उत्तराखण्ड में धर्म स्वतंत्रता अधिनियम 2018 को और सख्त बनाया जायेगा - मुख्यमंत्री

  देहरादून – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी  ने उत्तराखण्ड पुलिस की समीक्षा बैठक भी ली। बैठक में सी एम ने कहा कि पुलिस में खेल कोटे की भर्ती शुरू की जायेगी। पीएसी के जवानों को बसों की व्यवस्था की जायेगी। उत्तराखण्ड में शीघ्र एंटी ड्रग पॉलिसी बनायी जायेगी। पुलिस विभाग में रिक्त पदों पर जल्द भर्ती की जायेगी। पुलिस विभाग के आरक्षियों के ग्रेड पे के संबंध में  कैबिनेट सब कमेटी का गठन किया गया है।


इसमें जल्द उचित समाधान निकाला जायेगा।इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने एसडीआरएफ द्वारा पर्यावरण संरक्षण, कोविड जागरूकता, हानिकारक कूड़े के निस्तारण व जोखिम पूर्ण स्थानों के चिन्हीकरण के लिए चलाये जा रहे माउण्ट गंगोत्री-1 पर्वतारोहण अभियान का फ्लैग ऑफ भी किया। इंस्पेक्टर एसडीआरएफ अनीता गैरोला के नेतृत्व में 09 सितम्बर से 30 सितम्बर तक चलाया जायेगा। अभियोगों की विवेचना में गुणात्मक सुधार तथा सफल अनावरण को मुख्यमंत्री द्वारा विवेचकों को स्मार्ट एविडेंस टूलकिट टेबलेट प्रदान किये गये।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि  उत्तराखण्ड धर्म स्वतंत्रता अधिनियम 2018 को और सख्त बनाया जायेगा।

बाहरी राज्यों से उत्तराखण्ड में आने वाले लोगों के सत्यापन की प्रक्रिया को और मजबूत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पुलिस व्यवस्था किसी भी राज्य की सुरक्षा एवं समृद्धि का एक आवश्यक अंग है। उत्तराखंड पुलिस द्वारा राज्य में अच्छा कार्य किया जा रहा है।

इनामी अपराधियों को पकड़ने हेतु पुरस्कार राशि बढ़ायी जाएगी। कोरोना काल में पुलिस द्वारा मिशन हौंसला के तहत सराहनीय कार्य किया गया।  उत्तराखण्ड पुलिस को आधुनिक बनाने में जो भी आवश्यकता होगी उसे पूरा करने का प्रयास किया जायेगा। उन्होंने कहा कि  कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल, सब इंस्पेक्टर एवं इंस्पेक्टर को कोविड-19 में उनके द्वारा किये जा रहे सराहनीय कार्यों एवं सेवाओं 10 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि जल्द दी जायेगी।

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने पुलिस विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि साइबर क्राइम को रोकने के लिए लिए ठोस रणनीति बनाई जाय। यातायात के नियमों, रोड सेफ्टी के प्रति लगातार जागरूकता अभियान चलाया जाय। ट्रैफिक लाइट एवं सीसीटीवी निगरानी की समुचित व्यवस्था की जाय। कार्यों के प्रति प्रत्येक स्तर पर अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाय। थाना या चौकी स्तर के मामले जिले स्तर पर न आए। जिला स्तर के मामले मुख्यालय स्तर एवं शासन स्तर पर न आये। जिसकी जो जिम्मेदारी है, अपने स्तर पर शीघ्र उसका समाधान करें। महिला सुरक्षा, यातायात प्रबंधन, नशा मुक्ति एवं साइबर क्राइम जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए विशेष योजनाएं बनाई जाय।इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव  आनन्द बर्द्धन, पुलिस महानिदेशक  अशोक कुमार, सचिव अमित नेगी, अरविन्द सिंह ह्यांकी एवं पुलिस के सभी वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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