्येक क्षण चेतन अवस्था में क्यों नहीं रहते, हमें 24 घण्टे चेतन रहना है क्योंकि हमें यह जीवन दोबारा नहीं मिलेगा। समय व्यर्थ न करें, अपनी सोच, भावनाओं व विचारों को सकारात्मक रखें। उन्होंने कहा कि मनुष्य में अपार बुद्धिमत्ता व जागरूकता है किन्तु मनुष्य का उस पर नियंत्रण नहीं है। यह नियंत्रण तथा स्थायित्व केवल योग से ही संभव है। उन्होंने कहा कि आज की शिक्षा प्रणाली यह नहीं सिखाती कि समस्या क्या है और इसका हल कैसे किया जा सकता है। जीवन बिल्कुल वैसा ही है जैसा आप सोचने लगते हैं। योग जीवन को स्टेबल रखता है। योग आपके शरीर को शारीरिक व मानसिक स्तर पर ऊर्जावान रखता है। सभी को अपने जीवन में योग का समावेश करना चाहिए।  


इस अवसर पर  स्वामी रामदेव  ने कहा कि श्रद्धेय सद्गुरु ने कॉन्शियस प्लेनेट नाम से एक बहुत बड़ा अभियान चलाया है। इस संबंध में जागरूकता फैलाने के लिए श्रद्धेय सद्गुरु संसार के बड़े-बड़े विद्वानों और नागरिकों से संवाद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस सारी सृष्टि या इस सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड के हम ट्रस्टी हैं, और एक ट्रस्टी होने के नाते इस अस्तित्व के प्रति, इस पर्यावरण, प्रकृति और इस सम्पूर्ण अस्तित्व के प्रति हमारी भी कुछ जिम्मेदारी है। मात्र कुछ पौधे लगाना, कुछ जल संरक्षण के लिए कार्य करना, मृदा संरक्षण करना, ये बिन्दू मात्र हैं। इस सारे अस्तित्व ने हमें बनाया है। इसके संरक्षण के प्रति हमारी भी जिम्मेदारी है और उसके लिए हम श्रद्धेय सद्गुरु द्वारा संचालित अभियान का पूरे पतंजलि योगपीठ परिवार की ओर से अभिनंदन करते हैं। स्वामी रामदेव ने कहा कि श्रद्धेय सद्गुरु जीवन के विविध आयामों में- शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक, भावनात्मक अलग-अलग प्रकार से कॉन्शियसनेस सामाजिक, राजनैतिक व आध्यात्मिक दृष्टिकोण से क्रिएट कर रहे हैं। हम सब इसके हमसफर हैं, हमराही हैं।


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